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Sunday, 5 May, 2024
होमराजनीति‘गौमूत्र राज्यों’ वाली टिप्पणी करने वाले DMK के सेंथिलकुमार BJP की नज़र में ‘बार-बार अपराधी’ क्यों हैं?

‘गौमूत्र राज्यों’ वाली टिप्पणी करने वाले DMK के सेंथिलकुमार BJP की नज़र में ‘बार-बार अपराधी’ क्यों हैं?

तमिलनाडु बीजेपी ने सेंथिल कुमार को ‘बार-बार अपराधी’ कहा, संसद में बहस के दौरान डीएमके सांसद द्वारा हिंदी राज्यों को ‘गौमूत्र राज्यों’ के रूप में संदर्भित करने पर एमके स्टालिन से माफी की मांग की.

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चेन्नई: इस हफ्ते की शुरुआत में लोकसभा में एक बहस के दौरान द्रविड़ मुनेत्र कषगम (डीएमके) के सांसद डी.एन.वी सेंथिल कुमार एस. ने आश्चर्य जताया कि सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) केवल “हिंदी के गढ़ राज्यों में ही चुनाव क्यों जीत जाती है जिन्हें हम आम तौर पर गौमूत्र राज्य कहते हैं”.
धर्मपुरी से पहली बार सांसद बने ने 5 दिसंबर को जम्मू-कश्मीर आरक्षण (संशोधन) विधेयक और जम्मू-कश्मीर पुनर्गठन (संशोधन) विधेयक पर बहस के दौरान कहा, “आप (भाजपा) दक्षिण भारत नहीं आ सकते. आप केरल, तमिलनाडु, तेलंगाना, आंध्र प्रदेश और कर्नाटक में जो कुछ भी होता है उसके सभी परिणाम देखिए…हम वहां बहुत मजबूत हैं.”
मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ और राजस्थान में भाजपा की प्रचंड जीत की पृष्ठभूमि में आई इस टिप्पणी की न केवल सत्तारूढ़ भाजपा ने बल्कि सेंथिलकुमार की अपनी पार्टी, द्रमुक ने भी निंदा की है.
सदन में बोलते हुए श्रीपेरंबुदूर से सांसद और द्रमुक के संसदीय दल के नेता टी.आर. बालू ने कहा कि सेंथिल कुमार को उनकी टिप्पणियों के लिए फटकार लगाई गई थी. बालू ने कहा, “सेंथिल कुमार द्वारा दिया गया बयान सही नहीं था. तमिलनाडु के सीएम एम.के. स्टालिन ने विशेष सदस्य को चेतावनी दी है.”
इसके तुरंत बाद सेंथिलकुमार ने खुद अपनी टिप्पणी के लिए माफी मांगी.
उन्होंने कहा, “हाल के पांच राज्यों के विधानसभा चुनावों के नतीजों पर टिप्पणी करते हुए, मैंने अनुचित तरीके से एक शब्द का इस्तेमाल किया है. उन्होंने उसी दिन एक पोस्ट में कहा, “किसी इरादे से उस शब्द का इस्तेमाल नहीं कर रहा हूं, गलत अर्थ के लिए मैं माफी मांगता हूं.”
लेकिन बीजेपी इससे सहमत नहीं है और अब डीएमके प्रमुख एम.के. स्टालिन से माफी की मांग कर रही है.
बुधवार को दिल्ली में एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए, केंद्रीय मंत्री राजीव चंद्रशेखर ने कहा, “मैंने श्री टी.आर. बालू को सुना उन्होंने कहा कि सीएम स्टालिन ने सांसद सेंथिल कुमार से कहा कि वे ऐसे बयान न दें, लेकिन एक सवाल है जो श्री बालू और स्टालिन से पूछा जाना चाहिए, उदयनिधि स्टालिन के बयान के बारे में क्या? क्या उन्होंने (स्टालिन ने) उदयनिधि को माफी मांगने की सलाह दी है? ए राजा के बारे में क्या? क्या उन्होंने ए राजा को माफी मांगने की सलाह दी है? स्टालिन माफी क्यों नहीं मांग सकते?”
चन्द्रशेखर द्रमुक नेता उदयनिधि स्टालिन और ए राजा के विवादास्पद बयानों का ज़िक्र कर रहे थे, जहां सितंबर में एक कार्यक्रम में उदयनिधि ने सनातन धर्म की तुलना “डेंगू और मलेरिया जैसी बीमारियों” से की थी, वहीं राजा ने उसी महीने बाद में एक कार्यक्रम में हिंदू धर्म को “न केवल भारत के लिए बल्कि पूरे विश्व के लिए खतरा” करार दिया था.
सेंथिल कुमार के लिए, भाजपा के अनुसार, यह पहली बार नहीं है कि धर्मपुरी सांसद ने विवादास्पद टिप्पणी की है. तमिलनाडु भाजपा के उपाध्यक्ष नारायणन तिरुपति ने द्रमुक नेता को “बार-बार अपराधी” कहा है.
तिरुपति ने दिप्रिंट को बताया, “यह पहली बार नहीं है कि सेंथिल ने संसद में इस शब्द का इस्तेमाल किया है. हालांकि, राज्य में बीजेपी ने हिंदू धर्म के खिलाफ उनकी टिप्पणियों और आलोचना का विरोध किया है, लेकिन द्रमुक द्वारा उनके खिलाफ कोई कार्रवाई शुरू नहीं की गई है.”
वह फरवरी 2022 के एक उदाहरण का ज़िक्र कर रहे थे जब राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी) पर बहस के दौरान सेंथिलकुमार ने सदन में कहा था, “इस नीति के अनुसार, सकल नामांकन अनुपात 50 प्रतिशत होना चाहिए, जिसे तमिलनाडु ने बहुत पहले ही हासिल कर लिया.”
उन्होंने कहा, “अगर वे इस नीति को लागू करना चाहते हैं, तो उन्हें देश के विकास के लिए द्रविड़ मॉडल को लागू करना चाहिए. उनकी नीति हम पर क्यों थोपी जा रही है? हम इसे अस्वीकार करते हैं. अगर वो इसे लागू करना चाहते हैं, तो उन्हें इसे अपने गौमूत्र राज्यों में करना चाहिए.”
दिप्रिंट ने टिप्पणी के लिए वरिष्ठ डीएमके नेताओं से संपर्क किया, लेकिन रिपोर्ट के छापे जाने तक प्रतिक्रिया नहीं मिली थी. जवाब आने पर इसे अपडेट कर दिया जाएगा.
हालांकि, डीएमके के एक नेता ने नाम न छापने की शर्त पर कहा कि पार्टी ने “इस मुद्दे पर आगे कोई टिप्पणी नहीं करने” का फैसला किया है. उन्होंने सेंथिल कुमार को “राजनीतिक नौसिखिया” कहा.

रेडियोलॉजिस्ट: सेंथिल कुमार

सेंथिलकुमार (46) पहली बार 2019 में प्रमुखता से उभरे जब उन्होंने पूर्व केंद्रीय मंत्री और पट्टाली मक्कल काची (पीएमके) प्रमुख अंबुमणि रामदास को हराकर धर्मपुरी सीट 63,460 वोटों से जीती.
डीएमके नेता, प्रभावशाली वन्नियार समुदाय से हैं और एक प्रैक्टिसिंग रेडियोलॉजिस्ट भी हैं, सार्वजनिक जीवन में अपने परिवार के पहले सदस्य नहीं हैं. उनके दादा डी.एन. वडिवेलु गौंडर, एक कांग्रेस नेता, 1965 में तमिलनाडु विधानसभा के लिए चुने गए थे.
धर्मपुरी के एक डीएमके कार्यकर्ता के अनुसार, कुमार एक व्यावहारिक सांसद हैं जो अपने निर्वाचन क्षेत्र का लगातार दौरा करते हैं. नाम न छापने की शर्त पर एक कार्यकर्ता ने बताया, “वह ऐसे व्यक्ति हैं जो अपने निर्वाचन क्षेत्र के कल्याण के लिए पार्टी लाइनों से परे काम करने के लिए तैयार रहते हैं.”
उदाहरण के तौर पर कार्यकर्ता ने जुलाई 2019 के एक उदाहरण का हवाला दिया, सांसद पीएमके प्रमुख रामदास और ऑल इंडिया अन्ना द्रविड़ मुनेत्र कषगम (एआईएडीएमके) के एन.चंद्रशेखरन को राज्यसभा के लिए उनके नामांकन पर बधाई देने वाले पहले लोगों में से थे.
लोकसभा में भी उनका ट्रैक रिकॉर्ड उल्लेखनीय है. पीआरएस लेजिस्लेटिव रिसर्च के अनुसार, 100 प्रतिशत उपस्थिति वाले कुछ सांसदों में से एक, उन्होंने 280 बहसों में भाग लिया, सदन में 471 सवाल पूछे और छह निजी सदस्य बिल भी पेश किए.
जिले के एक दूसरे डीएमके कार्यकर्ता ने सेंथिलकुमार को “ज़मीन से जुड़ा व्यक्ति” कहा.
उन्होंने कहा, “वह हमेशा लोगों को स्वीकार करना, उन्हें गले लगाना, उन्हें सहज और महत्वपूर्ण महसूस कराना पसंद करते हैं.” कार्यकर्ता के अनुसार, यह सेंथिल कुमार ही थे जिन्होंने 2022 में सिथेरी, धर्मपुरी की पहाड़ी पंचायत में पहला मोबाइल टावर लगवाने में मदद की थी.
कार्यकर्ता ने आगे कहा, “जिन टिप्पणियों के लिए उन्हें आलोचना का सामना करना पड़ा, उनमें से ज्यादातर वे थीं जो द्रविड़ आंदोलन के जनक पेरियार (ई.वी. रामासामी) पहले ही कह चुके थे.”
भाजपा के तिरुपति का दावा है कि धर्मपुरी के सांसद से जुड़े नवीनतम विवाद में द्रमुक का हस्तक्षेप अगले साल आम चुनाव के कारण हुआ था. उन्होंने दिप्रिंट को बताया, “सेंथिल कुमार बार-बार के अपराधी हैं, हिंदू विरोधी व्यक्ति हैं और डीएमके भी एक हिंदू विरोधी पार्टी है.”
तिरुपति ने कहा, “द्रमुक ने उन्हें पहले कभी नहीं रोका. अब अचानक वे हस्तक्षेप कर रहे हैं और माफी मांग रहे हैं क्योंकि वे आगामी चुनावों से डर रहे हैं.”

‘बार-बार अपराधी, हिंदू विरोधी व्यक्तित्व’

पहले भी सेंथिल कुमार अपनी टिप्पणियों से विवादों में रहे हैं, जिनमें भूमि पूजा का विरोध करते समय की गई टिप्पणियां, या हिंदू महाकाव्यों महाभारत और रामायण के साथ-साथ हिंदू देवी-देवताओं पर की गई उनकी टिप्पणियां भी शामिल हैं.
जुलाई 2022 में एक्स पर पोस्ट किए गए एक वीडियो में सेंथिल कुमार को एक सड़क परियोजना के लिए आयोजित शिलान्यास समारोह में अपना आपा खोते हुए देखा गया था.
उन्हें वीडियो में चिल्लाते हुए सुना गया, “क्या आप जानते हैं कि आपको किसी सरकारी कार्यक्रम के लिए ऐसा करने की अनुमति नहीं है? अन्य धर्म कहां हैं? ईसाई और मुस्लिम प्रतिनिधित्व कहां है? ईसाई पादरी, इमाम को आमंत्रित करें, उन लोगों को आमंत्रित करें जो किसी भी धर्म को नहीं मानते, नास्तिकों, द्रविड़ कषगम प्रतिनिधियों को आमंत्रित करें?”
इसके बाद उन्होंने वहां मौजूद अधिकारियों से कहने से पहले भीड़ को हटने के लिए कहा, “ऐसे आयोजनों के लिए मुझसे कभी संपर्क न करें. यह शासन का द्रविड़ मॉडल है. अगर आप ऐसे अनुष्ठान करने जा रहे हैं तो सभी धर्मों को इसमें शामिल करें.”
वीडियो को एक्स पर इस कैप्शन के साथ साझा किया गया था, “खुद को शांत रखने की कोशिश कर रहा हूं. कभी-कभी वो मुझे अपना धैर्य खोने पर मजबूर कर देते हैं.” इस पर प्रतिक्रिया देने वालों में कांग्रेस नेता कार्ति चिदंबरम भी शामिल थे, जिन्होंने इसे “पूरी तरह से अनुचित आक्रोश” करार दिया था.
इस साल मई में सामाजिक संगठन द्रविड़ विदुथलाई कषगम (डीवीके) के एक कार्यक्रम में भाग लेते हुए, सेंथिल कुमार ने हिंदू देवताओं कृष्ण और राम पर टिप्पणी की, जिसकी कई हलकों से तीखी आलोचना हुई.
वीडियो में जिसे उन्होंने खुद एक्स पर पोस्ट किया था, डीएमके सांसद को यह कहते हुए सुना गया है, “मैं यहां तर्कवाद के कुछ उदाहरण उद्धृत करना चाहूंगा. क्या कोई माता-पिता अपने बच्चे को नदी में स्नान कर रही महिलाओं के कपड़े चुराने देंगे, छिपकर उन्हें नहाते हुए देखने का आनंद लेंगे और फिर उनके कपड़े वापस करने से इनकार कर देंगे? जब यह अभी हो रहा है तो हम उन्हें क्या कहते हैं? भगवान कृष्ण ने ठीक यही किया था. अगर अब उन्होंने ऐसा किया तो उन्हें छेड़छाड़ के आरोप में गिरफ्तार कर लिया जाएगा.”
उन्होंने आगे कहा, “इसी तरह, रामायण में भगवान राम ने सीता को वापस लाने के लिए श्रीलंका तक पहुंचने के लिए समुद्र पर एक पुल का निर्माण किया था, लेकिन रावण भारत कैसे पहुंचा? क्या उसने कोई पुल बनाया? नहीं, तो कौन अधिक शक्तिशाली है? यह रावण ही है जो राम से भी अधिक शक्तिशाली है.”
महाभारत के बारे में बात करते हुए सेंथिलकुमार ने कहा, “पांच पुरुष एक महिला से शादी करते हैं. हम नहीं जानते कि उनकी मानसिकता किस प्रकार की है. उन्होंने उस महिला को दांव पर रखकर जुआ खेला. जब ऑनलाइन जुआ बिल पेश किया गया, तो राज्यपाल ने इसे कौशल का खेल कहा. तो, अपनी पत्नी को दांव पर लगाते समय उन पांच लोगों के पास किस तरह का कौशल था?”
फिर जुलाई में एक तमिल चैनल के साथ एक साक्षात्कार में उन्हें उत्तरी और दक्षिणी भारत में प्रचलित हिंदू रीति-रिवाजों में अंतर के बारे में बात करते हुए सुना गया. उन्होंने उस दौरान कहा था, “उत्तर में शिव और पार्वती का परिवार गणेश के साथ रुकता है. अगर आप दक्षिण की ओर आते हैं, तभी उन्हें पता चलता है कि उनके पास मुरुगन भी है. हमें नहीं पता कि वहां परिवार नियोजन होता था या नहीं.”
(संपादन : फाल्गुनी शर्मा)
(इस रिपोर्ट को अंग्रेज़ी में पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें)
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