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गुरूवार, 24 अप्रैल, 2025
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‘इसमें क्या है? यह हमारा है’, महिला आरक्षण विधेयक पर बोलीं सोनिया गांधी, कांग्रेस ने किया फैसले का स्वागत

केन्द्रीय राज्य मंत्री प्रह्लाद सिंह पटेल ने कहा कि मंत्रिमंडल ने महिला आरक्षण विधेयक को मंजूरी दे दी है, लेकिन उन्होंने एक घंटे के भीतर ही अपना यह पोस्ट सोशल मीडिया ‘एक्स’ से हटा दिया था.

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नई दिल्ली: कांग्रेस ने महिला आरक्षण विधेयक को केंद्रीय मंत्रिमंडल की मंजूरी मिलने का स्वागत करते हुए कहा कि सर्वदलीय बैठक में इस पर चर्चा कर आम सहमति बनाई जा सकती थी. लेकिन इस बीच कांग्रेस पार्टी की पूर्व अध्यक्ष सोनिया गांधी ने कहा, “इसमें क्या है? यह हमारा है.अपना है.”

लोकसभा और राज्यसभा की ऐतिहासिक संयुक्त बैठक के लिए संसद में प्रवेश करते समय मीडियाकर्मियों को उन्होंने यह प्रतिक्रिया दी, क्योंकि दोनों सदन नवनिर्मित संसद भवन में अपना पहला सत्र बुलाया है.

हालांकि, सोमवार की देर रात केन्द्रीय राज्य मंत्री प्रह्लाद सिंह पटेल ने कहा कि मंत्रिमंडल ने महिला आरक्षण विधेयक को मंजूरी दे दी है, लेकिन उन्होंने एक घंटे के भीतर ही अपना यह पोस्ट सोशल मीडिया ‘एक्स’ से हटा दिया था.

मंत्रिमंडल की बैठक में क्या चर्चा हुई, इस संबंध में अभी कोई आधिकारिक बयान नहीं जारी किया गया है, लेकिन ये अटकलें लगाई जा रही हैं कि इसमें महिला आरक्षण विधेयक को मंजूरी दी गई है.

पटेल ने ‘एक्स’ पर अपने पोस्ट में कहा था, ‘‘सिर्फ (नरेन्द्र) मोदी सरकार के पास महिला आरक्षण की मांग को पूरा करने का नैतिक साहस है, जो मंत्रिमंडल की मंजूरी से साबित हो गया है. नरेन्द्र मोदी जी को बधाई और मोदी सरकार को बधाई.’’ हालांकि, बाद में उन्होंने यह पोस्ट हटा दिया.


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कांग्रेस ने अपनी जीत बताया

मुख्य विपक्षी दल ने कहा कि सरकार का यह फैसला कांग्रेस और संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (संप्रग) सरकार में उसके सहयोगी रहे दलों की जीत है, क्योंकि उन्हीं की सरकार के कार्यकाल में यह विधेयक राज्यसभा में पारित हुआ था.

कांग्रेस ने अपने पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी द्वारा 16 जुलाई, 2018 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को लिखे गए उस पत्र को भी जारी किया, जिसमें महिला आरक्षण विधेयक को तत्काल पारित कराने की मांग की गई थी.

कांग्रेस सांसद अधीर रंजन चौधरी ने आज कहा, “हम चाहते हैं कि महिला आरक्षण विधेयक जल्द से जल्द लाया और पारित किया जाए. महिला आरक्षण विधेयक की मांग यूपीए और हमारी नेता सोनिया गांधी ने शुरू की थी. हालांकि इसमें इतना समय लग गया, अगर इसे पेश किया जाता है तो हमलोग खुश होंगे.”

कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पी चिदंबरम ने ‘एक्स’ पर पोस्ट किया, ‘अगर सरकार कल महिला आरक्षण विधेयक पेश करती है तो यह कांग्रेस और संप्रग सरकार में उसके सहयोगियों की जीत होगी. याद रखें कि संप्रग सरकार के दौरान ही यह विधेयक नौ मार्च, 2010 को राज्यसभा में पारित हुआ था.’

उन्होंने कहा, “अपने 10वें वर्ष में, भाजपा उस विधेयक को फिर से जीवित कर रही है जिसे उसने इस उम्मीद में दबा दिया था कि विधेयक को लेकर आवाज खत्म हो जाएगी.”

कांग्रेस के वरिष्ठ नेता के अनुसार, हर अवसर पर और हाल ही में हैदराबाद में हुई पार्टी की कार्य समिति की बैठक में कांग्रेस ने विधेयक को संसद में पारित करने के लिए जोरदार अनुरोध किया है.

चिदंबरम ने कहा, “आशा करते हैं कि विधेयक विशेष सत्र में पेश और पारित हो जाएगा.”

पार्टी महासचिव जयराम रमेश ने कहा कि उनका दल लंबे समय से इस विधेयक को पारित करने की मांग कर रहा है.

उन्होंने ‘एक्स’ पर पोस्ट किया, ‘कांग्रेस पार्टी लंबे समय से महिला आरक्षण को लागू करने की मांग कर रही है. हम केंद्रीय मंत्रिमंडल के फ़ैसले की खबर का स्वागत करते हैं और विधेयक के विवरण की प्रतीक्षा कर रहे हैं.’

रमेश ने कहा कि विशेष सत्र से पहले सर्वदलीय बैठक में इस पर अच्छी तरह से चर्चा की जा सकती थी और पर्दे के पीछे की राजनीति के बजाय आम सहमति बनाई जा सकती थी.

रमेश ने अपने एक पुराने पोस्ट का हवाला दिया था जिसमे महिला आरक्षण विधेयक की पृष्ठभूमि का उल्लेख किया गया था.

उन्होंने कहा था,‘‘सबसे पहले राजीव गांधी ने 1989 के मई महीने में पंचायतों और नगर पालिकाओं में महिलाओं को एक-तिहाई आरक्षण के लिए संविधान संशोधन विधेयक पेश किया था. वह विधेयक लोकसभा में पारित हो गया था, लेकिन सितंबर 1989 में राज्यसभा में पारित नहीं हो सका था.’’

रमेश के अनुसार, ‘‘अप्रैल 1993 में तत्कालीन प्रधानमंत्री पीवी नरसिम्ह राव ने पंचायतों और नगर निकायों में महिलाओं को एक-तिहाई आरक्षण के लिए संविधान संशोधन विधेयक को फिर से पेश किया था. दोनों विधेयक पारित हुए और कानून बन गए. आज पंचायतों और नगर निकायों में 15 लाख से अधिक निर्वाचित महिला प्रतिनिधि हैं. यह आंकड़ा 40 प्रतिशत के आसपास है.’’

कांग्रेस नेता ने कहा था, ‘‘महिलाओं के लिए संसद और राज्यों की विधानसभाओं में एक-तिहाई आरक्षण के वास्ते तत्कालीन प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह ने संविधान संशोधन विधेयक लाया था. विधेयक नौ मार्च 2010 को राज्यसभा में पारित हुआ था, लेकिन लोकसभा में नहीं ले जाया जा सका.’’

उन्होंने कहा था,‘‘राज्यसभा में पेश/पारित किए गए विधेयक समाप्त नहीं होते हैं. इसलिए महिला आरक्षण विधेयक अभी भी मौजूद है. कांग्रेस पार्टी पिछले नौ साल से मांग कर रही है कि महिला आरक्षण विधेयक, जो पहले ही राज्यसभा से पारित हो चुका है, उसे लोकसभा से भी पारित कराया जाना चाहिए.’’

संसद के पांच दिवसीय विशेष सत्र के पहले दिन की बैठक के बाद केन्द्रीय मंत्रिमंडल की आज शाम करीब 90 मिनट तक बैठक हुई. मंत्रिमंडल की बैठक की अध्यक्षता प्रधानमंत्री मोदी ने की.

सूत्रों ने बताया कि भाजपा के विभिन्न मंत्रियों और सांसदों से आने वाले दिनों में अपने-अपने निर्वाचन क्षेत्र की महिलाओं को संसद लाने को कहा गया है. भाजपा अध्यक्ष जगत प्रकाश नड्डा ने सोमवार को ऐसे कई लोगों से मुलाकात भी की.

दलगत भावना से ऊपर उठकर, नेताओं ने महिला आरक्षण विधेयक लाने की मांग की है। इसके तहत लोकसभा और राज्य विधानसभाओं में महिलाओं को 33 प्रतिशत आरक्षण मुहैया होगा.

राज्यसभा द्वारा 2010 में पारित महिला आरक्षण विधेयक में लोकसभा और राज्य विधानसभाओं में महिलाओं के लिए 33 प्रतिशत आरक्षण का प्रावधान था.

इससे पहले, मीडिया को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि भले ही संसद का यह सत्र छोटा हो, लेकिन इसमें ‘‘ऐतिहासिक निर्णय’’ लिया जाएगा.

मंत्रिमंडल की बैठक में केन्द्रीय मंत्री राजनाथ सिंह, अमित शाह, पीयूष गोयल, प्रह्लाद जोशी, एस. जयशंकर, निर्मला सीतारमण, धर्मेन्द्र प्रधान, नितिन गडकरी और अर्जुन राम मेघवाल शरीक हुए.

सरकार ने जब से 18 से 22 सितंबर तक संसद सत्र की घोषणा की है, तभी से इसमें महिला आरक्षण विधेयक लाने की अटकलें लगायी जा रही हैं.

कांग्रेस प्रवक्ता जयराम रमेश ने ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा, ‘कांग्रेस पार्टी लंबे समय से महिला आरक्षण को लागू करने की मांग कर रही है. हम केंद्रीय मंत्रिमंडल के फ़ैसले से जुड़ी खबर का स्वागत करते हैं और विधेयक के विवरण की प्रतीक्षा कर रहे हैं.’

उन्होंने कहा, ‘‘गोपनीय रखने के बजाय, विशेष सत्र आहूत करने से पहले सर्वदलीय बैठक में इसपर चर्चा की जा सकती थी और आम सहमति बनायी जा सकती थी.’’

‘एक्स’ पर एक पोस्ट में भाजपा महिला मोर्चा ने कहा, ‘‘मंत्रिमंडल ने महिला आरक्षण विधेयक को मंजूरी दी. प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी नीत राजग सरकार ने इतिहास रचा. हम भाजपा महिला मोर्चा की ओर से अपना आभार जताते हैं.’’


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