नई दिल्ली: रविवार को एक ट्वीट में, भाजपा नेता वरुण गांधी ने महापंचायत के लिए मुजफ्फरनगर में एकत्र हुए प्रदर्शनकारी किसानों को ‘हमारे अपने मांस और खून’ के रूप में वर्णित किया और ‘उनके दर्द को समझने’ और उनके साथ फिर से जुड़ने की आवश्यकता पर बल दिया है.
भाजपा सांसद वरुण गांधी ने रविवार को तीन कृषि कानूनों के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे किसानों को ‘अपने ही भाई बंधु’ करार देते हुए कहा कि सरकार को उनसे दोबारा बातचीत करनी चाहिए ताकि सर्वमान्य हल तक पहुंचा जा सके.
Lakhs of farmers have gathered in protest today, in Muzaffarnagar. They are our own flesh and blood. We need to start re-engaging with them in a respectful manner: understand their pain, their point of view and work with them in reaching common ground. pic.twitter.com/ZIgg1CGZLn
— Varun Gandhi (@varungandhi80) September 5, 2021
उनकी इस टिप्पणी का राष्ट्रीय लोकदल (रालोद) नेता जयंत चौधरी ने समर्थन किया है. यह टिप्पणी उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर जिले स्थित राजकीय इंटर कॉलेज में संयुक्त किसान मोर्चा (एसकेएम) द्वारा आयोजित महापंचायत के बीच आई है. इस महापंचायत में शामिल होने के लिए बड़ी संख्या में किसान जुटे हैं.
गांधी ने लोगों के हुजूम का एक वीडियो ट्विटर पर साझा करते हुए लिखा,‘आज मुजफ्फरनगर में विरोध प्रदर्शन के लिये लाखों किसान इकट्ठा हुए हैं. वे हमारे अपने ही हैं. हमें उनके साथ सम्मानजनक तरीके से फिर से बातचीत करनी चाहिए और उनकी पीड़ा समझनी चाहिए, उनके विचार जानने चाहिए और किसी समझौते तक पहुंचने के लिए उनके साथ मिल कर काम करना चाहिए.’
अगले वर्ष की शुरुआत में उत्तर प्रदेश में विधानसभा चुनाव होने हैं, इस लिहाज से इस आयोजन को महत्वपूर्ण माना जा रहा है. और उसपर वरुण गांधी के इस बयान ने भाजपा में बेचैनी बढ़ा दी है.
यह आलम तब है जब कई भाजपा नेताओं ने आंदोलन को राष्ट्र-विरोधी बताते हुए या विपक्ष द्वारा अपहृत किए जाने की निंदा की है, अधिकांश ने बातचीत की वकालत करते हुए इस मुद्दे पर चुप रहने का विकल्प चुना है.
गांधी की प्रशंसा करते हुए जयंत चौधरी ने कहा, ‘वरुण भाई ने जो कहा है, मैं उसकी प्रशंसा करता हूं लेकिन देखिए उत्तर प्रदेश के खुर्जा से भाजपा विधायक क्या टिप्पणी कर रहे हैं. गहन जांच की जरूरत है, लेकिन विजेंद्र को कम से कम अपने आंखों की जांच करवानी चाहिए या वह अपने विधानसभा क्षेत्र के कुछ गांवों में जाकर इस बेतुके बयान को दोहरा सकते हैं.’
बता दें कि खुर्जा से भाजपा विधायक विजेंद्र सिंह ने ट्वीट किया: ‘क्षमा करें वरुण जी लेकिन फिर भी आपको किसानों और राष्ट्र विरोधी तत्वों के बीच अंतर करने की आवश्यकता है.’ सिंह ने बाद में अपना ट्वीट डिलीट कर दिया.
रालोद नेता भाजपा विधायक के ट्वीट का संदर्भ दे रहे थे जिसमें उन्होंने प्रदर्शनकारी किसानों की राष्ट्रवादी साख पर सवाल उठाया था. हालांकि, बाद में उन्होंने इस ट्वीट को हटा दिया.
गांधी की मां मेनका गांधी ने भी बेटे के ट्वीट को रीट्वीट किया.
पश्चिमी उत्तर प्रदेश में सामाजिक और राजनीतिक रूप से मजबूत जाट समुदाय की ओर से हो रहे प्रदर्शन के राजनीतिक असर से चिंतित भाजपा प्रदर्शनकारी नेताओं द्वारा सरकार की कड़ी आलोचना किये जाने के बावजूद पूरे मामले में फूंक-फूंक कर कदम रख रही है.
पार्टी ने केंद्रीय मंत्री मीनाक्षी लेखी से प्रदर्शनकारियों के एक हिस्से को ‘मवाली’ कहे जाने पर माफी मांगने को कहा था.
केंद्र सरकार ने प्रदर्शनकारी किसान संगठनों से कई दौर की बातचीत की, लेकिन वे कृषि कानूनों को वापस लेने की मांग को छोड़ने को तैयार नहीं हुए, जिससे पूरी प्रक्रिया बेनतीजा रही.
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