मुंबई: महाराष्ट्रीयन नववर्ष या गुड़ी पड़वा राज्य में भारतीय जनता पार्टी द्वारा आयोजित किया जाने वाला नया त्योहार बन गया है. यह लोगों के साथ जन संपर्क स्थापित करने का एक प्रयास भी है क्योंकि यह विपक्षी महाविकास अघाड़ी को लगातार निशाना बना रहा है. इसी साल मुंबई नगर निकाय चुनाव होने की भी उम्मीद है.
महाराष्ट्र में बुधवार को गुड़ी पड़वा मनाया जा रहा है और भाजपा ने घोषणा की है कि मुंबई में एक लाख पार्टी कार्यकर्ता शिरकत करेंगे. इसमें चीनी के क्रिस्टल, नीम के पत्ते, आम के पत्ते और लाल फूलों की माला, एक लंबे बांस के खंभे पर लटकाए जाते हैं और घरों के ऊपर ध्वज फहराया जाता है. ऐसा माना जाता है कि घरों में गुड़ियां का प्रदर्शन समृद्धि और सौभाग्य लाता है.
भाजपा की मुंबई इकाई के प्रमुख आशीष शेलार ने मंगलवार को एक संवाददाता सम्मेलन में कहा कि 9,800 (पार्टी) बूथों पर भी गुड़ियां फहराई जाएंगी, जिनमें से प्रत्येक के लिए 11 सदस्यीय समिति का गठन किया गया है.
शेलार ने कहा कि इस अवसर पर भाजपा नेता, बूथ प्रमुख और कार्यकर्ता महाराष्ट्र की राजधानी के विभिन्न हिस्सों में शोभा यात्रा भी निकालेंगे. जुलूस लालबाग, परेल, वर्ली, विले पार्ले, बोरीवली और दहिसर इलाकों में निकाली जाएगा, जहां मराठियों की मजबूत उपस्थिति है.
शेलार ने कहा, ‘पिछले कुछ दिनों से, ठाकरे की पार्टी और एमवीए (गठबंधन) की बाकि पार्टियां एक विशेष समुदाय के मतदाताओं को लुभाने की पुरजोर कोशिश कर रही हैं, और यह मुंबई में उत्पन्न हो रहे इस ‘हरे तूफान’ का करारा जवाब होगा.’
एमवीए में शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे), राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) और कांग्रेस शामिल हैं.
तत्कालीन मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाला गठबंधन पिछले साल जून तक महाराष्ट्र में सत्ता में था, लेकिन बाद में वर्तमान मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के नेतृत्व में हुई बगावत के कारण पार्टी टूट गई और एमवीए सरकार गिर गई. इसके बाद शिंदे गुट ने भाजपा के समर्थन से राज्य में सरकार बनाई.
अब, बृहन्मुंबई नगर निगम (बीएमसी) के चुनाव इस साल होने की संभावना है और शिवसेना (यूबीटी) से निगम पर नियंत्रण हासिल करने के लिए, भाजपा अपने मूल मतदाता आधार- मुंबई के मराठी भाषी को निशाना बना रही है. जिसमें अधिकतर हिन्दू आबादी है.
सामान्य निकाय की अवधि समाप्त होने के बाद पिछले साल मार्च में राज्य द्वारा नियुक्त प्रशासक के अधीन आने से पहले, उद्धव ठाकरे के नेतृत्व में शिवसेना ने मुंबई नागरिक निकाय को 25 वर्षों तक नियंत्रित किया था.
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त्योहारों की राजनीति
यह पहली बार नहीं है जब राज्य में राजनीतिक दलों द्वारा त्योहारों पर राजनीति की गई है.
भाजपा ने पहले भी यह संदेश देने की कोशिश की थी कि एमवीए ने महाराष्ट्रीयन त्योहारों के जश्न को दबा दिया है, जब गठबंधन 2019 के अंत से लेकर जून 2022 के बीच महाराष्ट्र में सत्ता में था.
कोरोना महामारी के कारण एमवीए कार्यकाल के दौरान अधिकांश त्योहारों के सार्वजनिक समारोहों को प्रतिबंधित कर दिया गया था.
जून 2022 में भाजपा के साथ गठबंधन में एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाली शिवसेना के महाराष्ट्र में सत्ता में आने के बाद से, दही हांडी, गणेश चतुर्थी से लेकर दिवाली तक हर त्योहार को राजनीतिक दलों द्वारा भव्य पैमाने पर मनाया जाता रहा है.
भाजपा ने पिछले साल दही हांडी और गणेश उत्सव के लिए प्रतियोगिताओं की व्यवस्था की थी, जबकि नवरात्रि पर, पार्टी की मुंबई शाखा द्वारा अपनी तरह का पहला मराठी डांडिया आयोजित किया गया था.
इस साल की शुरुआत में शिवरात्रि भी एक राजनीतिक कार्यक्रम में बदल गया था, जिसमें मुंबई भाजपा ने बीएमसी के 227 वार्डों में शिव आरती का आयोजन किया था.
(संपादन : ऋषभ राज)
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