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Sunday, 22 December, 2024
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बीजेपी की कर्नाटक स्टार प्रचारक सूची से गायब हैं – तेजस्वी सूर्या, प्रताप सिम्हा और येदियुरप्पा के बेटे

कर्नाटक के लिए भाजपा के स्टार प्रचारकों की सूची में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृह मंत्री अमित शाह सहित आठ कैबिनेट मंत्री और भाजपा राज्यों के तीन मुख्यमंत्री शामिल हैं.

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नई दिल्ली: भाजपा ने आगामी कर्नाटक विधानसभा चुनाव के लिए बुधवार को अपने 40 स्टार प्रचारकों की सूची जारी की. इस सूची में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृह मंत्री अमित शाह सहित आठ कैबिनेट मंत्रियों, योगी आदित्यनाथ सहित भाजपा राज्यों के तीन मुख्यमंत्रियों के साथ-साथ राज्य के कई वरिष्ठ नेताओं का नाम है.

हालांकि इसे उल्लेखनीय चूक भी कहा जा रहा है – यानी भाजपा सांसद तेजस्वी सूर्या और प्रताप सिम्हा, साथ ही पूर्व सीएम बी.एस. येदियुरप्पा के बेटे बी.वाई. विजयेंद्र जो खुद शिकारीपुरा से चुनाव लड़ रहे हैं.

सूर्या भाजपा के युवा मोर्चा के अध्यक्ष हैं, और वह और सिम्हा अपनी तेजतर्रार हिंदुत्व राजनीति के लिए जाने जाते हैं.

जबकि एक अन्य तेजतर्रार नेता – कर्नाटक भाजपा प्रमुख नलिन कटील – को सूची में शामिल किया गया है, पार्टी सूत्रों ने कहा कि सूर्या और सिम्हा की चूक “प्रधानमंत्री मोदी पर अभियान का ध्यान केंद्रित रखने के लिए एक सोची समझी रणनीति है”.

नलिन कटील ने फरवरी में लोगों से “(18वीं सदी के मैसूर के शासक) टीपू सुल्तान के अनुयायियों को जंगल में ले जाने” का आह्वान कर विवाद खड़ा कर दिया था. उसी महीने, उन्होंने यह भी कहा कि यह चुनाव भाजपा और कांग्रेस के बीच नहीं, बल्कि “टीपू और सावरकर की विचारधाराओं” के बीच होगा.

इन बयानों के आलोक में येदियुरप्पा और केंद्रीय भाजपा नेताओं ने राज्य के नेताओं से अभियान के दौरान प्रधानमंत्री की लोकप्रियता और विकास कार्यों पर ध्यान केंद्रित करने को कहा था.

हालांकि, कर्नाटक भाजपा के एक महासचिव ने दिप्रिंट को बताया कि सूर्या को “ज्यादातर अपने निर्वाचन क्षेत्र [बेंगलुरु दक्षिण] और बेंगलुरु क्षेत्र में ध्यान केंद्रित करना है”.

महासचिव ने कहा, इसलिए उन्हें स्टार प्रचारकों की सूची में शामिल नहीं किया गया. ” हालांकि वह पहले त्रिपुरा जैसे कुछ अन्य राज्यों में स्टार प्रचारक रहे थे.”

चुनाव अभियान शुरू होने से पहले युवा मतदाताओं को एकजुट करने के लिए राज्य भर में डेरा डालने वाले विजयेंद्र को बाहर करने की बात करते हुए, सूत्रों ने कहा कि “पार्टी का एक वर्ग” नहीं चाहता कि वह कर्नाटक में एक और येदियुरप्पा बनें. एक सूत्र ने कहा, “इसीलिए उनकी विरासत और युवा अपील के बावजूद, वह केवल शिकारीपुरा तक ही सीमित रखे गए हैं.”

दिप्रिंट ने फोन और मैसेज के माध्यम से उनकी इस मामले में बयान के लिए सूर्या, सिम्हा और विजयेंद्र से संपर्क किया. उनका जवाब मिलने पर रिपोर्ट अपडेट की जाएगी.


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लिस्ट में

शाह के अलावा, स्टार प्रचारकों की सूची में कैबिनेट मंत्रियों में राजनाथ सिंह, नितिन गडकरी, निर्मला सीतारमण, धर्मेंद्र प्रधान, स्मृति ईरानी, मनसुख मंडाविया और प्रल्हाद जोशी शामिल हैं.

अन्य स्टार अभियान उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ हैं, इसके अलावा उनके मध्य प्रदेश और असम के समकक्ष क्रमशः शिवराज सिंह चौहान और हिमंत बिस्वा सरमा हैं. महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस भी सूची में हैं.

मोदी के राज्य में 20 रैलियां करने की संभावना है, रोड शो के अलावा, उन क्षेत्रों पर ध्यान केंद्रित किया जाएगा जहां उन्हें अपनी पिछली सात यात्राओं के दौरान जाने का मौका नहीं मिला, इसके अलावा जहां भाजपा को विद्रोह और अन्य मुद्दों का सामना करना पड़ रहा है.

शाह 21 से 23 अप्रैल तक राज्य में रहेंगे. आदित्यनाथ हुबली, बेलगावी और तटीय क्षेत्र पर ध्यान केंद्रित करेंगे, जहां पार्टी हिंदुत्व ध्रुवीकरण पर निर्भर है. इस बीच, भाजपा अध्यक्ष जे.पी. नड्डा ने बुधवार को हुबली और हावेरी से अपना अभियान शुरू कर दिया, जहां उन्होंने एक रोड शो में भाग लिया और मुख्यमंत्री बी.एस. बोम्मई.

राज्य के अधिकांश प्रमुख भाजपा नेताओं को सूची में जगह मिली है, जिनमें बोम्मई, येदियुरप्पा, कटील, महासचिव सी.टी. रवि, पूर्व डिप्टी सीएम के.एस. ईश्वरप्पा, जिन्हें टिकट से वंचित किया गया है, राज्य के मंत्री गोविंद करजोल, बी. श्रीरामुलु और आर. अशोक के अलावा केंद्रीय मंत्री शोभा करंदलाजे और सांसद सदानंद गौड़ा हैं.

एक अन्य उल्लेखनीय नाम प्रभाकर कोरे का है, जो एक शिक्षाविद थे, जो जगदीश शेट्टार के करीबी सहयोगी थे, जो पिछले दिनों टिकट न मिसने के बाद कांग्रेस में शामिल हो गए थे.

येदियुरप्पा और यहां तक कि बोम्मई सरकार पर लगातार हमले करने वाले एक और नेता- बसंगौड़ा पाटिल यतनाल को सूची में जगह मिली है. वह एक प्रमुख पंचमसाली लिंगायत नेता हैं जो एक आक्रामक हिंदुत्व पिच के लिए जाने जाते हैं.

पंचमसालिस शक्तिशाली लिंगायत समुदाय का 60 प्रतिशत हिस्सा है, जो कोटा के मुद्दे पर नाराज रहा हैं.

दो महत्वपूर्ण लिंगायत नेताओं – शेट्टार और लक्ष्मण सावदी के जाने के बाद – यतनाल को प्रचारक सूची में शामिल करना लिंगायत के साथ-साथ हिंदू वोटों को मजबूत करने के लिए एक दोतरफा रणनीति के रूप में देखा जा रहा है.

पार्टी  कर्नाटक के फिल्मी सितारों जिनमें राज्यसभा सांसद जग्गेश भी शामिल है उनसे भी प्रचार करवाने की भी योजना बनाई है.

(इस खबर को अंग्रेजी में पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें)


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