जयपुर: राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने चुनी गई सरकारों को विधायकों की खरीद-फरोख्त के माध्यम से गिराने की परंपरा को देश के लिए चिंताजनक बताते हुए शनिवार को जनप्रतिनिधियों से दल-बदल ना करने का आह्वान किया.
गहलोत मुंबई में आयोजित राष्ट्रीय विधायक सम्मेलन को अपने निवास से वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से संबोधित कर रहे थे.
गहलोत ने कहा, ‘‘वर्तमान समय में खरीद-फरोख्त के माध्यम से चुनी गई सरकारों को गिराने की गलत परंपरा बन चुकी है. यह पूरे देश के लिए चिंता का विषय है.’’
उन्होंने कहा कि जनप्रतिनिधियों का यह कर्तव्य है कि वे किसी भी कीमत पर दल बदल ना करें और अपनी पार्टी के प्रति पूरी निष्ठा और समर्पण बनाए रखें.
एक बयान के अनुसार, गहलोत ने कहा कि आज़ादी के 75 साल बाद भी देश में लोकतंत्र कायम है और पूरी दुनिया में भारत की इसी लोकतांत्रिक मजबूती के कारण अलग पहचान और सम्मान है.
उन्होंने कहा कि लोकतंत्र को बचाए रखना एक सामूहिक जिम्मेदारी है. मुख्यमंत्री ने कहा कि पहले पक्ष और विपक्ष में विभिन्न मुद्दों पर मतभेद होने के बावजूद सौहार्द बना रहता था, लेकिन वर्तमान समय में यह परंपरा खत्म होती जा रही है जिसे फिर से कायम करने के लिए केंद्र और राज्यों में सत्ता पक्ष को पहल करने की आवश्यकता है.
गहलोत ने कहा कि राजनीति सेवा का माध्यम है. उन्होने कहा कि राजनीति में आने के बाद जनप्रतिनिधि का धर्म पूरी ईमानदारी, निष्ठा और प्रतिबद्धता के साथ जनता की सेवा करना होना चाहिए.
उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय विधायक सम्मेलन में पूरे देश के विधायकों का एक साथ संवाद करना लोकतंत्र के लिए शुभ संकेत है.
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