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Friday, 15 November, 2024
होमराजनीति'पानी भी पहाड़ के काम आएगा और जवानी भी', शिव की नगरी में PM बोले- अपनी ऊंचाई हासिल करेगा उत्तराखंड

‘पानी भी पहाड़ के काम आएगा और जवानी भी’, शिव की नगरी में PM बोले- अपनी ऊंचाई हासिल करेगा उत्तराखंड

पीएम मोदी ने उत्तराखंड से हो रहे पलायन को लेकर कहा कि पहाडों का पानी और जवानी दोनों उसके काम आएगा और पलायन रुकेगा. उन्होंने कहा कि उत्तराखंड जितनी उसकी ऊंचाई है उतनी ही ऊंचाई प्राप्त करेगा.

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देहरादून/केदारनाथः प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को भगवान शिव के धाम केदारनाथ में आदि गुरु शंकराचार्य की प्रतिमा का अनावरण किया और कहा कि उनकी पुनर्निर्मित समाधि पर उनकी प्रतिमा के समक्ष बैठने का अनुभव बयां करने के लिए शब्द नहीं हैं.

प्रधानमंत्री मोदी ने 2013 की विनाशकारी बाढ़ के बाद, शून्य से कम तापमान में केदारपुरी में हुए पुनर्निर्माण कार्यों का श्रेय बाबा केदार को देते हुए कहा कि यह दशक उत्तराखंड का है और आने वाले वर्षों में संपर्क (कनेक्टिविटी) को अभूतपूर्व रूप से बढ़ावा मिलेगा. उन्होंने कहा कि अयोध्या में राम मंदिर का निर्माण चल रहा है और सदियों बाद वह अपना गौरव वापस पा रहा है.

एक ही शिला काटकर बनाई गई शंकराचार्य की बारह फुट ऊंची प्रतिमा का अनावरण करने के बाद प्रधानमंत्री ने उसके समक्ष बैठकर उनकी आराधना की.

इससे पहले, मोदी ने केदारनाथ मंदिर पहुंचकर भगवान शिव की विशेष पूजा अर्चना की और उनका रूद्राभिषेक किया. मंदिर के मुख्य द्वार पर पहुंचने पर पुजारियों ने प्रधानमंत्री का उनके माथे पर लेप लगाकर स्वागत किया.

मोदी के इस कार्यक्रम का आदि शंकराचार्य द्वारा चारों दिशाओं में स्थापित किए गए चारों धाम बद्रिकाश्रम ज्योतिर्पीठ बदरीनाथ, द्वारिका पीठ, पुरी पीठ और रामेश्वरम और 12 ज्योतिर्लिंगों सहित देशभर के शिवालयों में सीधा प्रसारण किया गया.

उन्होंने कहा कि हमारे उपनिषदों में, आदि शंकराचार्य जी की रचनाओं में कई जगह नेति-नेति कहकर एक भाव विश्व का विस्तार दिया गया है. रामचरित मानस को भी हम देखें तो इसमें में अलग तरीके से ये भाव दोहराया गया है. रामचरित मानस में कहा गया है- ‘अबिगत अकथ अपार, नेति-नेति नित निगम कह’

अर्थात्, कुछ अनुभव इतने अलौकिक, इतने अनंत होते हैं कि उन्हें शब्दों से व्यक्त नहीं किया जा सकता. बाबा केदारनाथ की शरण में आकर मेरी अनुभूति ऐसी ही होती है.

पीएम मोदी ने कहा, ‘इस आदि भूमि पर शाश्वत के साथ आधुनिकता का ये मेल, विकास के ये काम भगवान शंकर की सहज कृपा का ही परिणाम हैं. मैं इन पुनीत प्रयासों के लिए उत्तराखंड सरकार का, मुख्यमंत्री धामी जी का, और इन कामों की ज़िम्मेदारी उठाने वाले सभी लोगों का भी धन्यवाद करता हूं.’

अब हमारी सांस्कृतिक विरासतों को आस्था के केन्द्रों को उसी गौरव भाव से देखा जा रहा है, जैसा देखा जाना चाहिए. आज अयोध्या में भगवान श्रीराम का भव्य मंदिर पूरे गौरव के साथ बन रहा है, अयोध्या को उसका गौरव वापस मिल रहा है.

अयोध्या का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि अभी दो दिन पहले ही अयोध्या में दीपोत्सव का भव्य आयोजन पूरी दुनिया ने देखा. भारत का प्राचीन सांस्कृतिक स्वरूप कैसा रहा होगा, आज हम इसकी कल्पना कर सकते हैं. इसी तरह उत्तर प्रदेश में काशी का भी कायाकल्प हो रहा है. विश्वनाथ धाम का कार्य बहुत तेज गति से पूर्णता की तरफ आगे बढ़ रहा है.

आगे उन्होंने कहा कि अब देश अपने लिए बड़े लक्ष्य तय करता है, कठिन समय सीमाएं निर्धारित करता है, तो कुछ लोग कहते हैं कि इतने कम समय में ये सब कैसे होगा! होगा भी या नहीं होगा! तब मैं कहता हूं कि समय के दायरे में बंधकर भयभीत होना अब भारत को मंजूर नहीं है.

पीएम मोदी ने उत्तराखंड से हो रहे पलायन को लेकर कहा कि पहाडों का पानी और जवानी दोनों उसके काम आएगा और पलायन रुकेगा. इसके लिए उन्होंने सीएम धामी को धन्यवाद भी कहा. उन्होंने कहा कि उत्तराखंड जितनी उसकी ऊंचाई है उतनी ही ऊंचाई प्राप्त करेगा.

चारधाम सड़क परियोजना पर तेजी से काम हो रहा है, चारों धाम हाइवेज से जुड़ रहे हैं. भविष्य में यहां केदारनाथ जी तक श्रद्धालु केबल कार के जरिए आ सकें, इससे जुड़ी प्रक्रिया भी शुरू हो गई है.

हेमकुंड साहिब का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि यहां पास में ही पवित्र हेमकुंड साहिब जी भी हैं. हेमकुंड साहिब जी के दर्शन आसान हों, इसके लिए वहां भी रोप-वे बनाने की तैयारी है.

कोरोना के बारे में पीएम मोदी ने कहा कि उत्तराखंड ने कोरोना के खिलाफ लड़ाई में जिस तरह का अनुशासन दिखाया, वो भी बहुत सराहनीय है. भौगोलिक कठिनाइयों को पार कर आज उत्तराखंड ने, उत्तराखंड के लोगों ने 100 प्रतिशत सिंगल डोज़ का लक्ष्य हासिल कर लिया है. ये उत्तराखंड की ताकत है, सामर्थ्य है.


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