नई दिल्ली: कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी से ईडी ( इनफोर्समेंट डायरेक्टरेट) तीसरे राउंड की बातचीत कर रहा है. मंगलवार को सोनिया से करीब छह घंटे तक पूछताछ हुई और आज भी उन्हें बुलाया गया है. सोनिया गांधी को बार बार ईडी के समक्ष बुलाए जाने को लेकर कांग्रेस पार्टी में बड़ी विरोध चल रहा है. सदन से लेकर सड़क तक नेता और कार्यकर्ता प्रदर्शन कर रहे हैं.
वहीं दूसरी तरफ कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं गुलाम नबी आजाद और आनंद शर्मा ने ‘नेशनल हेराल्ड’ से जुड़े धनशोधन मामले में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की सोनिया गांधी से पूछताछ के औचित्य को लेकर सवाल खड़े करते हुए बुधवार को कहा कि कांग्रेस अध्यक्ष की सेहत और उम्र को देखते हुए उन्हें बार-बार पूछताछ के लिए बुलाया जाना उचित नहीं है.
पार्टी के ‘जी 23’ समूह के इन दोनों प्रमुख नेताओं ने यह भी कहा कि जब इसी मामले में राहुल गांधी से पांच दिनों की पूछताछ हो चुकी है तो फिर सोनिया गांधी से पूछताछ का कोई मतलब नहीं है.
आजाद ने कहा, ‘नेशनल हेराल्ड से जुड़े कौन से कागजात हैं जिनकी कई वर्षों से जांच की जा रही है? एक समय में यह भी कहा गया था कि इस मामले में कुछ नहीं है. फिर राहुल गांधी जी से पांच दिनों तक पूछताछ क्यों की गई.’
उन्होंने कहा, ‘मेरे समझ में नहीं आया कि जब मामला एक है, परिवार एक है, जब राहुल गांधी से पांच दिन कई घंटों तक पूछताछ की गई, तो फिर उसी मामले में सोनिया जी को बुलाने के लिए क्या जरूरत थी? राहुल जी जवान हैं, लेकिन सोनिया जी की उम्र काफी है, (वह) पिछले कुछ वर्षों से बीमार भी हैं. एजेंसी का दबाव तो जवान बर्दाश्त नहीं कर सकता.’
आजाद ने कहा, ‘इतने वर्षों से संगठन और एक राजनीतिक परिवार में रहने के कारण सोनिया जी ने भले ही राजनीतिक जानकारी हासिल की है, लेकिन इन सब तकनीकी बातों के बारे में वह कैसे जानेंगी.’
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता ने कहा, ‘आपके पास कागज है तो आपने राहुल गांधी जी से लंबी पूछताछ की, वही काफी है. पहले जंग होती थी तो बादशाह की तरफ से हिदायत होती थी कि महिला और बीमार पर हाथ नहीं उठाना. यह हमारी परंपरा रही है. ईडी को ध्यान रखना चाहिए कि सोनिया जी को बार-बार बुलाना ठीक नहीं है…सोनिया जी की सेहत के साथ खेलना अच्छा नहीं है.’
राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा, ‘इन दिनों जो स्थिति बनी हुई है, उससे पूरा देश घबराया हुआ है. जो आतंक की स्थिति बना रखी है उससे लोग घबराए हुए हैं.’
गहलोत ने कहा, ‘पहले राहुल गांधी को बुलाया गया… 5 दिन तक लगातार पूछताछ की गई अब सोनिया गांधी को बुलाया गया। देश के अंदर जो ED का आतंक है इसका फैसला जल्द होना चाहिए. हम चाहते हैं कि सुप्रीम कोर्ट इस मामले में जल्द फैसला करें.’
राजस्थान के मुख्यमंत्री ने कहा, ‘उन्होंने आरोप लगाया कि जांच एजेंसियों का दुरुपयोग किया जा रहा है और ऊपर के आदेश पर विरोधी दलों के नेताओं के खिलाफ कार्रवाई हो रही है.’
‘बढ़ती महंगाई और बेरोजगारी दर से आम आदमी चिंतित है. वे इन मुद्दों पर संसद में चर्चा नहीं होने देते. सबसे पहले उन्होंने चार सांसदों को निलंबित किया. फिर कल 19 और सांसदों को निलंबित कर दिया गया.’
पूर्व केंद्रीय मंत्री आनंद शर्मा ने कहा, ‘भारत संवैधानिक लोकतंत्र है, (देश में) कानून का शासन है. इसमें मौलिक अधिकारों के साथ प्रतिष्ठा और निजी स्वतंत्रता का भी सम्मान होना चाहिए. यह बहुत परेशन करने वाला चलन हो गया है कि कानून को हथियार की तरह इस्तेमाल किया जा रहा है. लोगों को अपमानित करने के लिए यह इस्तेमाल हो रहा है. ऐसा नहीं होना चाहिए.’
उन्होंने कहा, ‘जब राहुल गांधी जी से पूछताछ की गई है तो फिर सोनिया जी को क्यों बुलाया गया है. सोनिया जी की उम्र और सेहत का ध्यान रखा जाना चाहिए.’
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‘चोरी भी और सीनाजोरी भी ये कांग्रेस से सीखनी चाहिए’
वहीं दूसरी तरफ भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने कहा, ‘कांग्रेस जो विषय उठा रहे हैं वह न ही देश के लिए है और न ही पार्टी के लिए बल्कि ये परिवार को बचाने के लिए प्रयास किया जा रहा है.’
‘करोड़ों रुपए का घोटाला हुआ है उस घोटाले के बारे में एजेंसी को जवाब देना ये उनकी आवश्यकता है यही उन्हें करना चाहिए.’
उन्होंने कहा, ‘लेकिन ये परिवार अपने आपको देश और कानून से ऊपर समझता है इसलिए इनसे कोई जवाब मांगे तो इन्हें ये पसंद नहीं है और सुप्रीम कोर्ट ने पीएमएलए और ईडी के अधिकार क्षेत्र को बरकरार रखा है. कानून अपना काम कर रहा है. कांग्रेस को नियम के अनुसार चलना चाहिए.
केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने कहा कि चोरी भी और सीनाजोरी भी ये कांग्रेस से सीखनी चाहिए. भ्रष्टाचार भी और बवाल भी, आखिरकार डर किस बात का? अगर भ्रष्टाचार किया है तो जांच एजेंसियों का सामना भी करें.’
‘कांग्रेस के मुख्यमंत्रियों के पास कोई काम नहीं बचा है. उनके राज्यों में एक बाद एक हत्याएं, बलात्कार जैसी घटनाएं हो रही है. वे वहा लोगों के भलाई के काम देखने के बजाय कानून व्यवस्था को बनाने का बजाय दिल्ली में आकर डेरा जमाए हैं. ये कांग्रेस का डर साफ दिखाता है कि घोटाले परिवार और पार्टी ने किए हैं.’
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