लखनऊ: उत्तर प्रदेश सरकार ने थारू जनजाति की आजीविका सुधार और आत्मनिर्भरता के लिए विशेष कदम उठाए हैं. प्रदेश के तीन जनपदों में थारू जनजाति के 371 समूह गठित किए गए हैं. प्रत्येक समूह को 30 हजार रुपये का रिवॉल्विंग फंड और 1.5 लाख रुपये का कम्युनिटी इंवेस्टमेंट फंड (सीआईएफ) प्रदान किया गया है. इसका उद्देश्य छोटे उद्योग शुरू करने और आर्थिक आत्मनिर्भरता को बढ़ावा देना है.
लखीमपुर खीरी के पलिया ब्लॉक में थारू हस्तशिल्प कंपनी की स्थापना की गई है. यह कंपनी FDRVC के सहयोग से बनी है, जिसका मकसद थारू शिल्पकारों की पारंपरिक कला को संगठित करना और उनके उत्पादों को राष्ट्रीय व अंतरराष्ट्रीय बाजार तक पहुंचाना है.
सरकार का कहना है कि इन पहलों से थारू समुदाय की आय में वृद्धि होगी और उन्हें रोजगार के अवसर मिलेंगे. आगे अन्य विशेष जनजातियों और वनवासी समुदायों को भी इसी मॉडल पर सशक्त बनाने की योजना है.
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