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Friday, 10 May, 2024
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‘हमें बायकॉट नहीं टारगेट किया गया’, INDIA के प्रतिबंध पर 14 ब्लैकलिस्टेड एंकरों का क्या है कहना

एंकरों में रिपब्लिक टीवी के अर्नब गोस्वामी, इंडिया टुडे, आज तक और डीडी न्यूज़ जैसे नेटवर्क के प्रमुख पत्रकार शामिल हैं. बीजेपी ने कहा कि यह कदम INDIA गठबंधन के 'डर' को दर्शाता है.

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नई दिल्ली: विपक्षी इंडिया गुट ने गुरुवार को 14 न्यूज़ एंकरों की एक सूची की घोषणा की, जिन्हें गुट ने ब्लैकलिस्ट करने का फैसला किया है. जिसका मतलब यह है कि गठबंधन बनाने वाली 38 पार्टियों में से कोई भी इन एंकरों द्वारा आयोजित शो या बहस में अपने प्रतिनिधि नहीं भेजेगा.

घोषणा के बाद से, INDIA को संबंधित समाचार न्यूज़, न्यूज ब्रॉडकास्टर्स एंड डिजिटल एसोसिएशन (एनबीडीए) और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) से अपने ‘आपातकाल जैसे’ निर्णय के लिए आलोचना का सामना करना पड़ा.

इंडिया मीडिया उप-समिति के सदस्य और कांग्रेस नेता पवन खेड़ा ने दिप्रिंट से कहा, ”हम इन टीवी शो से दूर रहेंगे क्योंकि हम इन एंकरों द्वारा फैलाई गई नफरत भरी कहानी को हिस्सा नहीं बनाना चाहते हैं.”

ब्लॉक किए गए एंकरों में रिपब्लिक टीवी के एडिटर-इन-चीफ अर्नब गोस्वामी, भारत24 की एंकर रुबिका लियाकत, इंडिया टुडे-आज तक नेटवर्क के सुधीर चौधरी, चित्रा त्रिपाठी, गौरव सावंत और शिव अरूर, टाइम्स नेटवर्क की ग्रुप एडिटर नविका कुमार, टाइम्स नाउ के एंकर सुशांत सिन्हा, सीएनएन-न्यूज18 के अमन चोपड़ा, अमीश देवगन और आनंद नरसिम्हन, इंडिया टीवी की प्राची पाराशर, भारत एक्सप्रेस की अदिति त्यागी, और डीडी न्यूज़ के एंकर अशोक श्रीवास्तव शामिल हैं.

दिप्रिंट कॉल और टेक्स्ट के माध्यम से सभी 14 एंकरों तक पहुंचा, जिनमें से कुछ ने टिप्पणी करने से इनकार कर दिया या अपने एक्स प्रोफाइल पर अपने बयान दिए या उफिर अपने ही शो में अपने बहिष्कार के बारे में बात की.

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दिप्रिंट से बात करते हुए, सुशांत सिन्हा, जो टाइम्स नाउ नवभारत पर हर दिन रात 9 बजे ‘न्यूज़ की पाठशाला’ की एंकरिंग करते हैं, ने कहा कि वह सूची में अपना नाम देखकर “हैरान” थे.

उन्होंने कहा, “यह बहिष्कार के लिए बनाई गई सूची कम और लक्ष्य बनाने के लिए बनाई गई सूची अधिक लगती है क्योंकि मेरे जैसे पत्रकार, जो कोई डिबेट शो नहीं करते हैं और आमतौर पर अपने शो में किसी मेहमान को आमंत्रित भी नहीं करते हैं, इस सूची में हैं. जब मेरे शो में कोई आता ही नहीं है और किसी आने से रोका जा रहा है?”

सिन्हा ने आगे कहा, “इससे केवल INDIA गठबंधन की छवि को नुकसान होगा. सोशल मीडिया पर हर जगह इसकी तुलना आपातकाल के दौरान पत्रकारों की आवाज को जिस तरह से दबाया गया था, उससे की जा रही है. इंडिया गठबंधन में शामिल कुछ पार्टियों के समर्थक खुलेआम इस सूची के पत्रकारों को जेल की धमकी दे रहे हैं या ‘इलाज’ के लिए तैयार रहने को कह रहे हैं. क्या अब इस देश में पत्रकारों को ऐसी खुली धमकियां मिलेंगी?”

वहीं भारत24 की रुबिका लियाकत ने कहा कि ये कोई बैन नहीं है, ये डर है.

लियाकत, जहां उनके प्रोफाइल बैनर पर ‘बेबाक, बेखौफ, बेझिजक’ लिखा था, ने एक्स पर एक पोस्ट में हिंदी में लिखा, “इसे डराना-धमकाना कहते हैं. यह पत्रकारों का बहिष्कार नहीं है. इसे कहते हैं सवालों से भागना. आप हां में हां मिलाने वालों से निपटने के आदी हैं. यह ऐसा कुछ नहीं है जो मैंने कल किया था, न ही मैं इसे कल करूंगा. अगर बैन करने की हिम्मत है तो उन पर बैन लगाओ जो प्यार के बाजार में नफरत परोस रहे हैं. वे विकृत नफरत परोस रहे हैं.”

भाजपा प्रवक्ता शहजाद पूनावाला के अनुसार – जो अक्सर समाचार चैनलों पर बहस में शामिल होते हैं – बहिष्कार कांग्रेस की आपातकालीन मानसिकता की याद दिलाता है.

पूनावाला ने दिप्रिंट को बताया, “विडंबना यह है कि यह गठबंधन इस तथ्य पर गर्व करता है कि यह संविधान को बचाने के लिए है, कि यह सहिष्णुता के मूल्यों का प्रतिनिधित्व करने के लिए है. गठबंधन में शामिल उन लोगों के खिलाफ कार्रवाई करने के बजाय जो हिंदू धर्म के खिलाफ बोल रहे हैं, जैसे उदयनिधि स्टालिन और प्रियांक खड़गे और समाजवादी पार्टी और राजद के लोग, वे पत्रकारों का बहिष्कार कर रहे हैं. यह दिखाता है कि वे मीडिया को कैसे बांटना और शासन करना चाहते हैं.”

उन्होंने कहा कि यह INDIA गठबंधन की “इनसिक्योरिटी” को दर्शाता है.

उन्होंने आगे कहा, “इस फतवे के लॉन्च होने के 15 मिनट के भीतर, समाजवादी पार्टी के अनुराग भदौरिया पहले से ही चित्रा त्रिपाठी के शो पर बहस कर रहे थे. इससे पता चलता है कि इन मुद्दों पर उनकी अपनी पार्टी के सदस्यों के बीच एक राय नहीं है. इसके अलावा, सूची में कुछ लोग ऐसे भी हैं जो डिबेट शो नहीं करते हैं, उदाहरण के लिए सुधीर चौधरी और सुशांत सिन्हा. तो, यह एंकरों के बहिष्कार की सूची नहीं है, यह उन पर निशाना साधने की सूची है. मुझे लगता है कि इन एंकरों के खिलाफ कांग्रेस शासित और गैर-भाजपा शासित राज्यों में फर्जी मामले दर्ज किए जाएंगे और उन्हें डराया जाएगा.”


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‘बहिष्कार सम्मान का प्रतीक है’

बुधवार को इंडिया ब्लॉक की समन्वय समिति की बैठक के बाद, कांग्रेस महासचिव के.सी. वेणुगोपाल ने कहा था, “समन्वय समिति ने मीडिया पर उप-समूह को उन एंकरों के नाम तय करने के लिए अधिकृत किया है जिनके शो में INDIA की कोई भी पार्टी अपने प्रतिनिधियों को नहीं भेजेगी.”

अगले दिन सूची जारी कर दी गई. इसके तुरंत बाद एनबीडीए की ओर से एक बयान आया, “भारत की कुछ शीर्ष टीवी समाचार हस्तियों द्वारा संचालित टीवी न्यूज़ शो में भाग लेने से विपक्षी गठबंधन के प्रतिनिधियों पर प्रतिबंध लोकतंत्र के लोकाचार के खिलाफ है. यह असहिष्णुता का प्रतीक है और प्रेस की स्वतंत्रता को खतरे में डालता है.”

यह निर्णय सत्तारूढ़ भाजपा के पक्ष में मीडिया के पूर्वाग्रह के प्रति INDIA के लंबे समय से चले आ रहे असंतोष को दर्शाता है, एक ऐसा मुद्दा जिसके कारण कभी-कभी कुछ विपक्षी नेताओं द्वारा इन एंकरों को “मोदिया” कहा जाता है.

गुरुवार को एक्स पर एक पोस्ट में कांग्रेस के खेड़ा ने कहा, ”भारी मन से कुछ एंकरों के शो और कार्यक्रमों में भाग नहीं लेने का निर्णय लिया गया. हम अपने नेताओं के खिलाफ गलत टिप्पणियों, फर्जी खबरों आदि के खिलाफ लड़ते रहे हैं और लड़ते रहेंगे लेकिन समाज में नफरत नहीं फैलने देंगे.”

सीएनएन-न्यूज18 के अमन चोपड़ा ने कहा कि बहिष्कार “सम्मान का प्रतीक” है जिसे वह गर्व के साथ रखेंगे. चोपड़ा ने एक्स पर लिखा, “मैंने सवाल पूछना बंद नहीं किया है. बहिष्कार एक पत्रकार के लिए सम्मान का सबसे बड़ा प्रतीक है.”

अपने शो के दौरान, वह अपने होठों पर उंगली रखकर बैठे थे, जबकि स्क्रीन पर “सवाल ना पूछे” जैसे शब्द चमक रहे थे.

चोपड़ा ने कहा, “उन्होंने उन पत्रकारों का बहिष्कार किया, जिन्होंने सवाल पूछने की हिम्मत की. इतिहास अब खुद को दोहरा रहा है. अड़तालीस साल पहले, 1975 में आपातकाल के दौरान कांग्रेस सरकार ने प्रेस पर सेंसर लगा दिया था और जो लोग सरकार के खिलाफ लिखते थे, उनका मुंह बंद कर दिया गया था. अब वे हमारे साथ यही करने की कोशिश कर रहे हैं.”

डीडी न्यूज के वरिष्ठ एंकर श्रीवास्तव ने भी अपने दैनिक शो ‘डू टूक’ की शुरुआत में INDIA के फैसले पर पांच से सात मिनट तक बात की.

उन्होंने कहा, “हम हर किसी को एक मंच देते हैं. वास्तव में, मेरे कुछ दर्शकों ने पूछा है कि हम कुछ विपक्षी नेताओं को बोलने का मौका क्यों देते हैं क्योंकि वे अक्सर अपमानजनक होते हैं. ये हमारा कर्तव्य है. हम भी प्रतिष्ठान से सवाल पूछते हैं और वे भी कभी-कभी परेशान हो जाते हैं. वे क्या सोचते हैं? कि हम उन्हें एक मंच देंगे जहां वे सिर्फ भाषण देंगे और सवाल नहीं पूछेंगे? वे कहते हैं कि डीडी एक सरकारी चैनल है, लेकिन दूरदर्शन एक सार्वजनिक प्रसारक है और हम जनता के मुद्दे उठाते हैं.”

इस बीच, एंकर अदिति त्यागी ने एक्स पर एक पोस्ट में लिखा कि “देश के लिए सवाल पूछने वाली सूची में मेरा नाम पहले स्थान पर है. मैं नहीं डरती.”

सीएनएन-न्यूज18 के आनंद नरसिम्हन ने अपने शो में कहा, “इस गठबंधन के प्रमुख नेताओं का दावा है कि वे मोहब्बत की दुकान हैं और वे सहिष्णु हैं और उनके मन में हर किसी के लिए प्यार है. क्या यही प्यार है? क्या यही सहिष्णुता है? या यह नफरत की अभिव्यक्ति है?”

टिप्पणी के लिए संपर्क किए जाने पर नरसिम्हन ने दिप्रिंट को बताया कि उन्होंने अपने शो में जो सवाल पूछे थे, वे INDIA के बहिष्कार के प्रति उनकी प्रतिक्रिया थी.

(संपादन: अलमिना खातून)

(इस ख़बर को अंग्रेज़ी में पढ़नें के लिए यहां क्लिक करें)


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