मुंबई: शिव सेना (यूबीटी) के पदाधिकारी सूरज चव्हाण को बुधवार को कोविड महामारी के दौरान प्रवासियों को खिचड़ी के वितरण में कथित अनियमितताओं से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में गिरफ्तार किया गया था.
मुंबई पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा (ईओडब्ल्यू) द्वारा पिछले साल सितंबर में एफआईआर दर्ज करने के बाद प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने जांच अपने हाथ में ले ली थी.
EOW खिचड़ी के वितरण में 6.37 करोड़ रुपये की कथित अनियमितताओं की जांच कर रहा था, जो 2020 में कोविड महामारी के दौरान किया गया था. इसमें शिवसेना (यूबीटी) नेता अमोल कीर्तिकर और युवा सेना पदाधिकारी सूरज चव्हाण के बैंक खातों में कुछ संबंधित लेनदेन पाए गए थे.
चव्हाण को गुरुवार को एक विशेष पीएमएलए (धन शोधन निवारण अधिनियम) अदालत में पेश किया गया, जिसने शिव सेना (यूबीटी) नेता आदित्य ठाकरे के करीबी सहयोगी को 22 जनवरी तक ईडी की हिरासत में भेज दिया.
दिप्रिंट द्वारा प्राप्त रिमांड कॉपी के अनुसार, ईडी ने चव्हाण पर फोर्स वन मल्टी सर्विसेज से 1.35 करोड़ रुपये की गलत तरीके से अपराध की आय अर्जित करने का आरोप लगाया है.
इस फर्म ने गरीबों, प्रवासियों और लॉकडाउन में फंसे लोगों को खिचड़ी उपलब्ध कराने के लिए बृहन्मुंबई नगर निगम (बीएमसी) से कॉन्ट्रैक्ट लिया था.
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चव्हाण समेत अन्य पर आरोप
पिछले साल सितंबर में, ईओडब्ल्यू ने महामारी के दौरान प्रवासी श्रमिकों को खिचड़ी वितरित करने के बीएमसी के कॉन्ट्रैक्ट से संबंधित 6.37 करोड़ रुपये की कथित धन हेराफेरी और वित्तीय अनियमितताओं के लिए छह व्यक्तियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की थी.
सुजीत पाटकर, शिवसेना (यूबीटी) के राज्यसभा सांसद संजय राउत के करीबी सहयोगी, सुनील उर्फ बाला कदम, सह्याद्री रिफ्रेशमेंट के राजीव सालुंखे, फोर्स वन मल्टी सर्विसेज स्नेहा कैटरर के साझेदारों के कर्मचारी और एक सहायक नगर आयुक्त (योजना) के साथ अन्य अज्ञात बीएमसी अधिकारियों पर आईपीसी की धारा 420 (धोखाधड़ी), 409 (लोक सेवक द्वारा आपराधिक विश्वासघात), 406 (आपराधिक विश्वासघात), 34 (सामान्य इरादा) और 120-बी (आपराधिक साजिश) के तहत मामला दर्ज किया गया था.
एफआईआर में, EOW ने कहा कि यह निर्णय लिया गया था कि जो रसोई या सामुदायिक केंद्र प्रतिदिन 5,000 या उससे अधिक भोजन उपलब्ध करते हैं, उन्हें कॉन्ट्रैक्ट दिया जाना चाहिए. कॉन्ट्रैक्ट के लिए पात्र होने के लिए बीएमसी स्वास्थ्य विभाग और खाद्य एवं औषधि आपूर्ति विभाग से प्रमाण पत्र आवश्यक था.
हालांकि, सह्याद्रि रिफ्रेशमेंट्स, वैष्णवी किचन और फोर्स वन मल्टी सर्विसेज में कथित तौर पर न तो बड़ी रसोई और न ही अन्य आवश्यकताएं पाई गईं.
कॉन्ट्रैक्ट के अनुसार, खिचड़ी के प्रत्येक पैकेट का वजन 300 ग्राम था और कीमत 33 रुपये थी. लेकिन आरोपी ने कथित तौर पर जरूरतमंदों को केवल 100-200 ग्राम भोजन ही दिया.
ईओडब्ल्यू ने आरोप लगाया कि कीर्तिकर और चव्हाण को रिश्वत के तौर पर क्रमश: 52 लाख रुपये और 37 लाख रुपये मिले. जानकारी के अनुसार चव्हाण ने रिश्वत पाने के लिए राजनीतिक प्रभाव का इस्तेमाल किया था.
पिछले साल जून में, ईडी ने मुंबई में कोविड उपचार केंद्रों में कथित ‘अनियमितताओं’ से संबंधित मनी लॉन्ड्रिंग मामले के सिलसिले में उपनगरीय चेंबूर में चव्हाण के आवास सहित 15 स्थानों की तलाशी ली थी.
पिछले साल 17 अगस्त को ईडी ने लाइफलाइन हॉस्पिटल मैनेजमेंट सर्विसेज से जुड़े एक मामले में राउत के करीबी दोस्त व्यवसायी सुजीत पाटकर को गिरफ्तार किया था. इससे पहले पाटकर को इसी मामले में मनी लॉन्ड्रिंग के आरोप में गिरफ्तार किया गया था. ऐसा तब हुआ जब बीजेपी नेता किरीट सोमैया ने मुंबई पुलिस में शिकायत दर्ज कराई थी.
सेना में पहुंचें (यूबीटी)
गिरफ्तार चव्हाण पिछले 10 वर्षों से शिवसेना (यूबीटी) की युवा शाखा के अध्यक्ष आदित्य ठाकरे से जुड़े हुए हैं. वह ठाकरे के सहायक भी रहे हैं और बाद में 2018 में पार्टी सचिव के पद पर पदोन्नत हुए.
सेना (यूबीटी) के पदाधिकारियों ने दिप्रिंट को बताया कि आदित्य ठाकरे के एमवीए सरकार में मंत्री बनने के बाद उनका संबंध और मजबूत हो गया.
दिप्रिंट ने जिन सेना कार्यकर्ताओं से बात की, उन्होंने कहा कि सभी नियुक्तियां चव्हाण के माध्यम से होनी थीं. वह आदित्य ठाकरे के लिए जानकारी रखेंगे और मंत्री द्वारा दिए गए आदेशों का पालन करेंगे.
युवा सेना के एक नेता ने दिप्रिंट को बताया, “अगर हमें आदित्य साहब से मिलना होता था, तो सूरज दादा उनकी नियुक्तियों का प्रबंधन करते थे. और हमें उनसे बात करनी होगी क्योंकि दादा तय करेंगे कि हम कब और कहां आदित्य साहब से मिल सकते हैं.”
चव्हाण युवा सेना मामलों में एक प्रमुख व्यक्ति थे और उन्होंने विश्वविद्यालय चुनावों सहित युवाओं से संबंधित गतिविधियों में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी.
दक्षिण मुंबई से सेना (यूबीटी) के एक पदाधिकारी ने कहा, “बाद में ऐसा हुआ कि अगर चव्हाण की ओर से कोई सुझाव या अनुरोध आता था, तो यह माना जाता था कि वह सीधे आदित्य साहब की ओर से आया था.”
बुधवार रात को ईडी ने मुंबई स्थित अपने कार्यालय में पूछताछ के बाद चव्हाण को पीएमएलए के तहत हिरासत में ले लिया.
ठाकरे सोशल मीडिया पर अपने सहयोगी के समर्थन में सामने आए और ट्वीट किया कि पार्टी “लोकतंत्र के लिए हम इस बुरे वक्त से लड़ेंगे और जीतेंगे भी.”
Proud to be a colleague of such patriots who don’t bow down to shameless dictatorships and their servile agencies.@isurajchavan has always stood for the truth, democracy, free speech and our constitution. He refused to be bought out by the regime and there he is being harassed.… pic.twitter.com/wbmkm9ZoI5
— Aaditya Thackeray (@AUThackeray) January 17, 2024
गिरफ्तारी पर सवाल उठाते हुए, शिवसेना की उपनेता सुषमा अंधारे ने कहा कि यह कार्रवाई पार्टी प्रमुख उद्धव ठाकरे द्वारा मंगलवार को वर्ली में एक आउटरीच कार्यक्रम, ‘जनता न्यायालय’ आयोजित करने के बाद हुई.
अंधारे ने दिप्रिंट को बताया, “जनता न्यायालय के बाद बीजेपी के खिलाफ माहौल बना है. और इसीलिए राजनीतिक प्रतिशोध के तहत सूरज चव्हाण के खिलाफ कार्रवाई शुरू की गई है.”
(संपादन: अलमिना खातून)
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