लखनऊ : समाजवादी पार्टी के सांसद आजम खान ने लोकसभा की अध्यक्षता कर रहीं बीजेपी सांसद रमा देवी को लेकर गुरुवार को आपत्तिजनक टिप्पणी कर दी. तीन तलाक पर चर्चा के दौरान आजम खान की इस अमर्यादित टिप्पणी के बाद सदन में भारी हंगामा देखने को मिला. इसके बाद उन्होंने अपनी सफाई दी कि वह रमा देवी को अपनी बहन की तरह मानते हैं. बता दें कि विवादों से आजम खान का गहरा नाता रहा है. वह लगातार सुर्खियों में बने रहे हैं.
Uproar in Lok Sabha over SP MP Azam Khan's comment on BJP MP Rama Devi(in the chair) , he said 'Aap mujhe itni acchi lagti hain ki mera mann karta hai ki aap ki aankhon mein aankhein dale rahoon'. Ministers ask Khan to apologize. pic.twitter.com/HB5QRCuFiG
— ANI (@ANI) July 25, 2019
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जया प्रदा और पत्रकार पर की टिप्पणी
बीते लोकसभा चुनाव में उन्होंने रामपुर से बीजेपी उम्मीदवार जया प्रदा पर अभद्र टिप्पणी की थी जिसके बाद चुनाव आयोग ने 72 घंटे के लिए उन पर बैन लगा दिया था. इसके बाद पत्रकारों द्वारा पूछे गए सवाल के जवाब में आजम खान ने कह डाला कि आपके वालिद मर गए थे उसमें आया था इसलिए कुछ नहीं बोलूंगा.
इस विवाद के बाद लोकसभा चुनाव के परिणाम आने से पहले एग्जिट पोल के रिजल्ट पर प्रतिक्रिया देते हुए उन्होंने कहा था कि अगर उन्हें 3 लाख से ज्यादा वोट नहीं मिले तो इसका मतलब है कि पूरे देश में धांधली हुई है. जब लोकसभा का परिणाम आया तो उन्होंने कहा कि उन्हें हर वर्ग और हर जाति का वोट मिला है. अगर उन्हें सभी धर्मों का वोट नहीं मिला होगा तो वह आज से आठवें दिन लोकसभा की सदस्यता से इस्तीफा दे देंगे
पहले भी देते रहे हैं विवादित बयान
आजम खान पहले भी ऐसे बयान देते रहे हैं. यूपी के दादरी में 2015 में गोमांस रखने के शक में इकलाख नाम के शख्स की पीट-पीटकर की गई हत्या के बाद आजम खान ने अपने बयान में गोभक्तों को चुनौती दी थी. उन्होंने कहा था, हर गोभक्त आज के बाद किसी होटल के मेन्यू में बीफ की कीमत न लिखने दें. अगर ऐसा होता है तो उन सभी फाइव स्टार होटलों की उसी तरह ईंट से ईंट बजा दें, जिस तरह बाबरी मस्जिद की बजाई थी.
करगिल युद्ध पर बयान
आजम खान ने 2014 में करगिल युद्ध पर भी एक विवादित बयान दिया था जिसका चुनाव आयोग ने संज्ञान लिया था. तत्कालीन कैबिनेट मंत्री आजम खां ने 1999 में हुए कारगिल युद्ध को मुस्लिम सैनिकों द्वारा जीते जाने की बात कही थी. मोदी को मुस्लिमों का दुश्मन और अमित शाह को गुंडा नंबर-1 की संज्ञा भी आजम ने मंच से दी थी. मामला मीडिया में आया तो तूल पकड़ा.
मोदी पर टिप्पणी
आजम खान ने पीएम मोदी के एक बयान पर टिप्पणी की थी. दरअसल एक इंटरव्यू में एक विदेशी मैग्जीन ने पीएम मोदी से कुछ सवाल किया था, जिसके बारे में उन्होंने कहा था कि कुत्ते का बच्चा भी अगर आपकी कार के नीचे आता है तो दुख होता है. उनके इसी बयान को आजम खान ने मुस्लिमों से जोड़ते हुए कहा था कि कुत्ते के बच्चे के बड़े भाई नरेंद्र मोदी जी हमें तुम्हारा गम नहीं चाहिए.
महिलाओं पर बयानबाजी
महिलाओं पर आजम पहले भी टिप्पणी करते रहे हैं. बदायूं में एक कार्यक्रम के दौरान उन्होंने महिलाओं की अस्मिता पर हमला करते हुए कहा था कि गरीब घरों की महिलाएं यार के साथ नहीं जा सकतीं, लिहाजा ज्यादा बच्चे पैदा करती हैं. बुलंदशहर गैंगरेप मामला जिसमें मां-बेटी से दुष्कर्म हुआ था, उसमें भी आजम खान ने विवादित बयान दिया था. जिसके बाद यह बात सुप्रीम कोर्ट तक गई थी. उन्होंने इस मामले में कहा था, सत्ता की लोभी पार्टियां किसी भी हद तक जा सकती हैं. आजम खान ने इस घटना को कथित रूप से राजनीतिक षड्यंत्र बताया था.
भैंस चोरी होने पर लगा दी थी पुलिस
मुलायम सिंह के 75वें जन्मदिन का खर्च कहां से आया तो इस पर उनका जवाब था- तालिबान से और दाऊद के यहां से. ये कहकर वह निकल गए थे. यही नहीं सपा सरकार के शासन में एक बार आजम खान की भैंस चोरी हो गई थी जिसको खोजने के लिए पुलिस के आला अधिकारियों को लगा दिया था. इसमें एक चौकी इंचार्ज और दो हवलदारों को सस्पेंड कर दिया गया था.
प्रशासन ने घोषित किया भूमाफिया
बता दें कि रामपुर स्थित जौहर विश्वविद्यालय के लिए किसानों की जमीनें कब्जाने के आरोप में फंसे आजम खान को प्रशासन ने भूमाफिया घोषित कर दिया है. जिला अधिकारी आन्जनेय कुमार सिंह ने बताया कि शासनादेश के मुताबिक ऐसे लोगों को भूमाफिया घोषित किया जाता है जो दबंगई से जमीनों पर कब्जा करने के आदी हैं. जो लोग अवैध कब्जे को छोड़ने के लिए तैयार नहीं हैं और जिनके खिलाफ पुलिस में केस दर्ज है उनका ही नाम उत्तर प्रदेश एंटी भू माफिया पोर्टल पर दर्ज कराया जाता है. प्रशासन ने कहा है कि अब उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी. हालांकि तमाम विवादों के बावजूद रामपुर में आजम की पकड़ मजबूत मानी जाती है. यही कारण है कि मोदी लहर में भी वह चुनाव जीत गए.
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पार्टी ने नहीं लिया कोई एक्शन
जिस तरह से संसद में आजम के बयान के बाद सपा के अध्यक्ष अखिलेश यादव उनका बचाव करते दिखे. उसी तरह समाजवादी पार्टी के अन्य नेताओं ने भी कई मौकों पर आजम खान के विवादास्पद टिप्पणियों क बचाव किया है. यही कारण है कि लगातार वह ऐसी टिप्पणियां करते रहे हैं. पार्टी की ओर से कभी कोई एक्शन नहीं लिया गया. हालांकि अमर सिंह से विवाद के चलते आजम 2009 में पार्टी और पद से दूर हो गए थे. डेढ़ साल बाद उन्हें वापस ले लिया गया, लेकिन इस दौरान न तो उन्होंने अपनी कोई पार्टी बनाई और न सपा के खिलाफ कोई बयान दिया. यही वजह रही कि जब वह वापस आए, तो पार्टी में उनका पुराना रुतबा कायम रहा. हालांकि अपने बयानों के कारण वह पहले से ज्यादा घिरने लगे.