नई दिल्ली: उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव के नतीजे समाजवादी पार्टी के लिए तो पिछले चुनावों से बेहतर रहे लेकिन मायावती की बहुजन समाज पार्टी को राज्य में सिर्फ एक सीट मिलना उसकी राजनीति को समेट सकता है.
10 मार्च को आए नतीजों में भारतीय जनता पार्टी ने एक बार फिर से राज्य की सत्ता बरकरार रखी वहीं अखिलेश यादव की समाजवादी पार्टी 125 सीटों के साथ दूसरे स्थान पर रही.
राज्य में कांग्रेस भी अच्छा प्रदर्शन नहीं कर पाई और उसे सिर्फ 2 सीटों से संतोष करना पड़ा है.
चुनाव में बहुजन समाज पार्टी के खराब प्रदर्शन पर पार्टी प्रमुख मायावती ने कहा कि नतीजे बसपा की उम्मीद के विपरीत हैं. उन्होंने कहा कि इससे घबराकर और निराश होकर पार्टी के लोगों को टूटना नहीं है.
मायावती ने कहा, ‘हार के सही कारणों को समझकर और सबक सीखकर हमें अपनी पार्टी को आगे बढ़ाना है और आगे चलकर सत्ता में जरूर आना है.’
मायावती ने कहा कि मुस्लिम समाज का समाजवादी पार्टी की तरफ जाना उनकी बड़ी भूल है. उन्होंने कहा, ‘मुस्लिम समाज बसपा के साथ तो लगा रहा परंतु इनका पूरा वोट समाजवादी पार्टी की तरफ सिफ्ट कर गया, इससे बसपा को भारी नुकसान हुआ… मुस्लिम समाज ने बार-बार आजमाई पार्टी बसपा से ज्यादा सपा पर भरोसा करने की बड़ी भारी भूल की है.’
यह भी पढ़ें: NDA अब भारत के 44% क्षेत्रफल और इसकी लगभग आधी आबादी पर शासन करता है
यूपी में ओवैसी की AIMIM हुई फेल
शिवसेना नेता संजय राउत ने मायावती और असदुद्दीन ओवैसी पर निशाने साधते हुए कहा कि बीजेपी की जीत में मायावती और ओवैसी का योगदान है, इन्हें पद्मविभूषण और भारत रत्न देना पड़ेगा.
यूपी चुनाव में ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (एआईएमआईएम) को सिर्फ 0.49 प्रतिशत वोट ही मिला. पार्टी के अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी मुसलमानों का भी वोट हासिल नहीं कर पाए.
ओवैसी ने यूपी में 100 उम्मीदवार उतारे थे लेकिन उनमें से किसी को भी जीत नहीं मिली. नतीजों के बाद ओवैसी ने कहा कि जो भी परिणाम आए हैं वो हमारी उम्मीदों के हिसाब से नहीं हैं.
योगी आदित्यनाथ के 80-20 वाले बयान को लेकर ओवैसी ने कहा कि ये नतीजे 80-20 की कामयाबी है और यह मामला देश में बहुत लंबे समय तक रहने वाला है.
Barrister @asadowaisi addressed the media in connection with Uttar Pradesh election results https://t.co/RSGyMx7w5v
— AIMIM (@aimim_national) March 10, 2022
यह भी पढ़ें: पीएम मोदी के गढ़ वाराणसी में BJP और सहयोगी दलों ने जीती प्रतिष्ठा की जंग, सभी 8 सीटों पर किया कब्जा
‘जनहित का संघर्ष जीतेगा’
2017 में 47 सीटों से 2022 में 125 सीटों का सफर तय करने वाली समाजवादी पार्टी के प्रमुख अखिलेश यादव ने नतीजों पर अपनी प्रतिक्रिया देते हुए राज्य की जनता को सीटें ढाई गुनी और मत प्रतिशत डेढ़ गुना बढ़ाने के लिए धन्यवाद कहा.
अखिलेश यादव ने शुक्रवार को ट्वीट कर कहा, ‘हमने दिखा दिया है कि भाजपा की सीटों को घटाया जा सकता है. भाजपा का ये घटाव निरंतर जारी रहेगा. आधे से ज़्यादा भ्रम और छलावा दूर हो गया है बाकी कुछ दिनों में हो जाएगा. जनहित का संघर्ष जीतेगा!’
उप्र की जनता को हमारी सीटें ढाई गुनी व मत प्रतिशत डेढ़ गुना बढ़ाने के लिए हार्दिक धन्यवाद!
हमने दिखा दिया है कि भाजपा की सीटों को घटाया जा सकता है। भाजपा का ये घटाव निरंतर जारी रहेगा।आधे से ज़्यादा भ्रम और छलावा दूर हो गया है बाकी कुछ दिनों में हो जाएगा।
जनहित का संघर्ष जीतेगा!
— Akhilesh Yadav (@yadavakhilesh) March 11, 2022
उत्तर प्रदेश की 403 सदस्यीय विधानसभा में भारतीय जनता पार्टी और उसके गठबंधन के दलों ने मिलकर 273 सीटें जीतीं हैं जो पिछले विधानसभा चुनाव से कम है.
राज्य में भाजपा को 41.3 प्रतिशत वोट मिले हैं जबकि समाजवादी पार्टी ने 32.1 प्रतिशत वोट हासिल किए हैं. बसपा को भी 12.9 प्रतिशत वोट मिले जबकि कांग्रेस 2.3 प्रतिशत वोट ही हासिल कर पाई.
यह भी पढ़ें: विधानसभा चुनाव में बड़ी जीत के बाद मोदी सरकार से आर्थिक सुधारों के एजेंडे की नई उम्मीद