तिरुवनंतपुरम: केरल में कांग्रेस नीत विपक्षी गठबंधन संयुक्त लोकतांत्रिक मोर्चा (यूडीएफ) के विधायकों ने पेट्रोल और डीजल पर से राज्य के कर को कम करने की मांग तेज करते हुए बृहस्पतिवार को विधानसभा तक साइकिल रैली निकाली और सदन की कार्रवाई का बहिष्कार किया.
सदन की कार्यवाही का बहिष्कार करने के बाद बाहर आए विधायकों ने प्रवेश द्वार पर भी धरना दिया और शून्यकाल में इस विषय पर चर्चा से सरकार के इनकार के विरोध में नारेबाजी की.
पिछले सप्ताह भी यूडीएफ विधायकों ने विधानसभा से बर्हिगमन किया था और राज्य की वाम सरकार से मांग की थी कि वह आम आदमी को राहत देने के लिए केंद्र की तर्ज पर, ईंधन पर लगे राज्य के कर में कटौती करे.
हालांकि, राज्य की वाम सरकार का कहना है कि वह कर में कटौती नहीं कर सकती क्योंकि ऐसा करने पर, खराब वित्तीय स्थिति की वजह से कई कल्याणकारी परियोजनाएं प्रभावित होंगी.
इससे पहले दिन में विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष वीडी सतीशन के नेतृत्व में विधायकों ने विधायक हास्टल से साइकिल रैली निकाली और नजदीक स्थित विधानसभा परिसर तक आए.
जब विधानसभा की कार्यवाही शुरू हुई तो शून्यकाल में कांग्रेस विधायक के बाबू ने स्थगन प्रस्ताव का नोटिस दिया और कहा कि आम आदमी लगातार बढ़ रही ईंधन की कीमतों से संकट में हैं और राज्य सरकार कर कम नहीं करने पर अड़ी है.
पिनरई विजयन सरकार पर हमला करते हुए सतीशन ने कहा कि केंद्र सरकार ने ईंधन पर लगे करों में मामूली कटौती की है और कई राज्यों ने उसके अनुपात में कर में कमी की है. हालांकि, उच्च कर लगाने वाली केरल सरकार इसमें कटौती को तैयार नहीं है और वह इसे अतिरिक्त आय का साधन मानती है.
विपक्ष के आरोपों का जवाब देते हुए राज्य के वित्त मंत्री के एन बालागोपाल ने कहा कि उनकी सरकार ने गत छह साल से पेट्रोल और डीजल पर कर नहीं बढ़ाया है बल्कि एक बार उसमें कटौती की है जबकि कांग्रेस की ओमन चांडी के नेतृत्व वाली सरकार ने ईंधन पर लगे करों में 13 बार वृद्धि की.
यूडीएफ विधायकों की साइकिल रैली पर तंज कसते हुए बालागोपाल ने कहा कि उन्हें केंद्रीय कर में कटौती के लिए बैलगाड़ी से दिल्ली जाना चाहिए.
विधानसभा अध्यक्ष ने कार्य स्थगन प्रस्ताव जब अस्वीकार कर दिया तब विरोध जताते हुए विपक्षी विधायकों ने सदन की कार्यवाही का बहिष्कार कर दिया.