नई दिल्ली: अपने मंत्रिमंडल विस्तार के बाद मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान अब उपचुनावों के लिए कमर कस रहे हैं, जिनके सितम्बर में होने की संभावना है. चूंकि उनकी सरकार की स्थिरता इन्हीं पर निर्भर करती है. उपचुनाव 24 विधानसभा सीटों पर होने हैं.
बीजेपी सूत्रों के अनुसार, प्रचार अभियान के पहले दौर में, पार्टी ने 60 वर्चुअल रैलियां करने की योजना बनाई है जो पिछले महीने शुरू हो गई हैं. दूसरे दौर में 24 फिज़िकल रैलियां की जाएंगी जो अगस्त से शुरू होंगी. केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह, और पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा के चुनाव प्रचार में उतरने से पहले बीजेपी सारी रैलियां ख़त्म कर लेना चाहती है.
अपने पोल नैरेटिव को लोगों तक पहुंचाने के लिए बीजेपी 65,000 व्हाट्सएप ग्रुप्स का भी इस्तेमाल करेगी.
नड्डा और केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी पिछले एक महीने में, राज्य में एक एक वर्चुअल रैली संबोधित कर चुके हैं.
चुनाव से पहले, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 10 जुलाई को रीवा में 750 मेगावाट की एशिया की सबसे बड़ी सौर ऊर्जा परियोजना का वर्चुअल उद्घाटन करेंगे.
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‘शिवराज और सिंधिया की जोड़ी बीजेपी की जीत सुनिश्चित करेगी’
सीएम चौहान और बीजेपी लीडर ज्योतिरादित्य सिंधिया ने मंगलवार को केरारा विधानसभा क्षेत्र में, एक साझा वर्चुअल रैली को संबोधित किया.
मध्य जून में मुख्यमंत्री ने इंदौर में दो फिज़िकल रैलियों को संबोधित किया था, जबकि सिंधिया ने पिछले कुछ दिनों में अशोक नगर, मुंगाओली और बामोरी विधान सभा क्षेत्रों में वर्चुअल रैलियों को संबोधित किया है.
पार्टी सूत्रों ने कहा कि केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर, 9 जुलाई को दिमानी चुनाव क्षेत्र में वर्चुअल रैली को संबोधित करेंगे.
बीजेपी के प्रदेश उपाध्यक्ष रामेश्वर शर्मा ने दिप्रिंट से कहा, ‘हमने पहले दौर में 24 चुनाव क्षेत्रों में 60 वर्चुअल रैलियों की येजना बनाई है. फिर दूसरे दौर में उन्हीं विधान सभा क्षेत्रों को दूसरे नेता संबोधित करेंगे. पहले फेज़ के बाद मुख्यमंत्री और सिंधिया जी मिलकर साझा फिज़िकल रैलियां शुरू करेंगे. शिवराज और सिंधिया की जोड़ी, उपचुनावों में बीजेपी की जीत सुनिश्चित कराएगी. आपने देखा है कि सिंधिया जी कैसे उन इलाक़ों में आक्रामक तरीक़े से प्रचार कर रहे हैं’.
विकास पर होगा ज़ोर
बीजेपी के लिए चुनाव का एक मुख्य मुद्दा, चौहान का विकास पर ज़ोर होगा.
मंगलवार को ख़त्म हुए अपने तीन दिन के दिल्ली दौरे में, मुख्यमंत्री ने कई केंद्रीय मंत्रियों से मुलाक़ात की- आरके सिंह (पावर), तोमर (कृषि), राम विलास पासवान (खाद्य एवं उपभोक्ता मामले) धर्मेंद्र प्रधान (पेट्रोलियम) और, एक बीजेपी सूत्र के मुताबिक़, उनसे चुनावों से पहले मध्य प्रदेश की विकास परियोजनाओं में तेज़ी लाने का अनुरोध किया.
चौहान ने पावर मंत्री सिंह को उस दिन रीवा में मौजूद रहने का न्यौता भी दिया, जिस दिन प्रधानमंत्री सोलर पावर प्रोजेक्ट का उद्घाटन करेंगे, जो 1,590 एकड़ ज़मीन में फैला है और जिसकी कुल लागत लगभग 4,000 करोड़ रुपए है.
एक बीजेपी नेता, जो अपना नाम छिपाना चाहते थे ने दिप्रिंट से कहा कि इस उद्घाटन से चुनावों से पहले विकास के नैरेटिव को बढ़ावा मिलेगा. उन्होंने आगे कहा कि इससे पूरे राज्य में विकास बनाम कमलनाथ की लूट के कथानक का माहौल बन जाएगा.
बीजेपी सूत्रों ने दिप्रिंट को बताया कि 4 जुलाई को गडकरी, चौहान, तोमर और सिंधिया के बीच हुई एक वीडियो कॉन्फ्रेंस में, चंबल एक्सप्रेस-वे की महत्वाकांक्षी परियोजना पर चर्चा की गई.
एक पार्टी सूत्र ने ये भी कहा कि उत्तर प्रदेश, राजस्थान और मध्य प्रदेश को जोड़ने वाला 400 किलोमीटर लंबा एक्सप्रेस-वे, बीजेपी के सबसे बड़े चुनावी मुद्दों में से एक है क्योंकि ये ग्वालियर-चंबल क्षेत्र में है जिसमें 16 चुनाव क्षेत्र आते हैं.
सूत्र ने बताया कि गडकरी ने मुख्यमंत्री से, इस योजना के लिए ज़मीन हासिल करने और जल्दी से जल्दी पर्यावरण मंज़ूरी लेने के लिए कहा है.
5 जुलाई को एक वर्चुअल रैली में सिंधिया ने कहा था कि एक्सप्रेस-वे से ग्वालियर-चंबल क्षेत्र में जीवन ही बदल जाएगा.
पार्टी विकास के नैरेटिव को और आगे बढ़ाने के लिए चौहान ने दिल्ली के अपने दौरे में रक्षामंत्री राजनाथ सिंह से भी मुलाक़ात की और उनसे भिण्ड या मुरैना में सैनिक स्कूल की स्थापना में तेज़ी लाने का अनुरोध किया.
बताया जाता है कि सिंह ने चौहान को आश्वासन दिया कि स्कूल का निर्माण जल्द शुरू किया जाएगा.
चौहान ने सोमवार को नई दिल्ली में कृषि मंत्री तोमर से भी मुलाक़ात की और उनसे आग्रह किया कि मध्य प्रदेश के बासमती चावल को जीआई टैग दिया जाए, जो उसके 13 ज़िलों में पैदा किया जा रहा है, जिनमें भिण्ड, मुरैना, ग्वालियर, शिवपुरी और जबलपुर शामिल हैं.
चौहान ने कहा कि राज्य में पैदा किया गया बासमती चावल, बहुत से देशों को निर्यात किया जाता है जिससे 3,000 करोड़ रुपए सालाना की विदेशी मुद्रा अर्जित होती है.
बैठक के दौरान उन्होंने कहा, ‘इन 13 ज़िलों में पैदा चावल को जीआई टैग से वंचित रखना, राज्य के किसानों और उनकी जीविका के साथ भारी नाइंसाफी होगी’.
प्रदेश बीजेपी उपाध्यक्ष प्रभात झा ने दिप्रिंट को बताया कि विकास पर ये ज़ोर पार्टी का प्रमुख चुनावी बिंदु होगा.
उन्होंने कहा, ‘कमलनाथ जी के पास दिखाने के लिए कुछ नहीं है. बीजेपी के पास दिखाने के लिए कई योजनाएं हैं. हम मतदाताओं को बताने की कोशिश कर रहे हैं कि कांग्रेस राज का फोकस विकास पर नहीं, बल्कि राज्य में लूट मचाने पर था’.
पिछले तीन दिन में सिंधिया ने अपनी वर्चुअल रैलियों में, ये कहकर कमलनाथ पर निशाना साधा कि किसानों के क़र्ज़ माफ नहीं किए गए और मासिक बेरोज़गारी बोनस भी नहीं दिया गया.
अपनी एक वर्चुअल रैली में सिंधिया ने कहा, ‘वल्लभ भवन (मुख्यमंत्री कार्यालय) सिर्फ बिचौलियों के लिए खुला था. कमलनाथ ने किसानों को कोई क़र्ज़माफी नहीं दी जिसका चुनावों में वादा किया गया था. उनके पास हीरो-हीरोइनों और आईफा अवॉर्ड्स के लिए समय है लेकिन युवाओं के लिए नहीं, जो बेरोज़गारी बोनस के इंतज़ार में हैं. ये एक धर्म-युद्ध है, जिसे हम शिवराज जी के साथ मिलकर जीतेंगे’.
65,000 व्हाट्सएप ग्रुप्स और 250 फेसबुक पेज
अपने नेताओं की वर्चुअल रैलियों को प्रमोट करने के लिए बीजेपी 65,000 व्हाट्सएप ग्रुप्स और 250 फेसबुक पेज इस्तेमाल करेगी.
पार्टी ने 24 विधानसभा क्षेत्रों में पड़ने वाले हर पोलिंग बूथ में, आईटी सेल्स का गठन किया है.
बीजेपी की नवगठित 22 सदस्यीय चुनाव प्रबंधन समिति के एक सदस्य ने कहा, ‘हमारा पूरा फोकस लोगों तक पहुंचने में है. जल्द ही हम फिज़िकल मीटिंग्स शुरू करेंगे लेकिन चूंकि ये बैठकें पिछली बैठकों जितनी बड़ी नहीं होंगी इसलिए हमने व्हाट्सएप ग्रुप्स और आईटी सेल हेड्स बनाए हैं, जो लोगों तक पहुंचने में एक उपयोगी रोल अदा करेंगे’.
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कांग्रेस का फोकस फिज़िकल रैलियों पर
पिछले हफ्ते, कांग्रेस ने एमपी कांग्रेस प्रभारी मुकुल वासनिक की मौजूदगी में चुनाव तैयारियों का जायज़ा लेने के लिए बैठकें कीं.
सूत्रों ने बताया कि कांग्रेस ने संभावित उम्मीदवारों को चुनने की प्रक्रिया पूरी कर ली है.
मंगलवार को कमलनाथ ने आशीर्वाद लेने के लिए उज्जैन में महाकाल मंदिर का दौरा किया. उन्होंने लगभग 1000 पार्टी कार्यकर्ताओं के साथ बैठकें भी कीं.
एक कांग्रेस विधायक ने दिप्रिंट को बताया, ‘हमारा फोकस फिज़िकल रैलियों पर है. हम लोगों से सीधे जुड़ना चाहते हैं. कमलनाथ जी और दिग्विजय सिंह जी, सभी 24 चुनाव क्षेत्रों का दौरा करेंगे. हम हर चुनाव क्षेत्र में, सिंधिया और हर दलबदलू विधायक को बेनक़ाब करेंगे’.
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