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Sunday, 19 May, 2024
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बंगाल में कानून-व्यवस्था पर सवाल उठाने पर TMC का अमित शाह पर पलटवार- पहले UP की तरफ देखिए

तृणमूल कांग्रेस नेतृत्व ने पश्चिम बंगाल में विपक्षी दल के कार्यकर्ताओं की हत्या के संबंध में शाह के बयान पर कहा, ‘राजनीतिक हत्याएं ऐसा विषय है, जिसके बारे में वह अच्छे से जानते हैं.’

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कोलकाता: तृणमूल कांग्रेस ने पश्चिम बंगाल में कानून-व्यवस्था पर केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह की टिप्पणियों को लेकर पलटवार करते हुए शनिवार को कहा कि उन्हें पहले भाजपा शासित उत्तर प्रदेश को देखना चाहिए, जहां कानून का शासन ‘समाप्त हो गया’ है.

तृणमूल कांग्रेस नेतृत्व ने पश्चिम बंगाल में विपक्षी दल के कार्यकर्ताओं की हत्या के संबंध में शाह के बयान पर कहा, ‘राजनीतिक हत्याएं ऐसा विषय है, जिसके बारे में वह अच्छे से जानते हैं.’

तृणमूल के प्रवक्ता डेरेक ओ ब्रायन ने कहा, ‘पहली बात यह है कि अमित शाह जी के स्वास्थ्य को लेकर कई प्रकार की अटकलें लग रही हैं. हम उनके शीघ्र स्वस्थ होने की कामना करते हैं. जहां तक राजनीतिक हत्याओं पर उनके विचारों की बात है, तो मृतक संख्या बढ़ाने के लिए भाजपा अब टीबी या कैंसर से हुई मौत को भी ‘राजनीतिक हत्या’ बताने की कोशिश कर रही है.’

ओ ब्रायन ने कहा, ‘वह पहले अपनी बंगाल इकाई में बड़े टकराव से क्यों नहीं निपटते? उन्हें यह समझने के लिए माकपा के शासन में बंगाल के इतिहास का अध्ययन करना चाहिए कि राज्य कितना आगे आ गया है.’

उन्होंने कहा कि तृणमूल शांति एवं सद्भावना में भरोसा करती है.

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उन्होंने कहा, ‘अमित शाह जी को अपना ध्यान उत्तर प्रदेश और गुजरात पर केंद्रित करना चाहिए. आखिरकार, ‘राजनीतिक हत्याएं’ ऐसा विषय है, जिसके बारे में अमित शाह जी अधिक जानते हैं.’

तृणमूल के वरिष्ठ नेता सौगत रॉय ने भी कहा, ‘उन्हें (शाह को) राज्य के जमीनी हालात की जानकारी नहीं है. उत्तर प्रदेश में कानून का शासन नहीं है, लेकिन वह उसके बारे में कुछ नहीं कहते.’

उल्लेखनीय है कि शाह ने एक निजी समाचार चैनल को दिए साक्षात्कार में कहा कि पश्चिम बंगाल में कानून-व्यवस्था की स्थिति गंभीर है और भाजपा जैसे राजनीतिक दलों को वहां राष्ट्रपति शासन लगाने की मांग करने का हर अधिकार है.

शाह ने कहा, ‘हालांकि केंद्र सरकार संविधान को ध्यान में रखते हुए और राज्यपाल की रिपोर्ट के आधार पर उचित निर्णय लेगी.’

उन्होंने कहा कि पश्चिम बंगाल में ‘‘विपक्षी दलों के कार्यकर्ताओं को झूठे मामलों में फंसाकर उनकी हत्या किए जाने’’ की बात चिंताजनक है.

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