नई दिल्ली: भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के पूर्व नेता बाबुल सुप्रियो ने मंगलवार को लोकसभा की सदस्यता से औपचारिक रूप से इस्तीफा दे दिया. बाबुल सुप्रियो ने एक महीने पहले बीजेपी छोड़कर तृणमूल कांग्रेस का दामन थाम लिया था. लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला से मुलाकात कर उन्होंने अपना इस्तीफ़ा सौंप दिया है.
The formal resignation letter as per rules & a personal note of gratitude to Hon'ble Speaker Sir @ombirlakota pic.twitter.com/lviZyRi74f
— Babul Supriyo (@SuPriyoBabul) October 19, 2021
सुप्रियो ने अपने ऊपर विश्वास करने के लिए बीजेपी का आभार जताते हुए कहा कि ‘मेरा मन बहुत भारी हो रहा है क्योंकि मैंने अपना राजनीतिक जीवन बीजेपी से शुरू किया था. मैं प्रधानमंत्री, पार्टी अध्यक्ष और अमित शाह को धन्यवाद देता हूं. उन्होंने मुझमे विश्वास दिखाया.’
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उन्होंने आगे कहा, ‘मैंने पूरी तरह से राजनीति छोड़ दी थी. मैंने सोचा कि अगर मैं पार्टी का हिस्सा नहीं हूं तब मुझे सीट नहीं रखनी चाहिए.’
उन्होंने सुवेंदु अधिकारी के बारे में कहा कि कुछ महीने पहले तक वो टीएमसी का अहम हिस्सा थे. राजनीति से बाहर वो मेरे दोस्त रहे हैं, जाहिर तौर पर उन्हें राजनीति में मेरे बारे में बहुत कठोर बातें करनी पड़ती हैं. लेकिन उन्हें अपने पिता और भाई को एमपी की सीटों से इस्तीफा देने की सलाह देनी चाहिए क्योंकि वो अब टीएमसी का हिस्सा नहीं हैं.’
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बता दें कि बाबुल सुप्रियो 2014 और 2019 में पश्चिम बंगाल के आसनसोल से दो बार सांसद रह चुके हैं. वह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कैबिनेट में राज्यमंत्री भी बनें. इसी साल जुलाई में हुए पीएम मोदी के कैबिनेट फेरबदल में सुप्रियो से इस्तीफा ले लिया गया था. इसके कुछ ही समय बाद वह बीजेपी छोड़ कर तृणमूल कांग्रेस में शामिल हो गए थे. सुप्रियो ने बीजेपी से पूरी तरह मुक्त होने के लिए 20 सितंबर को लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला को पत्र लिखकर समय मांगा था ताकि वो सदन से औपचारिक रूप से इस्तीफा दे सकें.
बाबुल सुप्रियो ने कई बार कहा था कि जिस पार्टी से वो इस सीट पर जीते हासिल की है, उस पार्टी के अब सदस्य नहीं हैं, ऐसे में सांसद नहीं रहना चाहते हैं.
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