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Friday, 22 November, 2024
होमदेशभारी भीड़, स्क्रीन, गुब्बारे —पैरोल पर बाहर आए राम रहीम की वर्चुअल मौजूदगी में भी डेरा की रौनक लौटी

भारी भीड़, स्क्रीन, गुब्बारे —पैरोल पर बाहर आए राम रहीम की वर्चुअल मौजूदगी में भी डेरा की रौनक लौटी

बलात्कार और हत्या के दोषी गुरमीत राम रहीम को 40 दिन की पैरोल पर बाहर आने का मौका मिलने के बाद से ही डेरा सच्चा सौदा के सिरसा स्थित परिसर में वर्चुअल आशीर्वाद के लिए बड़ी संख्या में भक्त जुटने लगे हैं.

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सिरसा, हरियाणा: हरियाणा के सिरसा स्थित डेरा सच्चा सौदा के विशाल परिसर में आजकल एकदम जश्न का माहौल है. आखिरकार, इसके नेता गुरमीत राम रहीम सिंह इंसा फिलहाल जेल से बाहर जो आ गए हैं. इसके साथ ही धार्मिक संप्रदाय वाले इस परिसर में एक बार फिर सत्संग, लंगर और तेज धुनों के साथ भजन कार्यक्रमों का दौर शुरू हो गया है.

हालांकि, डेरा प्रमुख की उपस्थिति पूरी तरह वर्चुअल है क्योंकि वह फिलहाल उत्तर प्रदेश के बागपत जिले के बरनवा स्थित अपने आश्रम में रह रहे हैं. लेकिन यह दूरी कोई मायने नहीं रखती क्योंकि वह अक्सर जूम और यूट्यूब के माध्यम से स्क्रीन पर लाइव मौजूद रहते हैं. प्रोजेक्टर, स्क्रीन, गुब्बारों से घिर राम रहीम उसी स्टेज पर नजर आते हैं, जहां बैठकर वह हमेशा अपने भक्तों के भीड़ को संबोधित करते थे.

यही नहीं, सिरसा में मौजूद न होने के बावजूद उनकी वहां पर लगातार नजर रहती है. दिप्रिंट ने सोमवार को जब डेरा का दौरा किया तो एक सेवादार कुछ अनुयायियों को एक जगह पर इकट्ठा करने में व्यस्त था. उसने बताया, ‘पिताजी को एक फिल्म बनाकर भेजनी है.’

राम रहीम को यहां के ज्यादातर लोग पिताजी ही कहते हैं. अनुयायियों के लिए यह शब्द एक प्रेम भरा संबोधन है.

जब से डेरा प्रमुख को 14 अक्टूबर को रोहतक की सुनारिया जेल से 40 दिनों की पैरोल मिली है, वह नियमित रूप से ऑनलाइन प्रवचन और परस्पर संवाद कार्यक्रम में हिस्सा ले रहे हैं. गौरतलब है कि वह दो शिष्याओं के बलात्कार और एक पत्रकार और एक डेरा प्रबंधक की हत्या के मामले में सजा काट रहे हैं.

पैरोल मिलने के बाद, गुरमीत राम रहीम बरनावा में एक लाइव-स्ट्रीम कार्यक्रम में | यूट्यूब स्क्रीनग्रैब / सेंट एमएसजी

उनके भक्तों के लिए चुनाव किसी अच्छे अवसर से कम नहीं है, क्योंकि उन्हें (राम रहीम) सभी चार फर्लो हरियाणा और पंजाब में चुनावी तारीखों के आसपास ही मिली थीं. इन दोनों ही राज्यों में उनके अनुयायियों की अच्छी-खासी तादात है और माना जाता है कि खासकर दलितों के बीच वह काफी राजनीतिक असर रखते है.

इस बार, हरियाणा में आदमपुर उपचुनाव और पंचायत चुनावों से ठीक पहले उन्हें पैरोल दी गई थी. उनके पहले वर्चुअल सत्संग के लिए करनाल में राज्य भाजपा के कई नेताओं ने उनका आशीर्वाद पाने के लिए लॉग-इन किया था.

पिछले महीने डेरा नेता को आशीर्वाद लेने वाले एक अन्य भाजपा नेता हिमाचल प्रदेश के परिवहन मंत्री बिक्रम ठाकुर थे, जहां 12 नवंबर को वोट डाले जाने हैं. डेरा सच्चा सौदा ने 2014 के हरियाणा चुनावों में भाजपा का समर्थन किया था और माना जाता है कि इसकी वजह से कुछ जिलों में पार्टी को जीत हासिल करने में मदद मिली थी.

लेकिन कहीं अन्य की तुलना में सिरसा ही वो जगह हैं जहां आपराधिक मामलों में दोषी ठहराए जाने के बावजूद राम रहीम को किसी देवता की तरह पूजा जाता है.


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‘अब भी सत्संग के दौरान हॉल में नहीं बचती है जगह’

डेरा सच्चा सौदा मुख्यालय की ओर जाने वाली व्यस्त सड़क पर दोनों तरफ जो होटल, दुकानें और अस्पताल हैं, उनके नाम या तो सच्चा से शुरू होते हैं या फिर ‘एमएसजी’ से, जो खुद को ‘ईश्वरीय दूत’ बताने वाले राम रहीम का उपनाम है.

धनुष के आकार वाले प्रवेश द्वार पर पहुंचने के बाद आगंतुकों को अपने फोन और कैमरे वहीं जमा कराने होते हैं और फिर तीन स्तरीय जांच के बाद ही सत्संग क्षेत्र तक पहुंचा जा सकता है. सत्संग क्षेत्र ऊपर से कवर्ड एक मैदान है जो लगभग दो फुटबॉल ग्राउंड के बराबर है.

दिप्रिंट ने सोमवार को यहां का दौरा किया, तो पाया कि बच्चों, गर्भवती महिलाओं और लाठी के सहारे चलने वाले बुजुर्गों तक तमाम लोग वहां मौजूद थे. कैंटीन में स्नैक्स मिल रहे थे और जगह-जगह भक्ति संगीत बज रहा था. स्क्रीन पर लगातार राम रहीम की तस्वीरें दिखाई जा रही थीं. एक लंगर भी चल रहा था, जिसमें दाल-रोटी परोसी जा रही थी. लेकिन खाने के बाद बर्तन आपको खुद धोने थे.

सिरसा में डेरा सच्चा सौदा परिसर का एक दृश्य | क्रेडिट: दिशा वर्मा | दिप्रिंट

यह सारी चीजें व्यवस्थित तरीके से चलाने के लिए सेवादार तैनात हैं जिनका दिन सुबह 3 बजे प्रार्थना के साथ शुरू होता है और फिर वे डेरा के लिए अपनी सेवाएं देते हैं. वैसे तो यहां पर हमेशा ही लोग मौजूद होते हैं, लेकिन सबसे ज्यादा भीड़ लाइव सत्संग के दौरान होती है.

हर रोज ही यहां आने वाले एक भक्त ने बताया, ‘जब पिताजी यहां आते थे तब तिल रखने की भी जगह नहीं बचती थी. लेकिन अभी भी सत्संग के दौरान हॉल लगभग भर जाता है.’


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भारतीय संस्कृति और विज्ञान पर प्रवचन

इस बात को लेकर काफी आलोचना हो रही है कि बलात्कार और हत्या का एक दोषी सत्संग कर रहा है, लेकिन राम रहीम का दावा है कि देश ही नहीं दुनिया भर के विभिन्न हिस्सों से ‘लाखों लोग’ उनके ऑनलाइन कार्यक्रमों में शामिल हो रहे हैं.

वह ऑनलाइन कार्यक्रमों में अपने भक्तों का अभिवादन ‘ओम हरि अल्लाह वाहेगुरु राम परम पिता परमात्मा की चर्चा में आने के लिए स्वागत है,’ के साथ करते हैं. फिर तमाम तरह के विषयों पर चर्चा-परिचर्चा करते हैं, जो कि वायु प्रदूषण, पानी की कमी से लेकर हैं, नैतिक मूल्यों और सामाजिक समस्याओं तक पर केंद्रित होते हैं.

उन्होंने पिछले शनिवार को एक सत्संग के दौरान घोषणा की कि वैज्ञानिकों ने उनसे कहा है कि ‘पानी के कारण’ एक युद्ध होगा. इसी प्रवचन के दौरान उन्होंने कोरोना वायरस पर भी अपने विचार सामने रखे.

उन्होंने कहा, ‘वायरस एक आदमी की गलती हो सकती है लेकिन यह (मानवता पर) पर परोक्ष हमला भी हो सकता है. क्या पता (मनुष्यों द्वारा) इस तरह के और भी खतरनाक वायरस तैयार किए जाएं’

एक प्रवचन में उन्होंने बताया कि कैसे हिंदू गाथाओं का पौराणिक चरित्र रावण एक ‘वैज्ञानिक’ था, जो भोजन पकाने के लिए सौर और चंद्र ऊर्जा का उपयोग करता था. इसी दौरान उन्होंने कुछ भी भारतीय संस्कृति के बराबर न होने की ‘गारंटी’ देते हुए भारतीय संस्कृति के पश्चिमीकरण’ पर अफसोस भी जताया.

उन्होंने कहा, ‘भारत के बाहर लोग 8-10 शादियां कर लेते हैं. बच्चे अपने माता-पिता को नहीं जानते. जब मैंने विदेशों में कुछ जगहों पर बच्चों से पूछा, तो उन्होंने कहा, मुझे नहीं पता कि मेरी मां कौन सी है. कम से कम हम इस सबसे तो बचे हैं.’


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डिजिटल प्रसाद, आशीर्वाद, म्यूजिक परफॉरमेंस

कभी-कभी राम रहीम अपने अनुयायियों को सिर्फ अपना प्रवचन सुनाते हैं, तो कभी-कभी जूम पर उनके साथ दोतरफा संवाद भी करते हैं. फिर चाहे डिजिटल प्रसाद बांटना हो या फिर नवविवाहितों और नवजात शिशुओं को आशीर्वाद देना.

इन वीडियोज़ में, स्प्लिट स्क्रीन पर कभी-कभी भक्तों को उनके अपने ही घरों में अक्सर बड़े समूहों एकत्र होकर अपने गुरु के लिए नाचते-गाते या कविता पाठ आदि के साथ पार्टी करते देखा जा सकता है.

राम रहीम ने रविवार को अपने सत्संग के दौरान हिमाचल प्रदेश, पश्चिम बंगाल, कर्नाटक, महाराष्ट्र, गुजरात, ओडिशा, मध्य प्रदेश, दिल्ली और हरियाणा से लॉग-इन करने वाले लोगों से बातचीत की. इस सत्संग में शामिल रहे पंद्रह लोगों ने खुद को बलूचिस्तान का निवासी बताया, जहां संप्रदाय के संस्थापक शाह मस्ताना जी महाराज का जन्म हुआ था.

डेरा संस्थापक के ‘अवतार माह’ का जश्न मनाने के लिए 31 अक्टूबर को आयोजित एक अन्य शानदार कार्यक्रम में राम रहीम ने पूरे उत्साह के साथ अपने अनुयायियों के लिए पॉवर-चार्ज्ड भजन गाए. इस कार्यक्रम में उन्होंने पांच लेयर वाला केक भी काटा.

कभी-कभी भक्तों को मिठाइयों का ‘आनंद’ लेने को भी मिलता है. डिजिटल प्रसाद के तौर पर भक्त राम रहीम को स्क्रीन पर विभिन्न मिठाइयों की तस्वीरें दिखाते हैं—राजस्थान के लड्डू, बंगाल के रसगुल्ले, कर्नाटक का मैसूर पाक. और वह उन्हें बताते हैं, ‘सब प्रसाद बन गया.’

एक अन्य ऑनलाइन गोष्ठी में राम रहीम ने नवजात शिशुओं के माता-पिता को गेस व्हाट्स माई नेम नामक एक डेरा बुकलेट खोलने की सलाह देते हैं. उन्होंने कहा, ‘दो पन्नों में से कोई भी नाम चुन लो. यह हमने दिया है.’

उनके अनुयायी जब तक संभव हो, यह सब करते रहना चाहते हैं. राम रहीम के 23 नवंबर को जेल लौटने के आसार हैं, बशर्ते उनकी पैरोल रद्द करने के लिए दी गई याचिका पर कोई अदालती फैसला न आ जाए.

(संपादनः शिव पाण्डेय)
(अनुवादः रावी द्विवेदी)

(इस लेख को पढ़नें के लिए यहां क्लिक करें)


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