scorecardresearch
Friday, 22 November, 2024
होमदेशकोरोना से बिगड़े एमपी के हालात, इंदौर में अंतिम संस्कार स्थलों पर भी भारी दबाव, ग्वालियर में लगेगा लॉकडाउन

कोरोना से बिगड़े एमपी के हालात, इंदौर में अंतिम संस्कार स्थलों पर भी भारी दबाव, ग्वालियर में लगेगा लॉकडाउन

इंदौर कोविड-19 से सबसे ज्यादा प्रभावित जिला है जहां इसकी दूसरी लहर के प्रकोप के कारण सारे प्रमुख अस्पताल मरीजों से भर गए हैं. इसके साथ ही, महामारी के कारण दम तोड़ने वाले लोगों के आंकड़े में भी लगातार इजाफा हो रहा है.

Text Size:

इंदौर (मध्यप्रदेश): कोरोना कर्फ्यू (लॉकडाउन) के कारण यहां इन दिनों सन्नाटा पसरा है. लेकिन अंतिम संस्कार स्थलों में शव लाने वाली एम्बुलेंस का सायरन और महामारी के हाथों अपनों को खोने वाले लोगों के विलाप के स्वर रह-रहकर गूंज रहे हैं.

अधिकारियों ने बताया कि इंदौर, सूबे में कोविड-19 से सबसे ज्यादा प्रभावित जिला है जहां इसकी दूसरी लहर के प्रकोप के कारण सारे प्रमुख अस्पताल मरीजों से भर गए हैं. इसके साथ ही, महामारी के कारण दम तोड़ने वाले लोगों के आंकड़े में भी लगातार इजाफा हो रहा है.

शहर के रीजनल पार्क मुक्तिधाम के एक कर्मचारी ने नाम जाहिर न किए जाने की शर्त पर मंगलवार को बताया, ‘इस श्मशान में आज सुबह से दोपहर तक करीब 15 शव पहुंच चुके थे. इनमें से 12 लोगों का अंतिम संस्कार कोविड-19 के प्रोटोकॉल के मुताबिक किया गया.’

उन्होंने बताया कि रीजनल पार्क मुक्तिधाम के शेड में आमतौर पर एक साथ 12 शवों के दाह संस्कार का इंतजाम है. लेकिन कोरोनावायरस संक्रमण काल में सुविधाओं को बढ़ाकर एक साथ 35 चिताएं जलाने का इंतजाम किया गया है.

कर्मचारी ने बताया, ‘आपात स्थिति के बारे में सोचकर हमने रीजनल पार्क मुक्तिधाम में एक भूखंड भी तैयार रखा है जहां 15 और चिताएं जलाई जा सकती हैं. इस तरह मुक्तिधाम में एक साथ 50 चिताएं जलाई जा सकती हैं.’

ग्वालियर में भी लॉकडाउन

ग्वालियर में भी लॉकडाउन लगा दिया गया है. क्राइसिस मैनेजमेंट की बैठक में जिला प्रशासनिक अधिकारियों और जन प्रतिनिधियों ने फैसला लिया कि जिले में 15 अप्रैल से 7 दिन के लिए कोरोना कर्फ्यू घोषित किया है. रात 10 बजे से सुबह छह बजे तक यह कर्फ्यू लागू रहेगा. कोरोना संक्रमण की रोकथाम करने के लिए फैसला लिया गया है.

उन्होंने बताया कि पार्थिव शरीर को अग्नि के हवाले किए जाने के बाद मुक्तिधाम की ओर से दिवंगत व्यक्ति के परिजनों को टोकन दिया जाता है जिस पर लिखे नम्बर की मदद से वे उसकी जली चिता की पहचान कर राख से अस्थि संचय करते हैं.

कर्मचारी ने बताया, ‘हिंदुओं की धार्मिक परंपराओं के मुताबिक अस्थि संचय की रस्म आमतौर पर दाह संस्कार के तीसरे दिन होती है. लेकिन मुक्तिधाम में अर्थियां ज्यादा आने से हम लोगों से अनुरोध कर रहे हैं कि वे दिवंगत स्वजन की अस्थियां अगले ही दिन सहेज लें ताकि नयी चिताओं को स्थान मिल सके.’

स्वास्थ्य विभाग के नियमित बुलेटिन में बताया गया कि पिछले 24 घंटे के दौरान इंदौर जिले में 18 प्रतिशत की ऊंची संक्रमण दर के साथ महामारी के 1,552 नये मरीज मिले जो दैनिक स्तर पर इसके मामलों का अब तक का सबसे बड़ा आंकड़ा है. बुलेटिन के मुताबिक पिछले 24 घंटे के दौरान जिले में छह संक्रमितों ने इलाज के दौरान दम तोड़ दिया.

सरकारी आंकड़ों के मुताबिक करीब 35 लाख की आबादी वाले जिले में 24 मार्च 2020 से लेकर अब तक कोरोना वायरस संक्रमण के कुल 80,986 मरीज मिले हैं. इनमें से 1,011 लोगों की इलाज के दौरान मौत हो चुकी है.

इस बीच, गैर सरकारी संगठन ‘जन स्वास्थ्य अभियान मध्यप्रदेश’ के सह समन्वयक अमूल्य निधि ने दावा किया कि प्रशासन द्वारा महामारी के मरीजों और मृतकों के सही आंकड़े सार्वजनिक नहीं किए जा रहे हैं. उन्होंने कहा, ‘अस्पतालों, श्मशानों और कब्रिस्तानों की मौजूदा स्थिति महामारी को लेकर जारी होने वाले सरकारी आंकड़ों की पोल खोल रही है.’


यह भी पढ़ें: कोविड से संक्रमित हुए अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत नरेंद्र गिरी, ऋषिकेश एम्स में भर्ती


 

share & View comments