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Wednesday, 17 April, 2024
होमराजनीतिगुजरात में BJP की उस पीढ़ी को लुभाने की कवायद, जिन्हें मोदी से पहले वाले 'मुश्किल दिन' याद नहीं

गुजरात में BJP की उस पीढ़ी को लुभाने की कवायद, जिन्हें मोदी से पहले वाले ‘मुश्किल दिन’ याद नहीं

कुल 4.9 करोड़ मतदाताओं में से 4.61 लाख मतदाता ऐसे हैं, जिनके जहन में दो दशक पहले वाले गुजरात की कोई यादें नहीं है. पार्टी को डर है कि यह वर्ग विपक्ष के सत्ता विरोधी अभियान की तरफ जा सकता है.

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अहमदाबाद: भारतीय जनता पार्टी गुजरात में सातवीं बार सत्ता पर काबिज होना चाहती है. लेकिन सत्तारूढ़ दल की सबसे बड़ी चुनौतियों में से एक उन युवा मतदाताओं को लुभाना है, जिनके पास न तो राज्य में कांग्रेस के शासन की कोई यादें हैं और न ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मुख्यमंत्री के रूप में शुरुआती वर्षों में किए गए कामों के बारे में कोई जानकारी.

दिसंबर में गुजरात चुनाव से पहले बीजेपी सोशल मीडिया विज्ञापनों, गुजरात की रैलियों में पीएम मोदी की बार-बार अपील और नर्मदा जल परियोजना जैसी परियोजनाओं को रेखांकित करके मतदाताओं के इस वर्ग तक पहुंचने का खास प्रयास कर रही है.

गुजरात भाजपा के एक पदाधिकारी ने दिप्रिंट को बताया, ‘18 से 35 साल के बीच के युवा मतदाताओं को 1995 से पहले के युग का गुजरात याद नहीं है, जब कांग्रेस सत्ता में थी. हमें उन्हें बताना होगा कि कैसे लोगों को पानी की तलाश में मीलों तक पैदल चलना पड़ता था, गुजरात के दूर-दराज के इलाकों में खेती और बागवानी करना कितना मुश्किल था और कैसे (पानी के) टैंकरों की जरूरत हुआ करती थी.’

उन्होंने कहा, ‘आज के युवा मतदाताओं ने मुश्किल दिन नहीं देखे हैं. जो हमारे लिए तब विलासिता थी, वह अब उनके लिए जरूरत है.’

पदाधिकारी के अनुसार, इस युवा मतदाता की विपक्ष के सत्ता विरोधी अभियान की तरफ चले जाने की सबसे अधिक संभावना है.

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गुजरात में 4.9 करोड़ की कुल मतदान आबादी में से, 4.61 लाख मतदाता पहली बार वोट डालेंगे. ये सभी 18-19 साल की उम्र के बीच के युवा हैं.

भाजपा सूत्रों के मुताबिक, पार्टी ने अपने ऑन-ग्राउंड कैडर को राज्य के हर घर में पहली बार वोट डालने जा रहे मतदाताओं की पहचान करने और उन्हें वोट देने के लिए रजिस्टर कराने में मदद करने का निर्देश दिया है.

गांधीनगर के एक भाजपा नेता ने कहा, ‘अगर वह सबसे पहले हमारे संपर्क में आ रहे हैं और अगर हम उन्हें बिना परेशान किए रजिस्टर करवा रहे हैं, तो हमारे पास उन्हें भाजपा के मतदाताओं में बदलने का एक मजबूत मौका है.’


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युवाओं को लक्षित करने के लिए अभियान

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने मंगलवार को ट्विटर पर तीन मिनट का एक एनीमेशन वीडियो साझा किया, जिसमें पीएम मोदी के मुख्यमंत्री वाले दिनों में गुजरात में पानी की आपूर्ति को बढ़ावा देने के प्रयासों के बारे में बताया जा रहा है. मोदी 2001 से 2014 तक गुजरात के मुख्यमंत्री रहे हैं.

वीडियो की शुरुआत साल 2001 के एक दृश्य से होती है. एक महिला हैंडपंप चलाते हुए, उससे पानी निकालने की पुरजोर कोशिश कर रही है. लेकिन पानी नहीं आता है. आखिर में महिला रोने लगती है, तभी अचानक से नरेंद्र मोदी प्रकट होते हैं. महिला को देखते हैं, सिर हिलाते हैं और फिर उन्हें विशेषज्ञों से यह जानते हुए दिखाया जाता है कि कैसे गुजरात का भूजल स्तर कम हो गया है और राज्य जल संकट के कगार पर है.

फिर एक सुपरहीरो की तरह वह वीडियो में एक कार्य योजना का अनावरण करते हैं. अर्थमूवर्स खुदाई करना शुरू करते हैं, नहरें और बांध बनाए जाते हैं. वीडियो उसी महिला के साथ खत्म होती है जिसे पहले निराशा में दिखाया गया था. अब वह खुशी के आंसू बहा रही है और अपने बर्तन से मोदी को पानी पिला रही होती है.

शाह ने ट्वीट किया, ‘हर देशवासी, खासकर गुजरात की युवा पीढ़ी को यह वीडियो जरूर देखना चाहिए, जिसमें राज्य के जल संकट से निपटने में मोदी की दूरदर्शिता और काम के बारे में बताया जा रहा है.’

पिछले महीने भाजपा की राज्य इकाई ने एक और सोशल मीडिया विज्ञापन रिलीज किया था. पार्टी का दावा है कि गुजरात में युवा नौकरी तलाशने वाले नहीं बल्कि नौकरी देने वाले बन गए हैं और भाजपा सरकार के 20 साल के कार्यकाल में राज्य को भारत के स्टार्टअप हब के रूप में जाना जाने लगा है.

भाजपा गुजरात युवा मोर्चा ने राज्य के युवा यानी पहली बार वोट देने जा रहे मतदाताओं को लुभाने के लिए ‘मोदी के लिए मेरा पहला वोट’ नामक एक अभियान भी शुरू किया है. इस अभियान में भाजपा युवा मोर्चा के नेता गुजरात के मुख्यमंत्री के रूप में मोदी के काम के बारे में बात करने और भाजपा के लिए छात्रों का समर्थन जुटाने के लिए राज्य भर के कॉलेजों में जा रहे हैं.


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गुजरात के युवाओं से मोदी की अपील

गुजरात में अपनी कई रैलियों में मोदी ने खुद सीधे तौर पर युवाओं से अपील की है कि वे शायद इस बात से अनजान हैं कि भाजपा के सत्ता में आने से दो दशक पहले राज्य कैसा था और उनके माता-पिता को किस तरह की ‘कठिनाइयों’ का सामना करना पड़ा था.

रविवार को गुजरात के वलसाड जिले के कपराडा में एक रैली को संबोधित करते हुए मोदी ने कहा कि दो दशक पहले हर जगह निराशा का माहौल था.

उन्होंने कहा, ‘यहां जो हमारे युवा मित्र हैं, उन्हें पता नहीं है कि उनके माता-पिता ने पिछले 20-25 सालों में क्या प्रयास किए हैं. उसी से हमारा गुजरात आगे बढ़ा है. यह समय तुम्हारा है, मेरे बच्चों. जो पहली बार मतदान कर रहे हैं अगले 25 साल उन्हीं के हैं.’

पिछले हफ्ते पंचमहल जिले के जंभूघोड़ा में आदिवासी आबादी को संबोधित करते हुए मोदी ने कहा, ‘आज से 20-25 साल पहले, जब आपने मुझे गुजरात की सेवा करने का मौका दिया था, हमारे आदिवासी भाइयों की क्या स्थिति थी? आज के आदिवासी युवा शायद यह भी नहीं जानते कि आप किन मुश्किलों में जी रहे थे.’

पिछले महीने एक अन्य भाषण में मेहसाणा जिले के मोढेरा में- जिस गांव को मोदी ने पूरे दिन सौर ऊर्जा से चलने वाला भारत का पहला गांव घोषित किया था- पीएम ने कहा, ‘मैं बहुत सारे युवाओं को देख सकता हूं, जो यहां मौजूद हैं. लेकिन मुझे नहीं पता कि 20-25 साल के ये बच्चे पहले के बारे में बहुत कुछ जानते हैं या नहीं.’

उन्होंने आगे कहा, ‘हमारे मेहसाणा जिले की स्थिति क्या थी? बिजली एक समस्या थी. यह इस बारे में नहीं है कि बिजली कब कटने वाली थी, बल्कि खबर इस बारे में थी कि हमें बिजली मिलेगी या नहीं. और पानी के लिए…. , हमारी बहनों को पानी के कंटेनर के साथ तीन किलोमीटर पैदल चलना पड़ता था.’

पीएम ने आगे कहा, ‘आज 20-25 साल के ये बच्चे इन समस्याओं को जानते तक नहीं हैं. जो युवा स्कूल-कॉलेज जाते हैं, उन्हें यह सुनकर और भी आश्चर्य होगा कि गुजरात में यह स्थिति थी… इन सबका सबसे ज्यादा असर हमारी (पिछली पीढ़ी की) उच्च शिक्षा पर पड़ा.’

(इस खबर को अंग्रेज़ी में पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें)


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