गुवाहाटी: असम में हिमंता बिस्वा सरमा सरकार पर निशाना साधते हुए निर्दलीय विधायक अखिल गोगोई ने शुक्रवार को दावा किया कि राज्य में ‘राजनीतिक अराजकतावाद’ बढ़ रहा है और मुख्यमंत्री की बात ही एकमात्र कानून बन गया है.
उन्होंने संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए, मई के बाद से पुलिस मुठभेड़ों की बढ़ती संख्या पर निराशा व्यक्त की और कहा कि पूर्वोत्तर राज्य में अब संविधान का पालन नहीं किया जाता.
उन्होंने कहा, ‘अगर मुख्यमंत्री कोई सपना देखते हैं, तो अगले दिन कैबिनेट की बैठक बुलाई जाती है और उन्होंने सपने में जो कुछ देखा, वह बिना किसी चर्चा या प्रक्रिया के कानून बन जाता है. मुख्यमंत्री जो कुछ भी कहते हैं वह यहां कानून बन जाता है.’
रायजोर दल के प्रमुख गोगोई ने आरोप लगाया, ‘आजादी के बाद से असम के राजनीतिक इतिहास में ऐसी स्थिति कभी नहीं आई. राज्य में पूरी तरह से राजनीतिक अराजकता है. मैंने पढ़ा है कि सरमा के नेतृत्व में सरकार बनने के बाद से 56 मुठभेड़ हुई हैं.’
गोगोई ने राज्य में भाजपा को हराने के लिए विपक्षी दलों के बीच एकता की आवश्यकता पर भी जोर दिया और कहा कि गेंद कांग्रेस के पाले में है क्योंकि उसे यह तय करना होगा कि वह राज्य में होने वाले उपचुनावों में रायजोर दल के साथ गठबंधन करना चाहती है या नहीं.
उन्होंने कहा, ‘हमने अपने इरादे स्पष्ट कर दिए हैं. अब यह राज्य की मुख्य विपक्षी पार्टी कांग्रेस पर निर्भर करता है कि वह यह प्रदर्शित करे कि वे एक बार फिर सच्ची लोकतांत्रिक राजनीति स्थापित कर देशद्रोहियों को हराना चाहते हैं या नहीं.’
उन्होंने कहा, ‘अगर कांग्रेस हमारे साथ थौरा, मरियानी और गोसाईगांव में आम उम्मीदवारों को खड़ा करने में विफल रहती है, तो हम समझेंगे कि यह वास्तव में भाजपा की एक शाखा है.’
असम की पांच विधानसभा सीटों पर इस साल चुनाव होना है.
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