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Thursday, 25 April, 2024
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इस्लामिक स्टेट प्रवक्ता बोला, भारत पर हमले के लिए एकजुट हो जाएं एशियाई मुसलमान

प्रवक्ता ने, जो अबु उमर अल-मुजाहिर उप-नाम इस्तेमाल करता है, कहा कि इस्लामिक स्टेट भारत में इस्लाम धर्म बचाने को प्रतिबद्ध है, जहां उसके अनुसार, उस पर ‘सरकार की ओर से हमला’ हो रहा है.

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नई दिल्ली: जिहादी ग्रुप के ग्लोबल प्रवक्ता ने मंगलवार को, एनक्रिप्ट की गई सोशल मीडिया फीड्स में बयान जारी कर कहा है कि इस्लामिक स्टेट दक्षिण और दक्षिणपूर्व एशिया के मुसलमानों का आह्वान कर रहा है, कि भारत पर हमले करने के लिए एकजुट हो जाएं.

प्रवक्ता ने, जो अबु उमर अल-मुजाहिर उप-नाम इस्तेमाल करता है, कहा कि इस्लामिक स्टेट भारत में इस्लाम धर्म बचाने को प्रतिबद्ध है, जहां उसके अनुसार, उस पर ‘सरकार की ओर से हमला’ हो रहा है.

भारत, पाकिस्तान, बांग्लादेश, फिलीपीन्स, मलेशिया, इंडोनेशिया, और सिंगापुर के मुसलमानों को संबोधित करते हुए, अरबी भाषा में दिए गए 32 मिनट के भाषण में अल-मुजाहिर कहता है, ‘आपको डर ने खा लिया है इसलिए आपके अंदर अपने मज़हब पर बने रहने, और उसके दुश्मनों से लड़ने की हिम्मत ख़त्म हो गई है’.

भाषण से पहले अलग से जारी किए गए एक वीडियो में, इस्लामिक स्टेट के जिहादियों को कुर्दिश मिलीशिया को मौत की सज़ा देते हुए दिखाया गया, जिन्हें युद्ध-बंदियों के तौर पकड़ा गया था. अपनी स्थापना के बाद से संगठन द्वारा बनाई जाने वाली, क्रूरता से मारने की वीडियो श्रृंखला में ये एक ताज़ा कड़ी है.

अल-मुजाहिर का भाषण उस सिलसिलेवार जिहादी बयानों की एक ताज़ा कड़ी है, जिनमें मुसलमानों पर अत्याचार करने के लिए भारत को निशाना बनाया गया है. इनमें मारे गए अल-क़ायदा प्रमुख एयमान अल-ज़वाहिरी का अप्रैल का एक वीडियो टेप किया हुआ संदेश भी है, जिसकी ख़बर सबसे पहले दिप्रिंट ने दी थी.

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इस्लामिक स्टेट ने भारतीय जनता पार्टी प्रवक्ता नुपुर शर्मा के पैग़म्बर मोहम्मद के खिलाफ कथित रूप से ईशनिंदात्मक बयान, और नई दिल्ली की सांप्रदायिक हिंसा के बदले में हिंसा की धमकी भी दी थी.

इस्लामिक स्टेट के तथा-कथित ख़लीफा इब्राहीम अव्वाद अल-बदरी ने भी 2014 में, सैन्य सफलता की दोपहर में संगठन को दिए गए एक प्रमुख भाषण में, भारत को भी दुश्मन मुल्कों की एक सूची में शामिल किया था. उस समय वो भाषण इस्लामिक स्टेट के प्रचार में भारत का पहला उल्लेख था.

2016 में जारी एक आधिकारिक इस्लामिक स्टेट वीडियो में खिलाफत के कई भारतीय जिहादियों ने, लड़ने के लिए घर वापसी के इरादे का ऐलान किया था. बिना पहचान के एक जिहादी ने कहा, ‘भारत में जो लोग हमारी कार्रवाइयों को समझना चाहते हैं, उनसे मैं कहता हूं कि आपके पास सिर्फ तीन विकल्प हैं: इस्लाम क़बूल कर लें, जज़िया (धार्मिक कर) अदा करें, या फिर संहार के लिए तैयार रहें’.

नए संदेश में अल-मुजाहिर कहता है, ‘हिंदुओं को लगा कि आपसे कोई नुक़सान नहीं होगा, इसलिए उन्होंने आपको और आपके मज़हब को अपमानित किया, और आपके पैग़म्बर को अपशब्द कहे’. वो आगे कहता है, ‘गौ-उपासक अपनी गायों की रक्षा करते हैं, चूहों की पूजा करने वाले अपने चूहों की रक्षा करते हैं, लेकिन अपने पैग़म्बर के लिए आप ऐसा नहीं करते’. ‘हिंदुओं को आपसे कोई डर नहीं लगा, इसलिए उन्होंने आपको उन्होंने आपको और आपके मज़हब को अपमानित किया और आपके पैग़म्बर को अपशब्द कहे’.

संदेश में अल-मुजाहिर ने उन इस्लामिक स्टेट इकाइयों की ख़ास तौर से प्रशंसा की, जिन्होंने सैकड़ों जिहादियों की नाइजीरिया की अबूजा जेल से फरार होने, और कॉन्गो के उत्तरी प्रांत में इसी तरह के एक हमले में मदद की थी. अल-मुजाहिरी कहता है, ‘मुसलमान क़ैदियों से हमने जो वादा किया था, वो बरक़रार है, और सिर्फ एक साल में हमने तीन जेलों को ख़ाली करा लिया है’.


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‘कुछ लोग चाहते हैं कि इस्लामिक स्टेट पश्चिम के आगे झुक जाए’

इराक़ और सीरिया की जेलों में बड़ी संख्या में बंद इस्लामिक स्टेट क़ैदियों की- जिनमें कई भारतीय शामिल हैं, जैसा कि दिप्रिंट ने इसी साल ख़बर दी थी- फरार होने की कोशिश में बार बार अधिकारियों के साथ झड़प हुई है. बंदी शिविरों पर जिहादी हमले हुए हैं, और कथित तौर पर इस्लामिक स्टेट के हत्यारों का दस्ता, वहां अंदरूनी तौर पर पुलिस का काम करता है.

इस्लामिक स्टेट प्रवक्ता तालिबान की भी आलोचना करता है, और दावा करता है कि विरोधी जिहादी ग्रुप अफगानिस्तान में धर्म त्याग देने वालों के साथ सहयोग कर रहा है.

अल-मुजाहिर दावा करता है, ‘कुछ समूह और लोग ऐसे हैं जो चाहते हैं कि इस्लामिक स्टेट पश्चिम और उसके सहयोगियों के आगे झुक जाए, और वो मुसलमानों के खिलाफ लड़ाई में मदद नहीं करना चाहते’.

वो चल रही भू-राजनीतिक स्पर्धा का भी उल्लेख करता है, और कहता है कि इस्लाम के दुश्मनों को ‘पश्चिमी और पूर्वी गुटों में’ बांट दिया गया है ‘जिनमें एक दूसरे के साथ कलह है’. अल-मुजाहिर आगे कहता है कि इस्लामिक और अरब मुल्कों के शासक इस विवाद में खिंच जाते हैं, जिससे इस्लामिक स्टेट और उसके समर्थकों को एक मौक़ा मिल जाता है.

(इस खबर को अंग्रेजी में पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें)


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