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Monday, 18 November, 2024
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BJP नेता अग्निमित्रा पॉल ने बंगाल हिंसा की तुलना ‘रूस-यूक्रेन युद्ध’ से की, बोलीं- CM पद से इस्तीफा दें

अग्निमित्रा पॉल ने कहा कि उन्हें इस्तीफा दे देना चाहिए क्योंकि राज्य में अराजकता है और अगर केंद्रीय बल नहीं आते हैं, तो पश्चिम बंगाल में रक्तपात होगा.

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नई दिल्ली: पश्चिम बंगाल में पंचायत चुनावों के लिए नामांकन दाखिल करने के दौरान कथित हिंसा को लेकर तृणमूल कांग्रेस पर निशाना साधते हुए, भारतीय जनता पार्टी की राज्य महासचिव अग्निमित्रा पॉल ने मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के पद से इस्तीफे की मांग की.

स्थिति की तुलना ‘रूस-यूक्रेन युद्ध’ से करते हुए, भाजपा नेता ने कहा कि यदि केंद्रीय बल नहीं भेजे गए, तो राज्य में ‘रक्तपात’ होगा.

मामला पंचायत चुनाव के लिए नामांकन दाखिल करने के दौरान राज्य में हुई कथित हिंसा की घटनाओं से जुड़ा है, जहां कई विपक्षी नेताओं ने आरोप लगाया है कि उनके साथ मारपीट की जा रही है.

अग्निमित्रा पॉल ने कहा, “हमें नामांकन के लिए सिर्फ 5-6 दिन मिले. किसी अन्य राजनीतिक दल के साथ इस पर चर्चा नहीं की गई. हम जानते हैं कि किसकी सलाह पर बिना दूसरों से सलाह लिए पंचायत चुनाव की घोषणा कर दी गई. उस दिन से हम देख रहे हैं कि भाजपा और अन्य पार्टियों के कार्यकर्ताओं को नामांकन नहीं करने दिया जा रहा है.”

उन्होंने आगे कहा कि डायमंड हार्बर, जॉयनगर, कैनिंग, काकद्वीप, बर्धमान में भाजपा नेताओं को लोहे की छड़ी से बेरहमी से पीटा जा रहा है. हम बम विस्फोट होते देख रहे हैं. क्या यह रूस-यूक्रेन है? क्या हम युद्ध लड़ रहे हैं?

भाजपा के राज्य महासचिव नेता ने राज्य में “अराजकता” को लेकर मुख्यमंत्री के इस्तीफे की मांग की.

उन्होंने कहा, “अब हम समझ गए हैं कि पिछले छह-आठ महीनों में राज्य से इतना गोला-बारूद क्यों बरामद किया गया…इस दिन के लिए. ममता बनर्जी को इस्तीफा दे देना चाहिए, क्योंकि या तो पुलिस उनकी बात नहीं सुन रही है, या फिर वह कहती कुछ और करती कुछ और है.”

अग्निमित्रा पॉल ने कहा, उन्हें इस्तीफा दे देना चाहिए क्योंकि राज्य में अराजकता है और अगर केंद्रीय बल नहीं आते हैं, तो पश्चिम बंगाल में रक्तपात होगा. मैं केंद्रीय चुनाव आयोग से अनुरोध करना चाहती हूं कि कृपया केंद्रीय बल भेजें अन्यथा सभी राजनीतिक दलों से बड़ी संख्या में लोग मारे जाएंगे. और मुझे उन लोगों पर दया आती है जो लोकतंत्र में विश्वास खो रहे हैं. यह शर्म की बात है कि हम पश्चिम बंगाल जैसे राज्य से ताल्लुक रखते हैं.

इस बीच, इंडियन सेक्युलर फ्रंट (ISF) के नेता और भांगर विधायक नौशाद सिद्दीकी ने भी आरोप लगाया कि विपक्षी नेताओं को नामांकन दाखिल करने की अनुमति नहीं दी जा रही है.

उन्होंने कहा, “9 मई से हिंसा बढ़ रही है, इसके अलावा, पश्चिम बंगाल में हर जगह नामांकन दाखिल करने में समस्याएं आ रही हैं. इसलिए, हम आज मुख्यमंत्री से मिलने गए लेकिन उनके व्यस्त कार्यक्रम के कारण हम नहीं मिल सके.”

सिद्दीकी ने कहा, “ऐसा नहीं होना चाहिए. हर राजनीतिक दल को नामांकन दाखिल करने का अधिकार है, लेकिन यहां उम्मीदवारों को नामांकन दाखिल करने की अनुमति दी जा रही है. खासकर, पार्टी के जो उम्मीदवार उन्हें हरा सकते हैं, उन्हें रोका जा रहा है.”

विशेष रूप से, कलकत्ता हाई कोर्ट ने चुनाव के लिए राज्य चुनाव आयोग (एसईसी) द्वारा संवेदनशील घोषित सभी क्षेत्रों में केंद्रीय बलों की आवश्यकता और तैनाती का आदेश दिया था.

हालांकि, अदालत ने बीजेपी के शुभेंदु अधिकारी और कांग्रेस के अधीर रंजन चौधरी की याचिकाओं पर सुनवाई करते हुए 8 जुलाई के चुनावों के लिए नामांकन दाखिल करने के लिए समय बढ़ाने की मांग करने वाली जनहित याचिकाओं पर विचार करने से इनकार कर दिया.

पश्चिम बंगाल में पंचायत चुनाव 8 जुलाई को एक ही चरण में होंगे, जिसकी मतगणना 11 जुलाई को होनी है.


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