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मंगलवार, 13 मई, 2025
होमराजनीति‘गद्दार’,‘बागी’,‘कटप्पा’ मुंबई की रैलियों में उद्धव और शिंदे में तलवारें तनीं, खूब हुई बयानबाजी

‘गद्दार’,‘बागी’,‘कटप्पा’ मुंबई की रैलियों में उद्धव और शिंदे में तलवारें तनीं, खूब हुई बयानबाजी

शिवाजी पार्क में ठाकरे ने जहां करीब 43 मिनट लंबा भाषण दिया और कहा कि मेरा नाम है उद्धव बालासाहेब ठाकरे वहीं बीकेसी में मुख्यमंत्री शिंदे का भाषण भी करीब डेढ घंटे चला.

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मुंबई: महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे और उनके पूर्ववर्ती उद्धव ठाकरे के बीच बुधवार को तलवारें खिंच गईं और शिवसेना के दोनों गुटों द्वारा आयोजित दशहरा रैलियों में ‘गद्दार’, ‘बागी’, ‘बगावत’  और कटप्पा जैसे शब्दों की गूंज सुनायी दी.

जून में महाराष्ट्र में सत्ता परिवर्तन के बाद आज की दशहरा रैली शिवसेना के दोनों गुटों के लिए शक्ति प्रदर्शन का उचित अवसर थी.

शिवाजी पार्क की दशहरा रैली में जहां उद्धव ठाकरे ने शिंदे और उनके समर्थकों को सत्ता के लिए भाजपा से हाथ मिलाने को लेकर ‘विश्वासघाती’ बताया, वहीं मुख्यमंत्री ने कहा कि 2019 में शिवसेना-भाजपा गठबंधन को जनादेश मिलने के बावजूद राकांपा-कांग्रेस के साथ मिलकर सरकार बनाकर ठाकरे ने जनता को ‘धोखा’ दिया है.

अपने भाषण के दौरान उद्धव ठाकरे ने कहा, ‘मेरा नाम उद्धव ठाकरे नहीं है, मेरा नाम है उद्धव बालासाहेब ठाकरे.’

उन्होंने अपने लंबे भाषण के दौरान बीजेपी पर भी हमला बोलते हुए कहा कि मुझे किसी से खासकर बीजेपी से हिंदुत्व का पाठ पढ़ने की जरूरत नहीं है. बीजेपी वाले तो इस समय शिवसेना की गद्दी चुराने में जुटे हैं. ये ठीक नहीं है.

उद्धव ने इस दौरान पीएम मोदी पर भी जमकर हमला बोलते हुए कहा,पीएम मोदी तो पाकिस्तान में जाकर केक खाते हैं और वो हिंदुत्व की बात कर रहे हैं.यही नहीं उन्होंने इस दौरान गाय और महंगाई का जिक्र भी किया.

हालांकि इस दौरान उद्धव ने राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ की तारीफ की. उन्होंने कहा कि मैंने मोहन भागवत से बहुत पहले कहा था कि वो राष्ट्रपति बनें, हम उनका सम्मान करते हैं. इस दौरान संघ द्वारा बेरोजगारी और महंगाई को मुद्दा उठाए जाने की भी तारीफ करते हुए कहा कि आपलोगों ने पार्टी को आईना दिखाने का काम किया है.

अपने भाषण के दौरान कई बार भावुक होने के बाद भी मजबूत दिख रहे उद्धव ने अपने कार्यकर्ताओं और प्रशंसकों से वादा करते हुए कहा, ‘ मैं किसी शिवसैनिक को ही मुख्यमंत्री बनाएंगे. ‘

उन्होंने कहा कि ये वादा उन्होंने अपने पिता से भी किया था जो आज दोहरा रहे हैं. आगे कहा कि वो हर चुनाव में विरोधियों को धूल चटाएंगे.

जोश से लबरेज उद्धव के भाषण में उनके समर्थक तालियां बजाते रहे. उद्धव ने कहा कि गद्दारों को गद्दार ही कहा जाता है. ये बात सभी को पता होनी चाहिए शिवसेना की गद्दी मेरे शिवसैनिकों की है. जनता कभी भी कटप्पा को माफ नहीं करेगी.

ठाकरे ने जहां करीब 43 मिनट लंबा भाषण दिया, वहीं बीकेसी में शिंदे का भाषण करीब डेढ घंटे चला. शिवाजी पार्क में शिवसेना 1966 से ही दशहरा रैली का आयोजन करती रही है.

‘शिवसेना कोई प्राइवेट लिमिटेड कंपनी नहीं’

शिंदे ने शिवसेना से जून में अलग होने को ‘गद्दारी’ नहीं, बल्कि ‘गदर’ करार दिया और उद्धव ठाकरे से कहा कि कांग्रेस-राकांपा से हाथ मिलाकर बाल ठाकरे के मूल्यों से समझौता करने के लिए उन्हें अपने दिवंगत पिता के स्मारक के सामने घुटने टेककर माफी मांगनी चाहिए.

शिंदे ने सीधा उद्धव पर हमला बोलते हुए कहा, यह आपकी (उद्धव ठाकरे) प्राइवेट लिमिटेड कंपनी नहीं है. शिवसेना उन शिवसैनिकों की है, जिन्होंने इसके लिए अपना पसीना बहाया है. आप जैसे लोगों के लिए नहीं, जिन्होंने पार्टनरशिप की और उसे बेच दिया.’

शिंदे ने बालासाहेब ठाकरे की कुर्सी को भी श्रद्धांजलि दी. वहीं 51 फीट की तलवार रखकर ‘शस्त्र पूजा’ की गई जिसके लिए यूपी के अयोध्या से एक महंत को बुलाया गया था.

अपने आपको असली शिवसेना साबित करते में जुटे उद्धव ठाकरे और एकनाथ शिंदे में जमकर बयान बाजी हुई. एकनाथ शिंदे गुट के नेता राम दास कदम ने उद्धव पर हमला बोलते हुए कहा,’ आपके भाई, चचेरे भाई या राज ठाकरे भी आपके साथ नहीं हैं उद्धव जी, अगर आप अपने परिवार को भी बरकरार नहीं रख सकते हैं, तो आप राज्य को कैसे बरकरार रखेंगे?.’


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