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Friday, 3 May, 2024
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दिल्ली के हर मतदान केंद्र पर पैनल बनाने के साल भर बाद BJP अपने 30 फीसदी सदस्यों से जुड़ने में असमर्थ

प्रत्येक कमेटी में 21 सदस्य होने चाहिए जिन्हें साप्ताहिक रूप से मतदाताओं से जुड़ना है. लेकिन सदस्यों के मोबाइल नंबर सही नहीं होने के कारण पार्टी खुद उनसे ही संपर्क नहीं कर पा रही हैं. दिल्ली बीजेपी का कहना है कि 'वेरिफिकेशन’ एक निरंतर चलने वाली प्रक्रिया है.'

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नई दिल्ली: भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की दिल्ली इकाई एक अजीबोगरीब स्थिति में फंस गई है–दिप्रिंट को मिली जानकारी के अनुसार पार्टी बूथ कमेटी के लगभग 30 प्रतिशत सदस्यों के साथ संपर्क नहीं कर पा रही है.

पिछले साल भाजपा ने दिल्ली के प्रत्येक मतदान केंद्र में 21 सदस्यीय समितियां बनाने के महत्वाकांक्षी अभियान की शुरुआत की थी. यह विचार नगरपालिका चुनावों की तैयारी के साथ-साथ 2024 के आम चुनावों के लिए आगे की योजना बनाने के लिए था. बूथ कमेटी के सदस्यों का काम आम जनता के साथ साप्ताहिक बैठकें करना और उनसे जुड़ना है. राजधानी में 13,800 से अधिक मतदान केंद्र हैं.

एक वरिष्ठ भाजपा नेता ने नाम न छापने की शर्त पर दिप्रिंट को बताया, ‘हमने हर मतदान केंद्र पर 21 सदस्यीय कमेटी बनाई थी. लेकिन जब इन 21 सदस्यों से जुड़ने की कवायद शुरू की गई, तो पता चला कि उनके द्वारा साझा किए गए कुछ मोबाइल नंबर सही नहीं थे.. कुछ मामलों में मोबाइल नंबर काम ही नहीं कर रहा था जबकि कुछ नंबर उक्त सदस्य के थे ही नहीं.’

मामला राज्य इकाई की जानकारी में लाया गया. और दिल्ली भाजपा के महासचिवों – कुलजीत सिंह चहल, हर्ष मल्होत्रा और दिनेश प्रताप सिंह –ने ‘लापता’ बूथ के बारे में पता लगाने के लिए एक कमेटी बनाने का निर्णय लिया. कमेटी के सदस्य और मौजूदा या नए सदस्यों को अपना काम आवंटित करते हैं.

राज्य इकाई के नेताओं ने पुष्टि की कि बूथ-स्तरीय अभियान चल रहा है, उन्होंने इस दावे का विरोध किया कि उनके ‘30 फीसदी सदस्य लापता हैं.’

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एक दूसरे बीजेपी नेता ने नाम न छापने की शर्त पर कहा, ‘डेटा को केवल वेरिफिकेशन प्रोसेस पूरा हो जाने के बाद ही साझा किया जा सकता है. इसलिए पहले ही यह दावा करना कि 30 प्रतिशत सदस्य गायब हैं, सही नहीं है.

‘वेरिफिकेशन एक लगातार चलने वाली प्रक्रिया’

भाजपा के केंद्रीय नेतृत्व ने जमीनी स्तर पर अपने नेटवर्क को मजबूत करने के प्रयासों के तहत देश भर में सभी राज्य इकाइयों को प्रत्येक मतदान केंद्र पर एक कमेटी बनाने के लिए कहा था.

दिल्ली भाजपा के महासचिवों में से एक हर्ष मल्होत्रा ने कहा, ‘यह अभियान एक लगातार चलने वाली प्रक्रिया है. वैसे तो प्रत्येक कमेटी में कुल 21 सदस्य होने चाहिए. लेकिन कुछ बूथ अल्पसंख्यक बहुल हैं. ऐसे में वहां 21 सदस्यों को खोज पाना मुश्किल हो जाता है. कुछ बूथों में चार सदस्य भी हो सकते हैं तो कई जगह पर ये संख्या 45 तक जा सकती है.’

मल्होत्रा ने कहा, ‘लिस्ट तैयार करने के बाद, हमारे कार्यकर्ता इसकी जांच करते हैं. जहां तक इस ‘वेरिफिकेशन’ अभियान का संबंध है, हम इसे नियमित अभ्यास के रूप में कर रहे हैं. कई बार फोन नंबर पहुंच के बाहर होते हैं, तो कभी-कभी लोग व्यस्त होते हैं. उन्हें ‘लापता सदस्य’ कहना सही नहीं है’ उन्होंने बताया कि यह अभियान 30 जून तक जारी रहेगा.

ऊपर उद्धृत दूसरे भाजपा नेता के अनुसार, ‘कभी-कभी लोग नामांकन करने के बाद, किसी अन्य काम से जुड़ जाते हैं. डेटा नकली नहीं है, लेकिन हम कुछ सदस्यों के साथ संपर्क बनाने में असमर्थ रहे हैं. इसलिए लिस्ट पर फिर से विचार किया जा रहा है.’

उन्होंने कहा, ‘वेरिफिकेशन प्रोसेस शुरू हो गया है और हम सभी बूथों की जांच करेंगे. यह एक निरंतर चलने वाली प्रक्रिया है.’

भविष्य में बूथ के सदस्यों से जुड़ने में कोई समस्या न हो, इसके लिए भाजपा की दिल्ली इकाई ने आधिकारिक सोशल मीडिया समूहों के जरिए और नियमित बैठकें बुलाकर सदस्यों से जुड़ने का फैसला किया है.

दिल्ली भाजपा अध्यक्ष आदेश कुमार गुप्ता ने कहा, ‘हमने 21 सदस्यों की एक कमेटी बनाई थी जिसमें महिलाएं और एससी व एसटी समुदाय के सदस्यों सहित समाज के सभी वर्गों को शामिल किया गया. अब हमने तीन महासचिवों की एक समिति बनाई है, जिन्हें विशिष्ट जिलों (कुल 14 ) को सौंपा गया है. उन्हें सदस्यों के विवरण को फिजिकली वेरीफाई करने और उनकी जानकारी को अपडेट करने के लिए कहा गया है.’

उन्होंने कहा कि बूथ कमेटी के प्रत्येक सदस्य जिन्हें ‘पन्ना प्रमुख’ कहा जाता है, पर कम से कम 20 मतदाता परिवारों का जिम्मा है.

(इस खबर को अंग्रेजी में पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें)


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