नई दिल्लीः आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री वाई. एस. जगन मोहन रेड्डी भारत के सबसे अमीर मुख्यमंत्री हैं जबकि पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के पास सबसे कम शुद्ध संपत्ति है.
ये आंकड़े दिप्रिंट को देश के 30 मुख्यमंत्रियों द्वारा अपने पिछले चुनावी हलफनामे में दी गई जानकारी से प्राप्त हुई है.
इस विश्लेषण में कुछ और भी रोचक जानकारियां सामने आई है. जैसे असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा देश के सबसे शिक्षित मुख्यमंत्री हैं और आठ मुख्यमंत्रियों के पास बंदूकें भी हैं.
विश्लेषण में यह पता चला है कि सिक्किम के मुख्यमंत्री प्रेम सिंह तमांग की तीन पत्नियां हैं.
यहां भारत के 30 मुख्यमंत्रियों पर उनके चुनावी हलफनामे में दी गई जानकारी पर नजर डाली गई है.
सबसे अमीर कौन?
आंध्रप्रदेश के मुख्यमंत्री जगन रेड्डी के पास 370 करोड़ रुपये हैं. वो देश के अन्य मुख्यमंत्रियों के तुलना में सबसे अमीर हैं. इसमें विरासत में मिली संपत्ति के साथ साथ खुद से अर्जित की हुई संपत्ति भी शामिल है.
100 करोड़ से अधिक संपत्ति वाले में एक और नाम अरुणाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री पेमा खांडू का आता है. उनकी कुल संपत्ति 132 करोड़ रुपये हैं.
पूर्वोत्तर के सभी आठ मुख्यमंत्रियों की कुल संपत्ति (178.85 करोड़ रुपये) है जो कि रेड्डी को छोड़कर बाकी के सभी सीएम की कुल संपत्ति (178.49 करोड़ रुपये) से थोड़ी सी अधिक है. इस बात की जानकारी चुनावी हलफनामे से मिलती है.
ममता बनर्जी 15 लाख की संपत्ति के साथ देश की सबसे गरीब मुख्यमंत्री हैं, जबकि बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार 56 लाख रुपये के साथ देश के दूसरे सबसे गरीब मुख्यमंत्री हैं.
1 करोड़ से कम संपत्ति में एक अन्य नाम मुख्यमंत्री केरल के पिनराई विजयन का है. विजयन की संपत्ति 73 लाख रुपए हैं.
हथियारों के शौकीन मुख्यमंत्री
देश में आठ ऐसे भी मुख्यमंत्री हैं जिनके पास बंदूकें हैं. ये मुख्यमंत्री हैं- तमांग, एकनाथ शिंदे, योगी आदित्यनाथ, हेमंत सोरेन, पुष्कर सिंह धामी, एन बीरेन सिंह, भगवंत मान और शिवराज सिंह चौहान.
सिक्किम के मुख्यमंत्री तमांग के पास 3 लाख रुपये की बोर रिवाल्वर है जोकि इस समूह में सबसे महंगा हथियार है. महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के पास एस रिवॉल्वर और एक पिस्तौल है जिसकी कुल कीमत 5 लाख रुपये है.
एकनाथ शिंदे के अलावा योगी आदित्यनाथ दूसरे मुख्यमंत्री हैं जिनके पास दो हथियार हैं. योगी आदित्यनाथ के पास एक रिवॉल्वर और एक राइफल है.
राइफल रखने वाले मुख्यमंत्रियों की सूची में अगला नाम झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन और उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की नाम आता है.
इसके अलावा तीन अन्य मुख्यमंत्री, मणिपुर के बीरेन सिंह (1.75 लाख रुपये की पिस्तौल), पंजाब के मान (20,000 रुपये की बंदूक) और मध्य प्रदेश के चौहान (5,500 रुपये की रिवाल्वर) है.
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अमीर पति या पत्नी
ऐसा लगता है कि मुख्यमंत्रियों के जीवनसाथियों के बीच ‘बिजनेस’ सबसे ज्यादा प्रचलित है. – चुनावी हलफनामों में दिखाया गया है कि करीब एक दर्जन पार्टनर्स किसी न किसी प्रकार के उद्यम में लगे हुए हैं.
इसके अलावा, छह मुख्यमंत्रियों की पत्नियां – जिनमें सरमा, सोरेन, चौहान और शिंदे शामिल हैं – अपने पतियों की तुलना में अमीर हैं.
असम के मुख्यमंत्री की पत्नी, रिनिकी भुइयां सरमा, जो प्राइड ईस्ट एंटरटेनमेंट प्राइवेट लिमिटेड मीडिया कंपनी की ‘अध्यक्ष-सह-प्रबंध निदेशक’ हैं, उनके पास 11 करोड़ रुपये की संपत्ति है, जबकि उनके पति के पास 1 करोड़ रुपये की संपत्ति है.
सोरेन के पास 2.24 करोड़ रुपये की संपत्ति है जबकि उनकी पत्नी कल्पना के नाम 5.81 करोड़ रुपये की संपत्ति है.
इसी तरह चौहान की कुल संपत्ति 2.6 करोड़ रुपये है जबकि उनकी पत्नी साधना सिंह की कुल संपत्ति 3.9 करोड़ रुपये है.
एजुकेशन की एफिडेविट के मुताबिक सोरेन और सिंह दोनों की पत्नियां ‘बिजनेस’ करती हैं.
अपने पति की तरह ही, महाराष्ट्र के सीएम शिंदे की पत्नी लता शिंदे एक कॉन्सट्रक्शन ‘ठेकेदार’ हैं, जिनकी कुल संपत्ति 5.5 करोड़ रुपये है. जबकि, शिंदे के पास 2.24 करोड़ रुपये की संपत्ति है.
हलफनामे से पता चलता है कि 30 मुख्यमंत्रियों में से पांच – हरियाणा के मनोहर लाल खट्टर, ओडिशा के नवीन पटनायक, यूपी के आदित्यनाथ, और पुडुचेरी के एन. रंगास्वामी और पश्चिम बंगाल की बनर्जी ममता अविवाहित हैं.
हालांकि, 30 मुख्यमंत्रियों में से, सिक्किम के तमांग एकमात्र ऐसे हैं जिनकी कई पत्नियां हैं. उनकी तीनों पत्नियां सरकारी कर्मचारी हैं.
सबसे अधिक आपराधिक मामले
64 साल की उम्र में, तेलंगाना के के. चंद्रशेखर राव या केसीआर पर सबसे अधिक आपराधिक मामले दर्ज हैं.
उनके बाद उन्ही के दो दक्षिणी समकक्ष तमिलनाडु के एमके स्टालिन और आंध्र प्रदेश के जगन का स्थान उनके बाद आता है जिनके ऊपर क्रमश: 47 और 38 मामले हैं.
इनमें से कोई भी मामला बलात्कार या हत्या जैसे जघन्य अपराधों से संबंधित नहीं है. हालांकि, उनमें आपराधिक धमकी (केसीआर और रेड्डी), दंगा (केसीआर), धोखाधड़ी (रेड्डी), हत्या का प्रयास (केसीआर) और अपहरण (स्टालिन) के आरोप शामिल हैं.
देश के 10 भाजपा मुख्यमंत्रियों में से किसी के खिलाफ भी एक भी आपराधिक मामला दर्ज नहीं है, जैसा कि उनके हलफनामों से पता चलता है.
गैर-भाजपा मुख्यमंत्रियों में, राजस्थान के अशोक गहलोत, पश्चिम बंगाल के बनर्जी, ओडिशा के पटनायक, मेघालय के कोनराड संगमा, नागालैंड के नेफ्यू रियो और पुडुचेरी के रंगास्वामी भी कोई आपराधिक आरोपों का सामना नहीं कर रहे हैं.
यहां भी, तमांग सबसे अलग हैं – वह एक मात्र मुख्यमंत्री हैं जिन्हें भ्रष्टाचार के मामले में दोषी ठहराया गया है. तमांग को 1996 में पशुपालन मंत्री रहते हुए गाय वितरण योजना में धन के दुरुपयोग का दोषी पाए जाने के बाद 2017 से 2018 के बीच एक साल के कारावास की सजा सुनाई गई थी और एक साल जेल की सजा सुनाई गई थी.
जनप्रतिनिधित्व कानून 1951 के तहत उनके छह साल तक कोई भी चुनाव लड़ने पर रोक लगा दी गई थी. लेकिन 2021 में, भारत के चुनाव आयोग ने उस अवधि को घटाकर एक साल और एक महीने कर दिया.
शिक्षा का स्तर
असम के हिमंत बिस्वा सरमा भारत के मुख्यमंत्रियों में सबसे अधिक शिक्षित प्रतीत होते हैं. उनके हलफनामे के अनुसार, उनके पास दर्शनशास्त्र में डॉक्टरेट, राजनीति विज्ञान में एमए और कानून की डिग्री है.
त्रिपुरा के उनके सीएम मणिक साहा के पास दंत चिकित्सा में मास्टर डिग्री है. सूची में तीन इंजीनियर भी हैं. दिल्ली के अरविंद केजरीवाल और कर्नाटक के बसवराज बोम्मई दोनों के पास मैकेनिकल इंजीनियरिंग की डिग्री है, जबकि गुजरात के भूपेंद्र पटेल के पास सिविल इंजीनियरिंग में डिप्लोमा है.
इनमें, महाराष्ट्र के एकनाथ शिंदे अपने सभी साथियों में सबसे कम शिक्षित हैं. बालासाहेबांची शिवसेना नेता, जिनकी ऑटो ड्राइवर से राजनेता बनने की कहानी जगजाहिर है, हाईस्कूल तक भी नहीं पढ़े हैं.
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किसके पास सबसे अधिक वाहन हैं?
हलफनामे से पता चलता है कि केवल आठ मुख्यमंत्रियों – खट्टर, विजयन, गहलोत, स्टालिन, केसीआर, आदित्यनाथ, धामी और बनर्जी के पास अपना कोई वाहन नहीं है.
इस बीच, आंध्र के सीएम रेड्डी के नाम पर चार वाहन हैं – तीन स्कॉर्पियो और एक बीएमडब्ल्यू. इसके लिए, उन्होंने अपने हलफनामे में लिखा है: ‘दूसरों के स्वामित्व वाले बुलेटप्रूफ वाहन, गृह मंत्रालय द्वारा (अनुबंध) के मद्देनजर मेरे नाम पर पंजीकृत हैं (हालांकि उन पर मेरा स्वामित्व नहीं है और मैंने इसमें इन्वेस्ट नहीं किया है.)
खांडू के पास सबसे ज्यादा सात वाहन हैं, जिनकी कीमत 1.5 करोड़ रुपये है.
इनमें एक टाटा ट्रक, दो फोर्ड एंडेवर, एक टोयोटा फॉर्च्यूनर, एक बोलेरो और एक टाटा डंपर शामिल हैं.
उनके बाद, नागालैंड के नेफ्यू रियो के पास सबसे महंगी गाड़ियों का अगला सेट है. उनकी तीन कारों मारुति ऑल्टो, बीएमडब्ल्यू मिनी और लैंड क्रूजर प्राडो की कीमत एक करोड़ रुपये से अधिक है.
दूसरी ओर, छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल और उनकी पत्नी मुक्तेश्वरी बघेल, जो दोनों ‘कृषि’ को अपना पेशा बताते हैं, उनके पास एक-एक ट्रैक्टर है.
अचल संपत्ति
हालांकि, जगन रेड्डी अपनी कुल संपत्ति के मामले में अपने समकक्षों से बहुत आगे हैं, लेकिन हलफनामे से पता चलता है कि ओडिशा के नवीन पटनायक को सबसे अधिक संपत्ति विरासत में मिली है.
पटनायक को 60 करोड़ रुपये की अचल संपत्ति विरासत में मिली है, जो पुडुचेरी के रंगास्वामी से 1.5 गुना अधिक है.
अचल संपत्ति में आवासीय और वाणिज्यिक भवन, साथ ही कृषि और गैर-कृषि भूमि शामिल हैं.
हलफनामे से पता चलता है कि पहले से ही विरासत में मिली करोड़ों की संपत्ति के बावजूद न तो रंगास्वामी और न ही पटनायक ने खुद कोई संपत्ति अर्जित की है.
जिन अन्य लोगों ने ऐसी कोई नई संपत्ति हासिल नहीं की है, उनमें त्रिपुरा के मणिक साहा शामिल हैं, जिन्हें विरासत में 10.8 करोड़ रुपये मिले हैं, और हरियाणा के खट्टर, जिन्हें केवल 33 लाख मिले थे.
जिन आठ मुख्यमंत्रियों को विरासत में कुछ नहीं मिला था अपने लिए खुद संपत्ति बनाई.
केसीआर 12 करोड़ रुपये की संपत्ति के साथ इस सूची में सबसे ऊपर हैं. उनके बाद एकनाथ शिंदे (4.47 करोड़ रुपये), फिर बसवराज बोम्मई (3.77 करोड़ रुपये), भूपेंद्र पटेल (3.04 करोड़ रुपये) और शिवराज सिंह चौहान (2.83 करोड़ रुपये) हैं.
मिजोरम के सीएम जोरमथांगा, कर्नाटक के बोम्मई और झारखंड के सोरेन, जिन्हें विरासत में कुछ नहीं मिला, अब 1 करोड़ रुपये से अधिक की अचल संपत्ति के मालिक हैं.
तीन मुख्यमंत्री जिनके पास कोई अचल संपत्ति नहीं है, वे आदित्यनाथ, बनर्जी और सरमा हैं. हालांकि सरमा की पत्नी रिनिकी भुइयां के नाम पर चार करोड़ रुपये की अचल संपत्ति है.
(संपादनः शिव पाण्डेय)
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