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Sunday, 22 December, 2024
होमराजनीति'चुनाव में या फिर लात-जूतों के जरिए सिखाएं सबक'- निलंबित BJP विधायक का उदयनिधि को लेकर विवादित बयान

‘चुनाव में या फिर लात-जूतों के जरिए सिखाएं सबक’- निलंबित BJP विधायक का उदयनिधि को लेकर विवादित बयान

सनातन धर्म पर तमिलनाडु के मंत्री उदयनिधि स्टालिन की टिप्पणी पर भाजपा के विरोध के बीच, तेलंगाना के विधायक टी राजा सिंह ने डीएमके नेता पर हमला करते हुए एक्स पर वीडियो पोस्ट किया.

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नई दिल्ली: बीजेपी के निलंबित सदस्य और तेलंगाना के विधायक टी राजा सिंह ने एक विवादित बयान देते हुए कहा कि हिंदुत्व के फॉलोवर्स को यह तय करना चाहिए कि क्या वे तमिलनाडु के मंत्री उदयनिधि स्टालिन को “चुनाव में हराकर या फिर लात और घूंसों से उन पर शारीरिक हमला करके” सबक सिखाएंगे.

शनिवार को उदयनिधि की टिप्पणी – कि सनातन (धर्म) “सामाजिक न्याय और समानता के खिलाफ” है, “कोरोना, मलेरिया, डेंगू” की तरह है, और इसका “उन्मूलन” किया जाना चाहिए – ने हंगामा खड़ा कर दिया. इसके बाद भाजपा ने विरोध प्रदर्शन किया और डीएमके नेता पर निशाना साधा.

एक्स पर रविवार को पोस्ट किए गए एक वीडियो में सिंह ने तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एम.के. स्टालिन के बेटे उदयनिधि के खिलाफ कार्रवाई की मांग की.

वीडियो में सिंह ने कहा, ”उदयनिधि ने बेतुका बयान दिया है…उन्होंने कहा कि सनातन धर्म डेंगू की तरह है. मैं उन्हें बताना चाहता हूं कि उनके पूर्वज हिंदू थे… जो भी भारत में पैदा होता है वह पहले सनातनी हिंदू होता है, फिर वह अपना धर्म बदलता है.’ अगर मजबूत सनातनी हिंदू आस्था वाला कोई एक राज्य है, तो वह तमिलनाडु है, जहां सैकड़ों साल पुराने हजारों मंदिर हैं.”

उन्होंने कहा, “ऐसे सनातनी राज्य में, मैं हिंदुओं से पूछना चाहता हूं…आज, मुख्यमंत्री का बेटा सनातनी हिंदुओं के खिलाफ बोल रहा है, कल कोई भी h@#$%* ऐसा करेगा…मैं इसे राज्य के सभी हिंदुओं पर छोड़ता हूं.” वे उसे कैसे सबक सिखाना चाहते हैं.”

कथित तौर पर पैगंबर मोहम्मद का अपमान करने वाली टिप्पणी को लेकर सिंह को पिछले साल भाजपा से निलंबित कर दिया गया था और तेलंगाना पुलिस ने उन्हें गिरफ्तार किया था. लेकिन पार्टी सूत्रों के मुताबिक, तेलंगाना बीजेपी की चुनाव प्रबंधन समिति के अध्यक्ष एटाला राजेंदर ने सिंह से मुलाकात की है और इस साल के अंत में होने वाले राज्य विधानसभा चुनाव से पहले उनके निलंबन को रद्द करने पर चर्चा हुई है.


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दबाव बनाए रखना

भाजपा उदयनिधि की टिप्पणियों का इस्तेमाल विपक्षी दलों के इंडिया गुट पर हमला करने के लिए कर रही है.

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने सोमवार को राजस्थान के जैसलमेर में पार्टी की परिवर्तन यात्रा की शुरुआत करते हुए कहा, “कांग्रेस की सहयोगी डीएमके सनातन धर्म का अपमान कर रही है. उनका कहना है कि सनातन धर्म को ख़त्म कर देना चाहिए. इंडिया गठबंधन के सहयोगी चुप हैं…कांग्रेस और इंडिया गठबंधन को माफी मांगनी चाहिए.’

उसी दिन एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने कहा, “इस अहंकारी गठबंधन के नेताओं के बीच हमारी सभ्यता, मूल आस्था, सनातन धर्म को गाली देने, कोसने और अपमानित करने की होड़ शुरू हो गई है… ऐसी घटनाएं संयोगवश या अनायास नहीं होती हैं…”

केंद्रीय मंत्री राजीव चंद्रशेखर ने बुधवार को मीडिया से कहा, “निश्चित रूप से ऐसा लग रहा है कि यह एक पैटर्न है और हिंदू आस्था पर एक योजनाबद्ध हमला है…डीएमके प्रिंस उदयनिधि स्टालिन कहते हैं कि मैं सनातन धर्म और हिंदू धर्म को मिटा दूंगा…”

चंद्रशेखर ने पूछा, “कांग्रेसियों और राहुल गांधी को यह बताना चाहिए कि भारत के संविधान के संबंध में उदयनिधि के बयान पर उनकी स्थिति क्या है… क्या ये वंशवादी पार्टियां मानती हैं कि संविधान तभी काम करता है जब यह उनके लिए सुविधाजनक हो.”

तमिलनाडु के एक वरिष्ठ बीजेपी नेता ने दिप्रिंट को बताया, ‘अन्नामलाई की यात्रा ने जहां पार्टी को गति दी है, वहीं स्टालिन के बेटे ने हमें एक मुद्दा दिया है, जिसने काडर को संगठित किया है. तमिलनाडु में पूरे राज्य में प्राचीन मंदिर हैं…हमारे कार्यकर्ताओं को उन मंदिरों पर विरोध प्रदर्शन करने के लिए कहा गया है जहां लोग प्रतिदिन प्रार्थना करने आते हैं.’

इस बीच, उदयनिधि ने कहा है कि उन्होंने कभी भी सनातन धर्म को मानने वालों के “नरसंहार” की बता नहीं कही है – यह आरोप सबसे पहले तमिलनाडु भाजपा प्रमुख के. अन्नामलाई ने लगाया था – और इसके बजाय उन्होंने अपनी टिप्पणियों को जातिगत भेदभाव के मुद्दे से जोड़ा. बुधवार को उन्होंने इसका उदाहरण देते हुए कहा, ”माननीय राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को संसद के उद्घाटन के लिए आमंत्रित नहीं किया गया था. यह सबसे अच्छा मौजूदा उदाहरण है.”

(संपादनः शिव पाण्डेय)
(इस खबर को अंग्रेज़ी में पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें.)


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