मुंबई: महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने मंगलवार को कहा कि शिवसेना राज्यसभा में तब तक नागरिकता (संशोधन) विधेयक का समर्थन नहीं करेगी, जब तक कि पार्टी द्वारा लोकसभा में उठाए गए सवालों का जवाब नहीं मिल जाता.
लोकसभा ने सोमवार को इस विधेयक को पारित कर दिया है, जिसमें अफगानिस्तान, बांग्लादेश और पाकिस्तान से धार्मिक प्रताड़ना के कारण 31 दिसंबर 2014 तक भारत आए गैर मुस्लिम शरणार्थी – हिन्दू, सिख, बौद्ध, जैन, पारसी और ईसाई समुदायों के लोगों को भारतीय नागरिकता के लिए आवेदन करने का पात्र बनाने का प्रावधान है.
शिवसेना ने निचले सदन में विधेयक का समर्थन किया. ठाकरे ने संवाददाताओं से कहा विधेयक पर विस्तृत चर्चा जरूरी है.
उन्होंने कहा कि मोदी सरकार को इस विधेयक को लागू करने से अधिक अर्थव्यवस्था, नौकरी संकट और बढ़ती महंगाई पर चिंतित होना चाहिए.
उन्होंने कहा, ‘हमें इस धारणा को बदलना होगा कि इस विधेयक और भाजपा का समर्थन करने वाले देशभक्त हैं और जो इसका विरोध कर रहे हैं वो राष्ट्र-द्रोही हैं. विधेयक को लेकर उठाए गए सभी मुद्दों पर सरकार को जवाब देना चाहिए.’
भाजपा पर निशाना साधते हुए ठाकरे ने उम्मीद जताई कि भारत में शरण मांगने वालों और इस विधेयक के दायरे में आने वालों को अब अधिक प्याज मिलेगा.
ठाकरे ने कहा, ‘भाजपा को लगता है कि जो कोई (इससे) असहमत है, वह देशद्रोही है.’
उन्होंने कहा कि शिवसेना ने जिन संशोधनों का सुझाव दिया है, उन्हें राज्यसभा में पेश किए जाने वाले विधेयक में शामिल करना चाहिए. उन्होंने कहा, ‘ये शरणार्थी कहां रुकेंगे… किस राज्य में. यह सबकुछ स्पष्ट होना चाहिए.’
उन्होंने कहा, ‘हमने कुछ सवाल उठाए हैं लेकिन उन्होंने जवाब नहीं दिए हैं. यह एक भ्रांति है कि सिर्फ भाजपा को देश का खयाल है.’
नागरिकता विधेयक पर राज्यसभा में शिवसेना अपना रुख बदलेगी तो हम स्वागत करेंगे: कांग्रेस
महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे के ताजा बयान की पृष्ठभूमि में कांग्रेस ने मंगलवार को कहा कि अगर शिवसेना नागरिकता संशोधन विधेयक पर राज्यसभा में अपना रुख बदलती है तो वह इसका स्वागत करेगी.
पार्टी प्रवक्ता मनीष तिवारी ने संसद परिसर में संवाददाताओं से कहा, ‘यह (विधेयक) पूरी तरह असंवैधानिक है इसको ध्यान में रखकर अगर शिवसेना राज्यसभा में अपने रुख में बदलाव करती है तो हम इसका स्वागत करेंगे. देश की सभी राष्ट्रवादी शक्तियां भी इसका स्वागत करेंगी.’ उन्होंने कहा कि अलग परिस्थिति में दोनों दल महाराष्ट्र में साथ आए हैं, लेकिन उनकी विचारधारा अलग अलग है.