लखनऊ: उत्तर प्रदेश के रामपुर जिले की स्वार सीट से समाजवादी पार्टी (सपा) के विधायक अब्दुल्ला आजम को बुधवार को राज्य विधानसभा की सदस्यता के अयोग्य घोषित कर दिया गया. इसके साथ ही उनकी सीट भी रिक्त हो गई है.
अब्दुल्ला सपा के वरिष्ठ नेता आजम खां के बेटे हैं और ऐसा दूसरी बार है जब अब्दुल्ला को अयोग्य घोषित किया गया है.
विधानसभा के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया, ‘अब्दुल्ला आजम को 15 साल पुराने एक मामले में मुरादाबाद की अदालत द्वारा दो साल की सजा सुनाए जाने के बाद विधानसभा की सदस्यता के अयोग्य घोषित कर दिया गया है. उनकी सीट गत 13 फरवरी से रिक्त मानी जाएगी.’
लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम के तहत अगर किसी जनप्रतिनिधि को दो साल या उससे ज्यादा की सजा सुनाई जाती है तो उसे तत्काल विधानसभा की सदस्यता के अयोग्य मान लिया जाता है और सजा काटने के बाद वह छह और सालों तक चुनाव नहीं लड़ सकता.
मुरादाबाद की एक अदालत ने वर्ष 2008 में गलत तरीके से धरना-प्रदर्शन करने के मामले में पिछले सोमवार को आजम खां और अब्दुल्ला को दो-दो साल की सजा सुनाई थी. हालांकि अदालत ने दोनों को जमानत भी दे दी थी. दोनों पर 31 दिसंबर 2007 को रामपुर में स्थित केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल के शिविर पर हुए आतंकवादी हमले के मद्देनजर जांच के लिए दो जनवरी 2008 को अपना काफिला रोके जाने के विरोध में राष्ट्रीय राजमार्ग पर धरना प्रदर्शन कर रास्ता जाम करने का आरोप था.
अब्दुल्ला दूसरी बार सदन की सदस्यता के अयोग्य घोषित किए गए हैं. इससे पहले वर्ष 2020 में इलाहाबाद हाई कोर्ट ने उनके चुनाव को रद्द कर दिया था. न्यायालय ने कहा था कि वर्ष 2017 में हुए विधानसभा चुनाव में स्वार सीट से जीत हासिल करने वाले अब्दुल्ला चुनाव लड़ने के लिए निर्धारित न्यूनतम आयु 25 वर्ष से कम उम्र के थे.
अब्दुल्ला के पिता और रामपुर सदर सीट से तत्कालीन सपा विधायक आजम खां को वर्ष 2019 के लोकसभा चुनाव में नफरत भरा भाषण देने के मामले में रामपुर की अदालत ने पिछले साल अक्टूबर में तीन साल की सजा सुनाई थी, इसके बाद उन्हें भी विधानसभा की सदस्यता के अयोग्य घोषित कर दिया गया था.
पिछले साल आठ दिसंबर को हुए रामपुर सदर विधानसभा क्षेत्र के उपचुनाव में भाजपा के आकाश सक्सेना ने आजम खां के करीबी सपा प्रत्याशी आसिम राजा को हराकर सीट पर पहली बार भाजपा का परचम लहराया था.
आजम खां रामपुर विधानसभा सीट से नौ बार विधायक रह चुके हैं.
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