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Friday, 1 November, 2024
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TDP से गठबंधन नहीं करेंगे, उपचुनाव में सरकारी मशीनरी का हो रहा दुरुपयोग: BJP

बीजेपी ने कहा कि सरकारी मशीनरी का फायदा उठाकर मतदाताओं को डराने और धमकाने का काम चल रहा है और ‘ममता मॉडल’ धीरे-धीरे हावी हो रहा है.

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नई दिल्ली: भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) ने आंध्र प्रदेश के प्रमुख विपक्षी दल और पूर्व मुख्यमंत्री चंद्रबाबू के नेतृत्व वाले तेलुगु देशम पार्टी (तेदेपा) से किसी भी तरह के चुनावी गठबंधन की संभावनाओं को खारिज किया है. साथ ही उसने  बुधवार को वहां की सत्ताधारी युवाजन श्रमि‍क रायथु (वाईएसआर) कांग्रेस की सरकार को भ्रष्ट और ईसाइयत फैलाने वाली सरकार करार दिया.

राजधानी दिल्ली स्थित पार्टी मुख्यालय में हुई प्रेस कांफ्रेंस में पार्टी प्रवक्ता जी वी एल नरसिम्हा राव और पार्टी के आंध्र प्रदेश के सह-प्रभारी सुनील देवधर ने वाईएसआर कांग्रेस पर बदवेल विधानसभा के लिए हो रहे उपचुनाव में सरकारी मशनरी के ग़लत इस्तेमाल का आरोप लगाया और कहा कि पार्टी निर्वाचन आयोग से इस मामले की शिकायत करेगी.

आंध्र प्रदेश में भाजपा और अभिनेता पवन कल्याण के नेतृत्व वाले जनसेना के बीच गठबंधन है और दोनों दल साथ मिलकर बदवेल विधानसभा का उपचुनाव लड़ रहे हैं.

देवधर ने आरोप लगाया कि राज्य में बीजेपी और नरेंद्र मोदी की बढ़ती लोकप्रियता से घबराकर मुख्यमंत्री जगनमोहन रेड्डी की पार्टी विधानसभा क्षेत्र के मतादाताओं को अपने पक्ष में करने के लिए डरा धमका रही है.


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उन्होंने यह आरोप भी लगाया कि क्षेत्र में बीजेपी के मंडल अध्यक्ष को धमकाकर वाईएसआर कांग्रेस में शामिल कराया गया है.

उधर बीजेपी नेता ने दावा किया कि आंध्र प्रदेश में विपक्षी दलों को काम नहीं करने दिया जा रहा है.

उन्होंने कहा कि सरकारी मशीनरी का फ़ायदा उठाकर मतदाताओं को डराने और धमकाने का काम वहां चल रहा है और वहां ‘ममता मॉडल’ धीरे धीरे हावी हो रहा है.

बता दें कि बीजेपी पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी पर राजनीतिक हिंसा को बढ़ावा देने का आरोप लगाती रही है.

तेदेपा से गठबंधन के बारे में पूछे गए एक सवाल के जवाब में देवधर ने कहा, ‘तेदेपा के साथ गठबंधन का सवाल ही नहीं उठता. बीजेपी और जन सेना साथ मिलकर राज्य के सभी आने वाले चुनाव लड़ेंगे.’

पार्टी का रुख साफ़ करते हुए उन्होंने कहा, ‘वाईएसआर कांग्रेस और तेदेपा, दोनों ही दल राज्य के स्वास्थ्य के लिए ठीक नहीं हैं.’

आंध्र प्रदेश में सड़क चौड़ीकरण के नाम पर एक मंदिर के परिसर को कथित तौर पर तोड़े जाने के मामले को उठाते हुए देवधर ने आरोप लगाया कि राज्य सरकार ने समाज के एक वर्ग को खुश करने के लिए यह कदम उठाया है.


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उन्होंने कहा, ‘बिना हिंदू समाज की अनुमति के इस मंदिर को हाथ लगाने की हिम्मत जगनमोहन रेड्डी ना करें. यह एक ईसाइयत को फैलाने वाले मुख्यमंत्री हैं. राज्य सरकार से ईसाइयत को आशीर्वाद ही नहीं समर्थन देने वाला मुख्यमंत्री है.’

उन्होंने दावा किया कि आज तक भारत के इतिहास में कभी ऐसा नहीं हुआ जो रेड्डी कर रहे हैं.

उन्होंने कहा, ‘पादरियों को सरकारी ख़ज़ाने से तीन हजार रुपए से लेकर पांच हजार रुपए तक की सैलरी दी जा रही है. चर्च के निर्माण के लिए आधिकारिक तौर पर सरकारी टेंडर निकाले जा रहे हैं. आज तक किसी राज्य में ऐसा नहीं हुआ.’

उन्होंने कहा कि सिर्फ वोटबैंक की राजनीति के लिए जगनमोहन रेड्डी की सरकार ऐसा कर रही है.

उन्होंने कहा, ‘उन्हें ईसाईयत से कोई प्रेम नहीं है. यह निंदनीय है और बीजेपी इस मुद्दे को छोड़ने वाली नहीं है. इन सारे विषयों पर हम निर्वाचन आयोग जाने वाले हैं.’


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