नई दिल्ली: उत्तर प्रदेश को 1 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था बनाने का लक्ष्य रखते हुए, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने राज्य के लिए ‘यूपी फॉर यूपी, यूपी फॉर इंडिया, यूपी फॉर ग्लोबल’ की कल्पना की है.
मुख्यमंत्री ने कहा है कि अब उत्तर प्रदेश का समय है. उत्तर प्रदेश अपनी सभी क्षमताओं का उपयोग करते हुए देश के बहुआयामी विकास के सबसे महत्वपूर्ण आधार के रूप में स्थापित होगा.
यूपी की क्षमता के अनुरूप क्षेत्रवार अल्पकालिक और दीर्घकालिक रणनीति तय करते हुए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इस महत्वाकांक्षी लक्ष्य को हासिल करने के लिए पांच साल की समयसीमा तय की है.
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री ने कहा कि “वर्ष 2027 तक उत्तर प्रदेश 1 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था वाला राज्य बन जायेगा. मुख्यमंत्री ने शुक्रवार को राज्य के आय-व्यय और वन ट्रिलियन डॉलर इकोनॉमी से जुड़े विभिन्न विभागों के अधिकारियों के साथ समीक्षा बैठक की और आवश्यक निर्देश दिये.
योगी ने कहा कि प्रधानमंत्री के विजन के अनुरूप उत्तर प्रदेश को एक ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था बनाना हमारा मिशन है. इसके लिए अधिकारियों को मुख्य क्षेत्रों पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए और हमारे मुख्य क्षेत्र विनिर्माण, आईटी और आईटीईएस, धार्मिक पर्यटन और कृषि हैं. इसके अलावा ऊर्जा, स्वास्थ्य, शहरी विकास, शिक्षा, खाद्य प्रसंस्करण और एमएसएमई जैसे क्षेत्रों पर भी विशेष ध्यान देने की जरूरत है.
अधिकारियों ने मुख्यमंत्री को बताया कि राज्य के प्रमुख महानगरों को विभिन्न सेक्टरों के हब के रूप में विकसित करने की योजना है. इसी क्रम में लखनऊ को देश का पहला AI शहर बनाने की तैयारी चल रही है. इसके साथ ही मुख्यमंत्री ने अधिकारियों से राज्य को हरित ऊर्जा का हब कैसे बनाया जाए इस पर भी चर्चा की.
मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को निर्देश देते हुए कहा कि “हमें राज्य को 1 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था बनाने के लिए तेजी से आगे बढ़ना होगा. सिस्टम में पारदर्शिता लाने के लिए अधिक प्रौद्योगिकी का उपयोग करना होगा. किसी भी प्रकार की पेंडेंसी कतई बर्दाश्त नहीं की जाएगी. यूपी में एमएसएमई की 96 लाख इकाइयों का आधार है. राज्य को एक ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था बनाने के लिए बड़े पैमाने पर योजना बनाने की जरूरत है.”
निर्माण क्षेत्र की समीक्षा करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य में गरीबों के लिए 54 लाख घर बनाये गये हैं. उन्होंने अधिकारियों को निर्देशित करते हुए कहा कि सभी प्रकार के निर्माण कार्यों का पंजीकरण अवश्य कराया जाये. इसके लिए टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल करें. शहरों और गांवों में होने वाले हर निर्माण कार्य का रिकॉर्ड हमारे पास होना चाहिए. इस प्रणाली द्वारा पंजीकृत निर्माण परियोजनाओं की सुरक्षा की गारंटी दी जानी चाहिए. पंजीकृत निर्माण कार्य के दौरान या उसके बाद होने वाली किसी भी दुर्घटना के विरुद्ध बीमा की व्यवस्था करें.
उन्होंने आगे कहा, बुनियादी ढांचे से संबंधित प्रत्येक निर्माण परियोजना को पंजीकृत किया जाना चाहिए. पंजीकृत निर्माण कार्य के दौरान या उसके बाद होने वाली किसी भी दुर्घटना के विरुद्ध बीमा की व्यवस्था करें. बुनियादी ढांचे से संबंधित प्रत्येक निर्माण परियोजना को पंजीकृत किया जाना चाहिए.
सीएम ने कहा, “प्रधानमंत्री के दृष्टिकोण के अनुरूप उत्तर प्रदेश पहला राज्य है जहां जिलों की जीडीपी जारी करने का कार्य किया गया है. हालांकि, यह काम COVID अवधि के दौरान रुका हुआ था और इसे फिर से शुरू करने की आवश्यकता है. पूरे जिले के विभिन्न संसाधनों से आय व्यय के आंकड़ों के साथ जिलों की जीडीपी प्रकाशित करें. इस डेटा को अध्ययन के लिए विभिन्न विश्वविद्यालयों को भी भेजा जाना चाहिए.”
उन्होंने कहा कि प्रत्येक विभाग को आय अर्जित करने के लिए अपने संसाधनों का भरपूर उपयोग करना चाहिए. व्यापारियों को पारदर्शी व्यवस्था देकर ईज ऑफ डूइंग बिजनेस की रैंकिंग को और बेहतर बनाने का प्रयास किया जाना चाहिए. उन्होंने सुझाव दिया कि व्यवस्था को इतना पारदर्शी बनाया जाए कि प्रदेश में व्यापार करने वाले या व्यापार करने के इच्छुक किसी भी व्यापारी या उद्यमी को कोई भय न रहे.
मुख्यमंत्री ने कहा कि सभी कानूनी बंधनों को हटाकर ओडीओपी को सशक्त बनाया गया है. आजादी के बाद जो काम होना चाहिए था वह 2017 में शुरू हुआ. आज प्रदेश में पर्यटन उद्योग से लाखों लोग जुड़े हुए हैं. इस सेक्टर में 24 फीसदी से ज्यादा की बढ़ोतरी हुई है. प्रदेश में ऐसा कोई पर्यटन स्थल नहीं है, जहां एक भी होटल या गेस्ट हाउस खाली हो. राज्य में आने वाले पर्यटकों के सटीक आकलन के लिए पूरा तंत्र तैयार करें. जरूरत पड़ने पर एआई तकनीक का इस्तेमाल करें.
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