scorecardresearch
Friday, 19 April, 2024
होमराजनीतिबाबुल सुप्रियो ने लोकसभा की सदस्यता से दिया इस्तीफा, कहा- 'मैं पार्टी का हिस्सा नहीं हूं, मुझे सीट नहीं रखनी चाहिए'

बाबुल सुप्रियो ने लोकसभा की सदस्यता से दिया इस्तीफा, कहा- ‘मैं पार्टी का हिस्सा नहीं हूं, मुझे सीट नहीं रखनी चाहिए’

सुप्रियो ने बीजेपी से पूरी तरह मुक्त होने के लिए 20 सितंबर को लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला को पत्र लिखकर समय मांगा था.

Text Size:

नई दिल्ली: भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के पूर्व नेता बाबुल सुप्रियो ने मंगलवार को लोकसभा की सदस्यता से औपचारिक रूप से इस्तीफा दे दिया. बाबुल सुप्रियो ने एक महीने पहले बीजेपी छोड़कर तृणमूल कांग्रेस का दामन थाम लिया था. लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला से मुलाकात कर उन्होंने अपना इस्तीफ़ा सौंप दिया है.

 

सुप्रियो ने अपने ऊपर विश्वास करने के लिए बीजेपी का आभार जताते हुए कहा कि ‘मेरा मन बहुत भारी हो रहा है क्योंकि मैंने अपना राजनीतिक जीवन बीजेपी से शुरू किया था. मैं प्रधानमंत्री, पार्टी अध्यक्ष और अमित शाह को धन्यवाद देता हूं. उन्होंने मुझमे विश्वास दिखाया.’


यह भी पढ़ें: कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने किया ऐलान, UP में कांग्रेस 40% टिकट महिलाओं को देगी


उन्होंने आगे कहा, ‘मैंने पूरी तरह से राजनीति छोड़ दी थी. मैंने सोचा कि अगर मैं पार्टी का हिस्सा नहीं हूं तब मुझे सीट नहीं रखनी चाहिए.’

अच्छी पत्रकारिता मायने रखती है, संकटकाल में तो और भी अधिक

दिप्रिंट आपके लिए ले कर आता है कहानियां जो आपको पढ़नी चाहिए, वो भी वहां से जहां वे हो रही हैं

हम इसे तभी जारी रख सकते हैं अगर आप हमारी रिपोर्टिंग, लेखन और तस्वीरों के लिए हमारा सहयोग करें.

अभी सब्सक्राइब करें

उन्होंने सुवेंदु अधिकारी के बारे में कहा कि कुछ महीने पहले तक वो टीएमसी का अहम हिस्सा थे. राजनीति से बाहर वो मेरे दोस्त रहे हैं, जाहिर तौर पर उन्हें राजनीति में मेरे बारे में बहुत कठोर बातें करनी पड़ती हैं. लेकिन उन्हें अपने पिता और भाई को एमपी की सीटों से इस्तीफा देने की सलाह देनी चाहिए क्योंकि वो अब टीएमसी का हिस्सा नहीं हैं.’


यह भी पढ़ें: छत्तीसगढ़ के सीएम भूपेश बघेल बने सबसे लोकप्रिय मुख्यमंत्री: आईएएनएस-सी वोटर


बता दें कि बाबुल सुप्रियो 2014 और 2019 में पश्चिम बंगाल के आसनसोल से दो बार सांसद रह चुके हैं. वह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कैबिनेट में राज्यमंत्री भी बनें. इसी साल जुलाई में हुए पीएम मोदी के कैबिनेट फेरबदल में सुप्रियो से इस्तीफा ले लिया गया था.  इसके कुछ ही समय बाद वह बीजेपी छोड़ कर तृणमूल कांग्रेस में शामिल हो गए थे. सुप्रियो ने बीजेपी से पूरी तरह मुक्त होने के लिए 20 सितंबर को लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला को पत्र लिखकर समय मांगा था ताकि वो सदन से औपचारिक रूप से इस्तीफा दे सकें.

बाबुल सुप्रियो ने कई बार कहा था कि जिस पार्टी से वो इस सीट पर जीते हासिल की है, उस पार्टी के अब सदस्य नहीं हैं, ऐसे में सांसद नहीं रहना चाहते हैं.


यह भी पढ़ें: MP में 4 सीटों पर उपचुनाव शिवराज चौहान के लिए एक और लिटमस टेस्ट क्यों हैं?

share & View comments