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Thursday, 3 October, 2024
होमडिफेंसदेश को आर्टिलरी गन का 155 मिलियन डॉलर का पहला एक्सपोर्ट ऑर्डर मिला, कल्याणी ग्रुप करेगा आपूर्ति

देश को आर्टिलरी गन का 155 मिलियन डॉलर का पहला एक्सपोर्ट ऑर्डर मिला, कल्याणी ग्रुप करेगा आपूर्ति

कंपनी ने अभी इस बात का खुलासा नहीं किया है कि किस देश को ये एक्सपोर्ट ऑर्डर मिला है. लेकिन ध्यान देने वाली बात है कि सऊदी अरब ने हाल ही में कंपनी द्वारा बनाए गए भारत 52, ए 155 एमएम, 52 कैलिबर टो हॉवित्जर का ट्रायल लिया था.

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नई दिल्ली: देश को पहली बार विदेश से तोपों के लिए 155 मिलियन डॉलर (1,200 करोड़ रुपये से अधिक) का एक्सपोर्ट ऑर्डर मिला है. एक प्राइवेट डिफेंस कंपनी कल्याणी स्ट्रेटेजिक सिस्टम्स इसकी आपूर्ति करेगी. हालांकि कंपनी ने अभी इस देश के नाम का खुलासा नहीं किया है.

एक नियामक फाइलिंग में कल्याणी ग्रुप के पार्ट ‘भारत फोर्ज’ ने बताया कि उनको एक ‘नॉन कॉन्फ्लिक्ट नेशन से तोप बनाकर देने का ऑर्डर मिला है. कंपनी ने यह भी कहा कि 155 एमएम आर्टिलरी गन प्लेटफॉर्म के ऑर्डर को तीन साल के भीतर पूरा करना है.

कंपनी ने यह खुलासा नहीं किया कि कितनी और किन तोपों का निर्यात किया जा रहा है और इन्हें खरीदने वाला देश कौन-सा है. हालांकि, इंडस्ट्री के सूत्रों ने संकेत दिया कि यह ऑर्डर मध्य पूर्वी राष्ट्र के लिए हो सकता है.

ये गन सऊदी अरब को दी जा सकती हैं, ऐसा इसलिए माना जा रहा है क्योंकि कुछ साल पहले कल्याणी ग्रुप ने भारत 52, ए155 एमएम, 52 कैलिबर टो हॉवित्जर को ट्रायल के लिए सऊदी अरब भेजा था. सूत्रों ने बताया कि 2020 में सऊदी सेना ने इन गनों का परीक्षण किया था. यह इस कंपनी द्वारा निर्मित पहली आर्टिलरी गन है और इसकी रेंज लगभग 41KMs है और यह 50 सेकंड में छह राउंड फायरिंग करने में माहिर है.

कल्याणी ग्रुप के पास 155 एमएम आर्टिलरी गन के कई वेरिएंट हैं, जिसमें एडवांस्ड टोड आर्टिलरी गन (ATAGS) भी शामिल है. इसे रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन के साथ साझेदारी में विकसित किया गया है.

भारत 52 और एटीएजीएस के बीच का अंतर यह है कि ATAGS के पास अन्य तकनीकी पहलुओं के अलावा हायर फायरिंग रेंज के साथ-साथ अधिक फायर रेट भी है. ATAGS, जिसने भारतीय सेना के फायरिंग ट्रायल को मंजूरी दे दी है. फिलहाल इसका मेटलर्जिकल टेस्ट चल रहा है.

भारत 52 के अलावा, भारत फोर्ज के पास 155 एमएम के कई गन सिस्टम हैं, जिनमें माउंटेड गन और अल्ट्रा-लाइट हॉवित्जर शामिल हैं.


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भारत की आर्टिलरी सिस्टम के लिए दूसरा ऑर्डर

भारत फोर्ज को मिला ऑर्डर भारत के आर्टिलरी सिस्टम के लिए दूसरा है. इस साल की शुरुआत में देश को गवर्नमेंट-टू-गवर्नमेंट के जरिए आर्मेनिया से पिनाका मल्टी-बैरल रॉकेट सिस्टम का ऑर्डर मिला था.

हालांकि कल्याणी समूह को अभी तक भारतीय सेना से अपने आर्टिलरी सिस्टम के लिए ऑर्डर नहीं मिला है.

मौजूदा समय में भारतीय सेना 1999 में परिकल्पित फील्ड आर्टिलरी रेशनलाइजेशन प्रोग्राम (एफएआरपी) का अपनाए हुए है. एफएआरपी के तहत, सेना के पास 2025-27 तक अलग-अलग तरह की लगभग 3,000-3,600 155एमएम गन आ जाएंगी. इनमें विभिन्न कैलिबर वाली टोड,माउंटेड, सेल्फ प्रोपेल्ड(ट्रैक और व्हील्ड) हॉवित्जर शामिल हैं.

इसे डायरेक्ट इम्पोर्ट, लाइसेंस मैन्युफैक्चरिंग और स्वदेशी के जरिए प्राप्त किया जाएगा.

(इस खबर को अंग्रेजी में पढ़नें के लिए यहां क्लिक करें)

(अनुवादः संघप्रिया मौर्य)
(संपादनः हिना फ़ातिमा)


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