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Wednesday, 26 June, 2024
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‘युवाओं को मौका मिलना चाहिए’ – अशोक गहलोत के CM पद छोड़ने की अटकलें हुईं तेज

कांग्रेस विधायक दल की बैठक रविवार शाम जयपुर में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के आवास पर होगी जिसमें राजस्थान में नेतृत्व परिवर्तन को लेकर प्रस्ताव पारित किया जाएगा.

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नई दिल्ली: कांग्रेस विधायक दल की बैठक रविवार शाम जयपुर में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के आवास पर होगी जिसमें राजस्थान में नेतृत्व परिवर्तन को लेकर प्रस्ताव पारित किया जाएगा.

प्रस्ताव में कहा जाएगा कि राजस्थान में चेहरा बदलने पर फैसला कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी करेंगी. राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत भी कांग्रेस अध्यक्ष चुनाव के लिए नामांकन दाखिल करने से पहले अपने पद से इस्तीफा दे सकते हैं. उन्होंने मीडिया से बात करते हुए इसके संकेत दिए हैं. उन्होंने कहा कि कहा कि नई पीढ़ी को नेतृत्व करने का मौका मिलना चाहिए. इसके बाद से ही उनके सीएम पद छोड़ने की अटकलें तेज हो गई हैं.

कांग्रेस के अध्यक्ष पद के उम्मीदवार और राजस्थान के सीएम अशोक गहलोत ने कहा, मैंने पहले कह चुका हूं कि अगर ऐसा होता तो चीजें मेरे नियंत्रण में होतीं, मैं 40 साल के लिए कई पदों पर रहा हूं लेकिन बिना किसी पद के भी मैं शांतिपूर्ण माहौल के लिए काम करता रहा हूं.’

उन्होंने रविवार दोपहर को जैसलमेर में कहा, पार्टी ने मुझ पर भरोसा किया है. सोनिया गांधी जी, उससे पहले इंदिरा गांधी जी, राजीव गांधी जी और राहुल गांधी जी. मैं नरसिम्हा राव जी के समय से मंत्री हूं. पार्टी ने मुझ पर भरोसा किया है. यह मेरा कर्तव्य है कि वे मुझे जो कुछ भी कहेंगे मैं उसे स्वीकार करूंगा.’

रविवार शाम 7 बजे होने वाली बैठक में अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी (एआईसीसी) राजस्थान के प्रभारी अजय माकन, राज्यसभा में विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे मौजूद रहेंगे.

बैठक के लिए जयपुर पहुंचने के बाद मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा कि मैं यहां विधायकों से मिलने आया हूं और उनसे मिलने के बाद ही उनकी राय बता सकता हूं.

इससे पहले शनिवार को अजय माकन ने कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी से मुलाकात की थी.

ऑल इंडिया कांग्रेस कमिटी के महासचिव केसी वेणुगोपाल ने कहा कि कांग्रेस अध्यक्ष ने मल्लिकार्जुन खड़गे और अजय माकन को जयपुर में रविवार शाम 7 बजे होने वाली राजस्थान कांग्रेस विधायक दल
की बैठक के लिए पर्यवेक्षक नियुक्त किया था.

पार्टी सूत्रों ने बताया कि सीएलपी बैठक में चर्चा और विचार-विमर्श के आधार पर पर्यवेक्षक तय करेंगे कि रविवार को अंतिम निर्णय की घोषणा की जाए या नई दिल्ली पहुंचने के बाद कोई जानकारी सार्वजनिक की जाए. पर्यवेक्षक सोमवार को राष्ट्रीय राजधानी लौट सकते हैं.

राजस्थान में यह एक सप्ताह के भीतर कांग्रेस विधायक दल की दूसरी बैठक है. पिछली बैठक 20 सितंबर को मुख्यमंत्री आवास पर उपराष्ट्रपति के सम्मान में दिए गए रात्रि भोज के बाद हुई थी.

गहलोत शुक्रवार को अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी (एआईसीसी) के अध्यक्ष पद के चुनाव के लिए अपनी उम्मीदवारी की घोषणा करने वाले पहले व्यक्ति बने थे. उन्होंने दावा किया था कि कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने उनसे कहा है कि पार्टी का अगला प्रमुख गांधी परिवार से नहीं होना चाहिए.

मुख्यमंत्री ने यह भी कहा था कि उनके उत्तराधिकारी के बारे में फैसला सोनिया गांधी और माकन करेंगे. गहलोत का यह बयान राहुल गांधी द्वारा ‘एक व्यक्ति, एक पद’ की अवधारणा का समर्थन करने के मद्देनजर आया था.

कोच्चि में गहलोत ने कहा था, ‘मैं (राजस्थान) लौटने के बाद तारीख (नामांकन पत्र जमा करने के लिए) तय करूंगा लेकिन मैंने फैसला किया है कि मुझे चुनाव लड़ना होगा. यह लोकतंत्र का सवाल है और आइए, हम एक नई शुरुआत करें.’

बाद में गहलोत ने शिरडी में कहा था कि ‘एक व्यक्ति, एक पद’ पर बहस अनावश्यक है और वह ताउम्र अपने राज्य के लोगों की सेवा करना चाहेंगे.

उन्होंने यह भी कहा कि राजस्थान के लोगों की सेवा करने की इच्छा को लेकर उनके बयानों की अलग-अलग तरह से व्याख्या की जा रही है.

राजस्थान में नेतृत्व परिवर्तन की अटकलों के बीच कांग्रेस नेता सचिन पायलट ने शुक्रवार को विधानसभा अध्यक्ष सी पी जोशी से उनके कक्ष में जाकर मुलाकात की थी. उस समय कई अन्य विधायक भी पायलट के साथ मौजूद थे.

पार्टी सूत्रों के मुताबिक, पायलट मुख्यमंत्री पद के प्रमुख दावेदार हैं, लेकिन जोशी का नाम भी चर्चा में है. जोशी पूर्व प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष रह चुके हैं और 2008 में इस पद के दावेदार थे, लेकिन उस समय वह महज एक वोट से विधानसभा चुनाव हार गए थे.

दो दशक से अधिक समय के बाद कांग्रेस पार्टी के अध्यक्ष पद के लिए हो रहे चुनाव में गहलोत नामांकन दाखिल करेंगे. उन्होंने अपनी उम्मीदवारी की घोषणा कर दी है। कांग्रेस नेता शशि थरूर से उनका मुकाबला होने की संभावना है. थरूर ने शनिवार को दिल्ली में पार्टी मुख्यालय से नामांकन पत्र प्राप्त किए थे.

पार्टी की ओर से गुरुवार को जारी अधिसूचना के अनुसार, चुनाव के लिए नामांकन दाखिल करने की प्रक्रिया 24 सितंबर से 30 सितंबर तक चलेगी. नामांकन पत्रों की जांच की तिथि एक अक्टूबर है, जबकि नामांकन वापस लेने की अंतिम तिथि आठ अक्टूबर है. उम्मीदवारों की अंतिम सूची आठ अक्टूबर को शाम पांच बजे प्रकाशित की जाएगी.

अगर जरूरत पड़ी तो मतदान 17 अक्टूबर को होगा. मतों की गिनती 19 अक्टूबर को होगी और उसी दिन नतीजे घोषित किए जाएंगे.


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‘गहलोत संभालें दोनों पद’

कांग्रेस नेता राहुल गांधी द्वारा पार्टी में ‘एक व्यक्ति-एक पद’ सिद्धांत लागू किए जाने पर जोर द‍िए जाने के बीच राजस्‍थान सरकार के अनेक मंत्रियों ने अशोक गहलोत को मुख्‍यमंत्री और पार्टी के राष्‍ट्रीय अध्यक्ष, दोनों पदों पर बनाए रखने की वकालत की है. हालांकि इसके साथ ही यह भी कहा जा रहा है कि इस बारे में पार्टी आलाकमान जो भी फैसला करेगा, वह उसे मानेंगे.

गहलोत के पार्टी अध्यक्ष बनने के बाद राज्‍य में मुख्‍यमंत्री बदला जा सकता है जहां मंत्री राजेंद्र सिंह गुढ़ा ने सचिन पायलट को राजस्‍थान में कांग्रेस का ‘बेस्ट फेस’ बताया है.

राज्य में मुख्‍यमंत्री बदले जाने की अटकलों के बारे में पूछे जाने पर आपदा प्रबंधन एवं राहत मंत्री गोविंद राम मेघवाल ने कहा, ‘साल भर में राज्य में चुनाव होने हैं तो ऐसे में अगर आलाकमान उन्हें (गहलोत को) दोनों पद (पार्टी अध्यक्ष व मुख्‍यमंत्री) देता है तो यह हमारे लिए ज्‍यादा सुखद होगा.’

इसके साथ ही उन्‍होंने कहा, ‘मेरा मानना तो यह है कि दोनों पद साथ चलते रहेंगे। उसके बाद भी पार्टी नेतृत्‍व जो भी फैसला करते हैं हम उसके साथ है.’

राज्‍य में अगले साल के आखिर में विधानसभा चुनाव होने हैं. गहलोत के पार्टी अध्यक्ष चुनाव लड़ने की औपचारिक घोषणा किए जाने के बाद राज्य में सरकार का मुखिया बदले जाने की अटकलें लगाई जा रही हैं. पार्टी सूत्रों के अनुसार पूर्व उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट मुख्‍यमंत्री पद की दौड़ में सबसे आगे हैं हालांकि विधानसभा अध्यक्ष डॉ सी पी जोशी का नाम भी चल रहा है. कांग्रेस के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष डॉ जोशी 2008 में मुख्‍यमंत्री पद की दौड़ में थे लेकिन तब वह विधानसभा चुनाव एक वोट से हार गए थे.

इस बीच जाट महासभा सहित कई संगठनों ने किसी जाट नेता को मुख्‍यमंत्री बनाने की मांग भी उठानी शुरू कर दी है.

राज्य के आगामी मुख्‍यमंत्री के बारे में पूछे जाने पर स्‍वास्‍थ्‍य मंत्री परसादी लाल मीणा ने कहा, ‘मुख्‍यमंत्री का नाम पार्टी आलाकमान तय करता है. सोनिया गांधी जो तय करेंगी वह स‍बको मंजूर होगा.’ उन्‍होंने कहा, ‘मैं तो गहलोत जी के साथ था, राजनीत‍ि में शुरू से ही, तीसरी बार मंत्री हूं. आलाकमान ने हमेशा (अशोक) गहलोत जी को बनाया है और आलाकमान जिसको बना देगा मैं उसके साथ हूं.’

मुख्‍यमंत्री के सलाहकार एवं वरिष्‍ठ विधायक बाबूलाल नागर ने कहा, ‘यह (कांग्रेस) सरकार पूरे पांच साल चले और राजस्‍थान में अगली सरकार भी कांग्रेस की बने इसके लिए जरूरी है कि 2023 के विधानसभा चुनाव गहलोत की छत्रछाया में हो.’

उन्‍होंने कहा, ‘मुख्‍यमंत्री गहलोत ने इस कार्यकाल में चार बजट पेश किए हैं. इनमें उन्‍होंने राजस्‍थान के आम आवाम को इस तरह से प्रभावित क‍िया है कि आज राजस्‍थान के लोग चाहते हैं कि पांचवां बजट भी गहलोत ही मुख्‍यमंत्री के रूप में पेश करें.’


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