नई दिल्ली: संसद में प्रस्तुत आंकड़ों के मुताबिक सरकार ने अप्रैल 2017 से चीनी मोबाइल हैंडसेट निर्माताओं द्वारा 9,075 करोड़ रुपये की कर चोरी का पता लगाया है, जिसमें से भारतीय कर अधिकारी अब तक केवल 1,630 करोड़ रुपये या 18 प्रतिशत ही वसूल कर पाए हैं.
इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी राज्य मंत्री राजीव चंद्रशेखर ने शुक्रवार को राज्यसभा में चीनी हैंडसेट निर्माताओं द्वारा कर चोरी पर एक प्रश्न का उत्तर दिया, और 2017-18 से अब तक पकड़ी गई कर चोरी और वसूली का वर्ष-वार विवरण प्रदान किया.
चंद्रशेखर ने यह भी कहा कि चीनी कंपनियां भारत में अच्छा खासा कारोबार करती हैं और यहां बड़ी संख्या में श्रमिकों को रोजगार भी देती हैं.
उन्होंने लिखित उत्तर में कहा, “भारत में 2021-22 में उनका संचयी कारोबार 1.5 लाख करोड़ रुपये होने का अनुमान लगाया गया था. उनके विनिर्माण कार्यों में उनके द्वारा उत्पन्न कुल प्रत्यक्ष रोजगार 75,000 से अधिक है. उनके पास लगभग 80,000 कर्मचारियों की बिक्री और ऑपरेशनल कार्यबल भी है.
मंत्री द्वारा उपलब्ध कराए गए आंकड़ों से पता चला है कि सरकार ने इन चीनी कंपनियों द्वारा बड़ी मात्रा में सीमा शुल्क और वस्तु एवं सेवा कर चोरी का पता लगाया है.
कुल मिलाकर, 1 जुलाई, 2023 तक 2017-18 से 2023-24 तक सीमा शुल्क की चोरी 7,966 करोड़ रुपये थी. इसके अलावा, जुलाई 2017 – जब जीएसटी लागू किया गया था – और जून 2023 के बीच जीएसटी की चोरी 1,109 करोड़ रुपये थी.
इसकी तुलना में, कर अधिकारियों ने सीमा शुल्क चोरी का केवल 604.5 करोड़ रुपये और जीएसटी चोरी का 1,026 करोड़ रुपये वसूल किया है.
मंत्रालय द्वारा संसद को उपलब्ध कराए गए आंकड़ों के अनुसार, सीमा शुल्क और जीएसटी दोनों की सबसे बड़ी चोरी ओप्पो मोबाइल इंडिया और श्याओमी टेक्नोलॉजी इंडिया ने की है.
सरकार ने कहा कि उसने ओप्पो मोबाइल इंडिया द्वारा 4,403.3 करोड़ रुपये की सीमा शुल्क चोरी का पता लगाया है – जो कुल सीमा शुल्क चोरी का लगभग 55 प्रतिशत है. इसमें से उसने अब तक सिर्फ 476.8 करोड़ रुपये ही वसूले हैं.
इसने कंपनी द्वारा 683 करोड़ रुपये की जीएसटी चोरी का भी पता लगाया है और अब तक 738 करोड़ रुपये की वसूली की है. यह स्पष्ट नहीं किया गया कि अतिरिक्त वसूली कहां से हुई.
सरकार ने यह भी कहा कि 2019-20 से 2021-22 तक श्योमी टेक्नॉलजी इंडिया द्वारा 682.5 करोड़ रुपये की सीमा शुल्क चोरी और जुलाई 2017 से 168.6 करोड़ रुपये की जीएसटी चोरी का पता लगाया गया है. इसमें से, उसने केवल 11 करोड़ रुपये के सीमा शुल्क और 82.04 करोड़ रुपये की जीएसटी की वसूली की है.
दिप्रिंट ने दोनों कंपनियों से उनकी टिप्पणियों के लिए ईमेल के माध्यम से संपर्क किया है और प्रतिक्रिया मिलने पर इसे अपडेट किया जाएगा.
संसद को दी गई जानकारी से पता चला कि सभी नौ मामलों में जहां सीमा शुल्क चोरी का पता चला था, कारण बताओ नोटिस, शुल्क और जुर्माना की वसूली और पूर्व-नोटिस परामर्श पत्र जारी करने के रूप में कार्रवाई की गई थी.
जीएसटी चोरी के 13 मामलों के संबंध में, जवाब में कहा गया: “जांच शुरू कर दी गई है और कंपनियों को लागू कर राशि/ब्याज/जुर्माना जमा करने के लिए राजी किया जा रहा है.”
(संपादनः शिव पाण्डेय)
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