नयी दिल्ली: कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर कोविड-19 से निपटने के लिए दी पांच सलाह दी है. कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने मंगलवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से आग्रह किया कि कोरोना संकट के मद्देनजर सरकार के खर्च में 30 फीसदी की कटौती और ‘सेंट्रल विस्टा’ परियोजना को स्थगित करने सहित कई कदम उठाये जाएं.
उन्होंने अपने पत्र में पीएम को लिखा है कि 20,000 करोड़ रुपये के केंद्रीय विस्टा सौंदर्यीकरण और निर्माण परियोजना को स्थगित कर देना चाहिए.
उन्होंने प्रधानमंत्री से 20,000 करोड़ रुपये के केंद्रीय विस्टा सौंदर्यीकरण और निर्माण परियोजना को स्थगित करने के लिए कहा। कांग्रेस अध्यक्ष ने अपने पत्र में कहा है, ” कोविड-19 के खिलाफ लड़ने के लिए बहुत जरूरी फंडों को निकाला जा सकता है साथ ही कठोरता से इसका पालन किए जाने की जरूरत है.
कांग्रेस अध्यक्षा श्रीमती सोनिया गांधी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को COVID-19 महामारी से लड़ने के लिए कई उपाय सुझाए। इन उपायों में मुख्य रूप से खर्चों में कटौती कर कोरोना से निपटने में उपयोग किये जाने का सुझाव दिया। pic.twitter.com/MvHDxlIbSj
— Congress (@INCIndia) April 7, 2020
उन्होंने प्रधानमंत्री को लिखे पत्र में यह सुझाव भी दिया कि राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री, मंत्रियों और नौकरशाहों के विदेश दौरों को स्थगित करने और सरकारी विज्ञापनों पर भी रोक लगाने की जरूरत है. उन्होंने लिखा है कि आगामी दो वर्षो तक टीवी, प्रिंट और ऑनलाइन मीडिया को दिए जाने वाले विज्ञापनों पर भी रोक लगाए जाने की जरूरत है.
सोनिया ने सांसदों के वेतन में 30 फीसदी की कटौती का समर्थन करते हुए कहा कि ‘पीएम केयर्स’ कोष की राशि को भी प्रधानमंत्री आपदा राहत कोष में हस्तातंरित किया जाए.
सोनिया ने अपने सुझाव पत्र में यह भी लिखा है कि कल आपसे फोन पर हुई बात में आपने कोविड-19 की इस गंभीर चुनौती जिससे अभी देश जूझ रहा है इसमें हमसे कुछ सुझाव मांगे थे, इसी वजह से मैं आपको यह पत्र और सुझाव दे रही हूं
दरअसल, कोरोना संकट को लेकर प्रधानमंत्री ने पिछले दिनों फोन पर सोनिया से बात की थी.
बता दें कि सोनिया ने यह पत्र मोदी को सांसद निधि को दो वर्षों तक रोके जाने और सांसदों की सैलरी में 30 फीसदी की कटौती के बाद ये पत्र लिखा है. बता दें कि सांसदों को उनके क्षेत्र में विकास के लिए साल में पांच करोड़ रुपये दिए जाते हैं ताकि वह विकासात्मक कार्यों में उस पैसे का प्रयोग कर सकें. लेकिन अब इसे रोक दिया जाएगा और इस राशि का उपयोग कोविड-19 महामारी के लड़ने के लिए किया जाएगा.