रायपुर: मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने मंगलवार को राजधानी रायपुर के इंडोर स्टेडियम में आयोजित श्रमिक महासम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा कि छत्तीसगढ़ के विकास और निर्माण में श्रमवीरों की भूमिका अतुलनीय है. उन्होंने कहा कि श्रमिक समाज की रीढ़ हैं और उनके परिश्रम से ही विकसित छत्तीसगढ़ और विकसित भारत का सपना पूरा होगा.
इस मौके पर मुख्यमंत्री ने श्रमिकों के लिए कई महत्वपूर्ण घोषणाएं कीं. उन्होंने कहा कि दीदी ई-रिक्शा योजना की सहायता राशि 1 लाख से बढ़ाकर 1.50 लाख रुपये की जाएगी. वहीं, मकान निर्माण हेतु श्रमिकों को दी जाने वाली राशि भी 1 लाख से बढ़ाकर 1.50 लाख रुपये कर दी गई है. इसके अलावा पंजीकृत श्रमिकों की स्वास्थ्य जांच और इलाज का पूरा खर्च अब श्रम विभाग उठाएगा.
मुख्यमंत्री ने कहा कि आज 1 लाख 84 हजार से अधिक श्रमिकों को 65.16 करोड़ रुपये की सहायता राशि विभिन्न योजनाओं—दीदी ई-रिक्शा सहायता योजना, मिनीमाता महतारी जतन योजना, निर्माण श्रमिक मजदूर सुरक्षा उपकरण सहायता योजना, मुख्यमंत्री नोनी सशक्तिकरण योजना, छात्रवृत्ति योजना आदि—के अंतर्गत सीधे खातों में ट्रांसफर की गई है.
साय ने कहा कि पारदर्शिता सरकार की पहचान है और किसानों-श्रमिकों का पैसा सीधे उनके खातों में पहुंच रहा है. उन्होंने बताया कि ई-श्रम पोर्टल से श्रमिकों को बड़ी राहत मिली है और अब अपंजीकृत श्रमिक की कार्यस्थल पर मृत्यु होने पर भी 1 लाख रुपये की सहायता राशि मिलेगी.
उन्होंने शिक्षा पर जोर देते हुए अटल उत्कृष्ट शिक्षा योजना और श्रमिकों के बच्चों के लिए आईआईटी, जेईई, नीट और सीए जैसी परीक्षाओं की निःशुल्क कोचिंग योजना का उल्लेख किया. इसके साथ ही उन्होंने बताया कि दिल्ली में यूपीएससी की तैयारी कर रहे विद्यार्थियों के लिए ट्राइबल हॉस्टल में सीटें 50 से बढ़ाकर 185 कर दी गई हैं.
इस मौके पर श्रम मंत्री लखन लाल देवांगन ने कहा कि श्रमिकों की देश और प्रदेश के विकास में अहम भूमिका है. उन्होंने कहा कि श्रम विभाग के जरिए अभी 72 योजनाएं संचालित हो रही हैं और लगातार श्रमिकों को इसका लाभ दिया जा रहा है.
समारोह में कृषि मंत्री रामविचार नेताम, वित्त मंत्री ओपी चौधरी, वन मंत्री केदार कश्यप, खाद्य मंत्री दयाल दास बघेल, सांसद बृजमोहन अग्रवाल समेत कई विधायक, जनप्रतिनिधि और अधिकारी उपस्थित रहे.