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Friday, 22 November, 2024
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मदरसा योजना पर बोले UP के मंत्री अंसारी- ‘मुस्लिम स्वतंत्रता सेनानियों के बारे में भी पढ़ाया जाएगा’

योगी कैबिनेट में शामिल एकमात्र मुस्लिम मंत्री दानिश अंसारी ने भी बुलडोजर के इस्तेमाल पर सरकार का बचाव किया है, उनका कहना है कि यह ‘अपराधियों और माफियाओं’ को स्पष्ट संदेश देता है कि देश में कानून का ही राज चलेगा.

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लखनऊ: उत्तर प्रदेश में मदरसा छात्रों को देश की आजादी में अपने समुदाय के योगदान की जानकारी देने के लिए मुस्लिम स्वतंत्रता सेनानियों के बारे में पढ़ाना, योगी आदित्यनाथ सरकार 2.0 में कैबिनेट में शामिल एकमात्र मुस्लिम मंत्री दानिश आजाद अंसारी के एजेंडे में शामिल है.

अल्पसंख्यक कल्याण राज्य मंत्री अंसारी बुलडोजर कार्रवाई पर अपनी सरकार का बचाव भी करते हैं, उनका कहना है कि यह कदम ‘अपराधियों और माफियाओं के लिए एक संदेश है कि देश में कानून का ही राज चलेगा और भ्रष्टाचार के लिए कोई जगह नहीं है.’

कैबिनेट में सबसे उम्र के मंत्रियों में से एक 33 वर्षीय अंसारी ने दिप्रिंट को दिए इंटरव्यू के दौरान मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर तय की गई ‘100 दिनों की कार्ययोजना’ के तहत अपनी प्राथमिकताओं पर चर्चा की. इसमें मदरसा छात्रों को मुस्लिम स्वतंत्रता सेनानियों के बारे में पढ़ाया जाना, मदरसा छात्रों के लिए उनके पाठ्यक्रम पर आधारित एक मोबाइल एप्लिकेशन उपलब्ध कराना और वक्फ संपत्तियों को ‘अवैध कब्जे’ से मुक्त करना शामिल है.

उन्होंने यह भी कहा कि उत्तर प्रदेश शिक्षक पात्रता परीक्षा (यूपीटीईटी) की तर्ज पर मदरसा शिक्षकों की भर्ती परीक्षा कराने को लेकर भी चर्चा चल रही है. हालांकि, यह 100 दिन के एजेंडे का हिस्सा नहीं है.

पूर्वी यूपी के बलिया जिले से ताल्लुक रखने वाले अंसारी ने कहा कि उनका विभाग पाठ्यक्रम में अल्पसंख्यक समुदायों के स्वतंत्रता सेनानियों के बारे में जानकारी जोड़ने पर विचार कर रहा है, ताकि छात्रों को राष्ट्र के लिए अपने समुदाय के योगदान के बारे में पता चल सके.

मंत्री ने कहा, ‘यह पहले भी पढ़ाया जाता रहा है, और हम यह सुनिश्चित करने की योजना बना रहे हैं कि मदरसा छात्रों को उन खास स्वतंत्रता सेनानियों और उन महान व्यक्तित्वों के बारे में पढ़ाया जाए जिन्होंने देश को महान बनाने में योगदान दिया, ताकि हमारे मदरसा या अल्पसंख्यक संस्थानों के छात्र अपने समाज के बारे में समझ सकें. 100 दिनों के एजेंडे के तहत हम अल्पसंख्यक समाज के स्वतंत्रता सेनानियों के बारे में पढ़ाया जाना शुरू करने पर काम करेंगे.’

हालांकि, लखनऊ के मुस्लिम धर्मगुरु मौलाना सैफ अब्बास नकवी ने दिप्रिंट को बताया कि अल्पसंख्यक समुदाय के स्वतंत्रता सेनानियों के बारे में पढ़ाना मदरसों के लिए एक नई अवधारणा होगी.

अभी नामों को अंतिम रूप नहीं दिया गया है. अंसारी ने कहा कि हालांकि, सबसे पहले जो नाम दिमाग में आता है वह अशफाकउल्ला खान का है, देश को आजादी दिलाने में कई अन्य लोगों ने भी महत्वपूर्ण योगदान दिया है.

उन्होंने कहा, ‘हम अपने मदरसा छात्रों को उनके बारे में पढ़ाएंगे ताकि वे भी अपने समुदाय के स्वतंत्रता सेनानियों और राष्ट्र के प्रति उनकी सेवा के बारे में जान सकें.’

‘किसी भी व्यक्ति के खिलाफ कार्रवाई होगी, चाहे वह कितना भी पॉवरफुल क्यों न हो’

इन आरोपों पर कि पिछले कुछ महीनों में यूपी, मध्य प्रदेश और हाल ही में दिल्ली में ध्वस्तीकरण अभियान में संवैधानिक प्रावधानों को ताक पर रख दिया गया है, अंसारी ने अपनी प्रतिक्रिया अपने राज्य की घटनाओं तक ही सीमित रखी. उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री आदित्यनाथ ने साफ तौर पर निर्देश जारी किए थे कि इस तरह की कोई भी कार्रवाई कानून के दायरे में होनी चाहिए और असहाय और बेसहारा लोगों को कतई भी परेशान नहीं किया जाना चाहिए.

मध्य प्रदेश, गुजरात, कर्नाटक, झारखंड और दिल्ली में इस साल रामनवमी और हनुमान जयंती के जुलूसों में हिंसा के बाद बुलडोजर चर्चा का विषय बना हुआ है. ताजा घटना पिछले हफ्ते दिल्ली के जहांगीरपुरी में हुई, जहां सांप्रदायिक संघर्ष भड़कने के चार दिन बाद बुलडोजर चलाकर कई ढांचों को ध्वस्त कर दिया गया.

यूपी में योगी आदित्यनाथ को अक्सर ‘बुलडोजर बाबा’ कहा जाता है, क्योंकि उनकी सरकार ने कई बार अपराधियों और माफियाओं की अवैध संपत्तियां ढहाने के लिए बुलडोजर का इस्तेमाल किया है. उदाहरण के तौर पर 25 मार्च को सहारनपुर में पुलिस की एक टीम रेप के दो आरोपियों आमिर और आसिफ के घर बुलडोजर लेकर पहुंची और उनके घर का एक हिस्सा ढहा दिया. वहीं, इस महीने की शुरू में टांडा जिले में हत्या के एक आरोपी के घर को ध्वस्त कर दिया गया था, हालांकि इसके बाद जांच के आदेश दिए गए थे.

अंसारी ने कहा, ‘बिना किसी पूर्वाग्रह के किसी भी व्यक्ति के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी, चाहे वह कितना भी पॉवरफुल क्यों न हो, और यह आगे भी जारी रहेगी. यूपी के मुख्यमंत्री ने निर्देश दिया है कि किसी भी निर्दोष व्यक्ति को निशाना नहीं बनाया जाना चाहिए और अपराधियों को बख्शा नहीं जाना चाहिए.’

राष्ट्रगान का पाठ, राष्ट्रध्वज फहराना

कैबिनेट मंत्री धर्मपाल सिंह की टिप्पणी—जिसमें उन्होंने कहा था, ‘राज्य के मदरसों में छात्रों को राष्ट्रवाद सिखाया जाएगा’—और राष्ट्रगान के पाठ और सुबह की प्रार्थना के साथ राष्ट्रध्वज फहराना अनिवार्य करने के यूपी बोर्ड ऑफ मदरसा एजुकेशन के आदेश के बारे में पूछे जाने पर अंसारी ने कहा कि यह एक ‘सकारात्मक कदम’ है और ‘किसी भी सकारात्मक कदम को लागू किया जाना चाहिए.’

उन्होंने बताया कि इसके अलावा, मदरसों में शिक्षकों की भर्ती के लिए ‘यूपीटीईटी जैसी परीक्षा’ शुरू करने पर चर्चा जारी है, हालांकि यह 100-दिन के एजेंडे का हिस्सा नहीं है. साथ ही जोड़ा, ‘हम व्यवस्था में सुधार के लिए चर्चा कर रहे हैं. अगर कोई ठोस बात सामने आती है तो उसे साझा किया जा सकता है. एजेंडा यह है कि पारदर्शी व्यवस्था बनाई जाए. चर्चा जारी है…यह पाइपलाइन में है.’

अंसारी ने यह भी बताया कि मदरसा छात्रों को उनका पाठ्यक्रम मोबाइल फोन पर उपलब्ध कराने के लिए एक विशेष मोबाइल ऐप विकसित करने की भी तैयारी है.

वक्फ संपत्तियों पर ‘अवैध कब्जे’ के खिलाफ कार्रवाई

अंसारी ने कहा कि अल्पसंख्यक शिक्षा और रोजगार के साथ-साथ महिला सशक्तिकरण भी उनकी प्राथमिकता में शामिल है. इसके साथ ही वक्फ संपत्तियों पर अवैध कब्जे का सीमांकन भी सुनिश्चित किया जाना है ताकि उपयुक्त कार्रवाई की जा सके.

उन्होंने कहा, ‘वक्फ बोर्ड की संपत्तियां अल्पसंख्यक समुदाय की भलाई के लिए हैं. हालांकि, अवैध कब्जा (ऐसी कुछ संपत्तियों का) समुदाय के हितों को नुकसान पहुंचा रहा है. मेरी प्राथमिकताओं में यह सुनिश्चित करना भी शामिल है कि उन्हें अवैध कब्जे से मुक्त कराया जाए. हमने हर जिले से ऐसी संपत्तियों की सूची मांगी है और शिया और सुन्नी वक्फ बोर्डों से कहा गया है कि ऐसी संपत्तियों पर अवैध कब्जे को चिह्नित करें. पहले उन्हें नोटिस जारी किया जाएगा और उसके बाद कार्रवाई की जाएगी.’

‘अल्पसंख्यकों के विकास पर काम करेंगे’

अंसारी ने कहा कि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की सरकार पहले से ही पिछड़े सुन्नी मुसलमानों—जिस समुदाय से वह खुद भी आते हैं—तक पहुंचने की कोशिश कर रही है. उसका इरादा पिछड़े मुसलमानों के एक बड़े तबके बुनकर समुदाय के विकास के लिए उपयुक्त कदम उठाने का भी है.

उन्होंने यह दावा भी किया कि भाजपा को वोट देने वाले मुसलमानों का प्रतिशत बढ़ा है.

उन्होंने कहा, ‘पिछले चुनाव में भाजपा को जहां 4-5 फीसदी मुस्लिम वोट मिले थे, वहीं इस बार हमें करीब 8 फीसदी वोट मिले हैं. यह स्पष्ट तौर पर दर्शाता है कि मुसलमानों में भाजपा के प्रति विश्वास बढ़ा है और उन्होंने भाजपा सरकार में फिर से भरोसा जताया है. उन्होंने वोट के तौर पर हमें अपना आशीर्वाद दिया है. पूर्व से पश्चिम तक हर क्षेत्र में हम उनके विकास की योजनाओं पर काम कर रहे हैं. राज्य में बुनकर समुदाय की एक बड़ी संख्या है. उदाहरण के तौर पर भदोही में कालीन मजदूर हैं, आजमगढ़ में काली मिट्टी के बर्तन बनाने वाले मजदूर, मुरादाबाद में पीतल मजदूर हैं, बरेली में फर्नीचर मजदूर हैं. पूरे राज्य में अल्पसंख्यकों की अच्छी-खासी संख्या हैं और हम उन पर ध्यान दे रहे हैं और उनके विकास के लिए काम करते रहेंगे.’

अंसारी ने बताया कि सरकार पहले ही ओडीओपी (एक जिला एक उत्पाद) परियोजना के तहत समुदाय के हित में कदम उठा चुकी है और मऊ और गाजीपुर के साड़ी निर्माताओं के बारे में भी सोच रही है.

उन्होंने आगे कहा, ‘उन्हें ओडीओपी के तहत एक्सपोजर मिलना चाहिए. हमने पिछले पांच सालों में उनके लिए काम किया है. वे पहले से ही ओडीओपी के तहत फ्लिपकार्ट और एमेजॉन से जुड़े हुए हैं और हम ऐसी और ई-कॉमर्स कंपनियों को ओडीओपी से जोड़ने की योजना बना रहे हैं.’

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