अनंतनाग (जम्मू एंड कश्मीर): जम्मू-कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने रविवार को इस क्षेत्र में हाल ही में लक्षित हत्याओं को लेकर केंद्र पर निशाना साधा और कहा कि कश्मीरी पंडित इस तथ्य के बावजूद पलायन करने के लिए मजबूर हैं कि केंद्र में भाजपा की कमान है.
मुफ्ती ने पत्रकारों से बात करते हुए कहा, कश्मीर में पिछले साल अक्टूबर से टारगेट किलिंग की एक फेहरिस्त देखी जा रही है. उन्होंने कहा, ‘कश्मीरी पंडितों की टारगेट किलिंग हो रही हैं, जिनकी सरकार है? कश्मीरी पंडित जम्मू में पिछले 6 महीनों से विरोध कर रहे हैं. आज, फारूक अब्दुल्ला और न ही मैं सत्ता में हूं. केंद्र में भाजपा की सरकार है. कश्मीरी पंडित पलायन करने के लिए क्यों मजबूर हैं?’
एनआईए आरोप शीट के मुताबिक कश्मीर घाटी में टारगेट किलिंग (लक्षित हत्याएं) हिजबुल मुजाहिदीन और अन्य प्रतिबंधित आतंकवादी संगठनों के आतंकवादियों द्वारा कश्मीर घाटी में पंचायती राज प्रणाली द्वारा स्थापित शांति और लोकतांत्रिक प्रक्रिया को बाधित करने और राजनीतिक रूप से निर्वाचित प्रतिनिधियों के बीच आतंक पैदा करने के लिए एक बड़ी साजिश का हिस्सा थीं.
यह रहस्योद्घाटन तब हुआ जब राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने सितंबर में जम्मू-कश्मीर के कुलगाम के अडूरा गांव के एक सरपंच की लक्षित हत्या के छह आरोपियों के खिलाफ आरोप पत्र दायर किया था.
प्रतिबंधित आतंकवादी संगठन हिजबुल मुजाहिदीन के आतंकवादियों द्वारा सरपंच शब्बीर अहमद मीर की लक्षित हत्या के मामले में आतंकवाद निरोधी एजेंसी ने जम्मू की एक विशेष एनआईए अदालत में आरोपपत्र दायर किया था.
मामला शुरू में 11 मार्च को जम्मू-कश्मीर के कुलगाम पुलिस स्टेशन में दर्ज किया गया था और 8 अप्रैल को एनआईए द्वारा फिर से दर्ज किया गया था.
जांच में खुलासा हुआ है कि पाकिस्तान से संचालित प्रतिबंधित आतंकी संगठन हिजबुल मुजाहिदीन के संचालकों ने सरपंच शब्बीर अहमद मीर की हत्या को अंजाम देने के लिए आतंकी साथियों और कश्मीर घाटी में सक्रिय हिजबुल मुजाहिदीन के ओवर ग्राउंड वर्कर्स और आतंकियों की मिलीभगत से आपराधिक साजिश रची थी, एनआईए ने कहा था.
यह भी पढ़ें: YouTube यूपीएससी छात्रों के लिए नया मुखर्जी नगर बना, इंफ्लूएंसर होते हैं ट्यूटर