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Monday, 23 December, 2024
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TRS एमएलए रोहित रेड्डी का दावा – ‘BJP ने विधायकों को 100 करोड़ रुपए की पेशकश की’

तेलंगाना पुलिस ने बुधवार को दावा किया कि उन्होंने सत्तारूढ़ टीआरएस के चार विधायकों को पार्टी छोड़ने के मकसद से कथित तौर पर लुभाने की कोशिश कर रहे तीन लोगों के प्रयास को नाकाम कर दिया.

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नई दिल्ली: तेलंगाना के मुनुगोडे उपचुनावों से पहले, साइबराबाद पुलिस ने बुधवार देर रात रंगा रेड्डी जिले में एक फार्महाउस पर छापा मारा कर तेलंगाना राष्ट्र समिति (TRS) के विधायकों को बड़ी तादाद में पैसों देने कर अवैध रूप से खरीदने के आरोप में तीन लोगों को हिरासत में लिया.

तेलंगाना पुलिस ने बुधवार को दावा किया कि उन्होंने सत्तारूढ़ टीआरएस के चार विधायकों को पार्टी छोड़ने के मकसद से कथित तौर पर लुभाने की कोशिश कर रहे तीन लोगों के प्रयास को नाकाम कर दिया.

साइबराबाद के पुलिस आयुक्त स्टीफन रवींद्र ने कहा, टीआरएस विधायकों ने उन्हें सूचना दी थी कि तीनों उन्हें कई तरह के प्रस्तावों के साथ लुभाने की कोशिश कर रहे हैं.

पुलिस अधिकारी के मुताबिक, टीआरएस के चार विधायकों, जी बलाराजू, बी हर्षवर्धन रेड्डी, आर के राव और रोहित रेड्डी को कथित तौर पर दलबदल करने के मकसद से नकदी, पद और अन्य प्रोत्साहन की पेशकश की जा रही थी.

रवींद्र ने कहा, ‘हम इस बात की जांच कर रहे हैं कि तीनों व्यक्तियों का संबंध किस पार्टी से हैं.’

टीआरएस के तंदूर विधायक पायलट रोहित रेड्डी ने दावा किया कि राज्य भाजपा ने कथित तौर पर टीआरएस विधायकों को 100 करोड़ रुपए की पेशकश की और कथित तौर पर उन्हें प्रवर्तन निदेशालय के छापे की धमकी भी दी है.

वहीं, तेलंगाना में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेता रापोलू आनंद भास्कर ने बुधवार को पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा दे दिया और वह सत्तारूढ़ तेलंगाना राष्ट्र समिति (टीआरएस) में शामिल हो गए.

टीआरएस के कार्यकारी अध्यक्ष और राज्य सरकार में मंत्री केटी रामाराव ने उनका पार्टी में स्वागत किया.

भास्कर के इस्तीफे से पहले विधान परिषद के पूर्व सभापति स्वामी गौड़ और एक अन्य नेता श्रवण दासोजू भाजपा छोड़कर टीआरएस का दामन थाम चुके हैं.

भाजपा अध्यक्ष जगत प्रकाश नड्डा को लिखे पत्र में भास्कर ने कहा कि क्या पार्टी सकारात्मक धर्मनिरपेक्षता के सिद्धांत का पालन कर रही है?

उन्होंने पत्र में लिखा, ‘आपकी पार्टी से अलग होते हुए, मेरे लिए आरोप लगाना उचित नहीं है, लेकिन मैं आपसे विनम्रता से अनुरोध करता हूं कि पूरी ईमानदारी से आत्मनिरीक्षण कराएं.’

भास्कर ने आरोप लगाया कि उनकी अनदेखी की गयी, अपमान किया गया और राष्ट्रीय भूमिका में अलग-थलग कर दिया गया.

भास्कर 2012 से 2018 तक राज्यसभा के सदस्य रहे। उस समय वह कांग्रेस में थे। हाल में उन्होंने तेलंगाना के मुख्यमंत्री के चंद्रशेखर राव के आधिकारिक आवास-सह-शिविर कार्यालय प्रगति भवन में उनसे मुलाकात की थी और सत्तारूढ़ पार्टी में शामिल होने की इच्छा प्रकट की थी.

हथकरघा उत्पादों पर जीएसटी लगाने के राजग सरकार के फैसले पर निराशा प्रकट करते हुए भास्कर ने राव से कहा कि वह यह सब बर्दाश्त नहीं कर सकते क्योंकि वह हथकरघा का काम करने वाले परिवार से जुड़े हैं.

पूर्व राज्यसभा सदस्य ने कांग्रेस से इस्तीफा देकर 2019 में भाजपा की सदस्यता ले ली थी.

भाषा के इनपुट से.


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