नई दिल्ली: केंद्रीय गृह मंत्रालय ने पश्चिम बंगाल में चुनाव के बाद हुई कथित हिंसा के कारणों की पड़ताल करने और राज्य में जमीनी हालात का जायजा लेने के लिए चार सदस्यीय दल का गठन किया है.
अधिकारियों ने बृहस्पतिवार को बताया कि मंत्रालय के एक अतिरिक्त सचिव के नेतृत्व में दल पश्चिम बंगाल के लिए रवाना हो गया है.
केंद्रीय गृह मंत्रालय ने बुधवार को पश्चिम बंगाल सरकार से राज्य में चुनाव के बाद हुई हिंसा की विस्तृत रिपोर्ट सौंपने और ‘समय गंवाए बिना’ ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए आवश्यक कदम उठाने को कहा था.
मंत्रालय ने राज्य सरकार को चेतावनी दी थी कि यदि राज्य सरकार ऐसा करने में विफल होती है तो मामले को ‘गंभीरता’ से लिया जाएगा.
राज्य के विभिन्न हिस्सों में चुनाव बाद हुई हिंसा में मंगलवार तक कम से कम छह लोगों की मौत हो चुकी है.
भाजपा ने आरोप लगाया है कि तृणमूल कांग्रेस समर्थित ‘गुंडों’ ने पार्टी के कार्यकर्ताओं की हत्या की, महिला सदस्यों पर हमले किए, उनके घरों में तोड़फोड़ की, दुकानों को लूट लिया और कार्यालयों को आग के हवाले कर दिया.
भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा ने बुधवार को बंगाल के हिंसा प्रभावित परिवारों के सदस्यों से मुलाकात की थी और दावा किया था कि चुनाव बाद हिंसा में बंगाल में कम से कम 14 भाजपा कार्यकर्ताओं की हत्या कर दी गई है और एक लाख के करीब लोग अपने घर छोड़ने को मजबूर हुए हैं.
हालांकि मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने इन आरोपों का खंडन किया था और कहा कि हिंसा और टकराव उन क्षेत्रों में हो रहा है जहां भाजपा के उम्मीदवारों ने चुनाव में जीत दर्ज की है.
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