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Monday, 18 November, 2024
होमरिपोर्टकश्मीरी पंडित राहुल भट की मौत पर भारी विरोध प्रदर्शन, एलजी प्रशासन से सुरक्षा की मांग

कश्मीरी पंडित राहुल भट की मौत पर भारी विरोध प्रदर्शन, एलजी प्रशासन से सुरक्षा की मांग

दो आतंकी राहुल पर बंदूक से गोलियां बरसाकर फरार हो गए, जिनका पता लगाने के लिए इलाके में तलाशी अभियान भी चलाया गया. आतंकी संगठन कश्मीर टाइगर्स ने इस हमले की जिम्मेदारी ली है.

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नई दिल्ली: मध्य कश्मीर के बडगाम जिले में बृहस्पतिवार को एक कश्मीरी पंडित कर्मचारी की आतंकवादियों ने सरकारी दफ्तर में गोली मारकर हत्या कर दी गई. शुक्रवार को सुबह बान तालाब श्मशान घाट पर राहुल भट का अंतिम संस्कार कर दिया गया. इस दौरान वहां मौजूद लोगों ने भारी मात्रा में विरोध प्रदर्शन किया और ‘राहुल भट अमर रहे’ के नारे लगाए.

विरोध प्रदर्शन में अमित ने कहा, एलजी प्रशासन को हमें सुरक्षा प्रदान करानी चाहिए. अगर ऐसा नहीं होता है तो भारी मात्रा में इस्तीफे देना शुरू कर देंगे.

राहुल भट के अंतिम संस्कार के दौरान अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक मुकेश सिंह, जम्मू संभागीय आयुक्त रमेश कुमार और जम्मू के जिला आयुक्त अवनी लवासा भी वहां मौजूद थे.

राहुल भट की मौत के बाद भारी मात्रा में कश्मीरी पंडितों का विरोध जारी है. इस बीच प्रशासन की तरफ से उन पर लाठी चार्ज करने की खबरें भी आ रही हैं. प्रदर्शन में मौजूद अपर्णा पंडित ने बताया, ‘प्रशासन जनता पर लाठीचार्ज और आंसू गैस के गोले छोड़ सकता है, तो क्या वे कल आतंकवादी को नहीं पकड़ पाते?’

दो आतंकी राहुल पर बंदूक से गोलियां बरसाकर फरार हो गए, जिनका पता लगाने के लिए इलाके में तलाशी अभियान भी चलाया गया. आतंकी संगठन कश्मीर टाइगर्स ने इस हमले की जिम्मेदारी ली है.

मृतक के परिजनों और रिश्तेदारों ने इस घटना की जांच की मांग की है. राहुल की पत्नी ने कहा, ‘वह कहते थे कि हर कोई उनके साथ अच्छा व्यवहार करते हैं और कोई उसे नुकसान नहीं पहुंचा सकता. फिर भी किसी ने उनकी रक्षा नहीं की, उन्होंने (आतंकवादियों ने) किसी से उनके बारे में पूछा होगा, नहीं तो उन्हें कैसे पता चलता.’

राहुल भट की मां ने कहा, ‘हम चाहते हैं कि सरकार उसके बेटे को, पत्नी को नौकरी दे.’

राहुल के पिता ने कहा, ‘मैं इस बात की जांच चाहता हूं कि कैसे आतंकवादी एक सरकारी कार्यालय में घुस गए और मेरे बेटे की गोली मारकर हत्या कर दी. सरकार घाटी में कश्मीरी पंडितों के दोबारा बसाने की बात करती है, लेकिन उसके अपने पंडित कर्मचारी सरकारी दफ्तरों में सुरक्षित नहीं है.’

कश्मीर से कश्मीरी पंडितों के पलायन पर फिल्म बनाने वाले विवेक अग्निहोत्री ने भी इस घटना पर टिप्पणी की है. उन्होंने ट्विटर पर लिखा, हे भगवान! अभी-अभी आतंकवाद की इस बर्बर हरकत के बारे में पता चला. #RahulBhat की हत्या कश्मीरी हिंदुओं के सबसे लंबे, निरंतर नरसंहार का प्रमाण मात्र है. अभी भी सदमे में हूं. परिवार के साथ मेरी प्रार्थना है.

 

प्रदर्शन कर रहे अमित ने बताया, ‘पिछले 3 महीने में ये हमारे समुदाय में तीसरी हत्या है। हमें सरकार से सुरक्षा चाहिए.’

आतंकवादियों ने चडूरा शहर में तहसील कार्यालय के भीतर राहुल भट नामक क्लर्क की गोली मारकर हत्या कर दी थी। भट को प्रवासियों के लिए विशेष नियोजन पैकेज के तहत 2010-11 में सरकारी नौकरी मिली थी.

शिवसेना के नेता संजय राउत ने कहा, ‘पता नहीं पिछले 7 सालों में कितनी कश्मीरी पंडित कश्मीर लौटे होंगे. गृह मंत्रालय को इस पर गंभीरता से सोचने की जरूरत है. अभी पाकिस्तान पर उंगली नहीं उठाते पहले देखते हैं कि हम कश्मीरी पंडितों के लिए क्या कर सकते हैं.’


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