नई दिल्ली : कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने मोदी सरकार पर ‘हिंसा और बंटवारे की जननी’ बन जाने का आरोप लगाते हुए सोमवार को कहा कि उसने अपने ही देशवासियों पर हमला बोल दिया है. उन्होंने यह भी कहा कि ध्रुवीकरण की इस पटकथा के लेखक प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह हैं.
कांग्रेस अध्यक्ष ने एक बयान में आरोप लगाया, ‘मोदी सरकार की मंशा साफ है- देश में अस्थिरता फैलाओ, देश में हिंसा करवाओ, देश के युवाओं के अधिकार छीनते जाओ, देश में धार्मिक उन्माद का वातावरण बनाओ और राजनीतिक रोटियां सेंकते जाओ. इसके सूत्रधार कोई और नहीं, बल्कि स्वयं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और (गृहमंत्री) अमित शाह हैं.’
उन्होंने कहा, ‘लेकिन मोदी सरकार यह जान ले कि युवा शक्ति-छात्र शक्ति जब जागती है, तो देश में एक नया बदलाव आता है. पुलिस की लाठियों से युवाओं और छात्रों पर चलाया गया यह दमन चक्र मोदी सरकार के अंत की शुरुआत साबित होगा.’
उन्होंने कहा, ‘सरकार का काम है-शांति व सौहार्द्र बनाना, कानून का शासन चलाना और संविधान की रक्षा करना. पर भाजपा सरकार ने देश और देशवासियों पर हमला बोल दिया है. मोदी सरकार स्वयं हिंसा एवं बंटवारे की जननी बन गई है. सरकार ने देश को नफरत की खाई में धकेल दिया है तथा युवाओं के भविष्य को आग की भट्ठी में झोंक दिया है.’
सोनिया ने कहा, ‘असम, त्रिपुरा और मेघालय जल रहे हैं. पुलिस की गोलियों से अकेले असम में चार युवा मारे गए.’
उन्होंने दावा किया कि शाह के पास हिम्मत नहीं है कि वह पूर्वोत्तर के प्रांतों का दौरा कर सकें. यहां तक कि पहले बांग्लादेश के विदेशमंत्री और फिर जापान के प्रधानमंत्री को अपना भारत दौरा रद्द करना पड़ गया.
कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा कि पूरे देश में छात्र आंदोलन की राह पर हैं. सरकार के अत्याचार, बेतहाशा बेरोजगारी, फीस वृद्धि, अधिकारों का हनन तथा संविधान को तोड़ने की भाजपा की साजिश के खिलाफ युवा और छात्र सड़कों पर विरोध कर रहे हैं. लेकिन मोदी सरकार और उसके मंत्री पूरे देश के युवाओं को उग्रवादी, नक्सलवादी, अलगाववादी, देशद्रोही साबित करने में व्यस्त हैं.’
उन्होंने कहा, ‘कारण साफ है – मोदी सरकार शासन देने में पूरी तरह नाकाम साबित हुई है.’
उन्होंने कहा, ‘महंगाई चरम सीमा पर है, बेरोजगारी सिर चढ़ कर बोल रही है, अर्थव्यवस्था ठप्प है, शिक्षा और शिक्षण संस्थानों का बुरा हाल है और देश का आम आदमी गरीबी से ग्रस्त है. ऐसे में, मोदी सरकार केवल धार्मिक उन्माद फैला, हिंसा करवा, अफरा-तफरी का आलम पैदा कर खुद की नाकामी से ध्यान बांटने का प्रयास कर रही है.’
उन्होंने कहा, ‘नागरिकता (संशोधन) कानून या राष्ट्रीय नागरिक पंजी (एनआरसी) ये सब इसकी (भाजपा सरकार की) नाकामियों से राष्ट्र का ध्यान बांटने की नीति का हिस्सा हैं.’
सोनिया गांधी छात्रों के लिए मगरमच्छ के आंसू बहा रही हैं: भाजपा
मोदी सरकार पर सोनिया गांधी की एक टिप्पणी पर पलटवार करते हुए केंद्रीय मंत्री निर्मला सीतारमण ने सोमवार को कहा कि कांग्रेस अध्यक्ष राजनीतिक लाभ के लिए ‘मगरमच्छ के आंसू’ बहा रही हैं.
उल्लेखनीय है कि इससे पहले कांग्रेस अध्यक्ष ने मोदी सरकार पर ‘हिंसा और बंटवारे की जननी’ बन जाने का आरोप लगाते हुए आज कहा कि उसने अपने ही देशवासियों पर हमला बोल दिया है. सीतारमण की प्रतिक्रिया उनके इसी बयान पर आई है.
सीतारमण ने छात्रों के बारे में कांग्रेस के इतिहास पर भी सवाल उठाते हुए पूछा कि क्या ऐसा पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के शासन में नहीं था कि दिल्ली के एक केंद्रीय विश्वविद्यालय के छात्रों को तिहाड़ जेल भेजा गया था.
भाजपा नेता ने कहा कि पुलिस ने तब विश्वविद्यालय में प्रवेश किया था और पूरे शैक्षणिक वर्ष को शून्य घोषित करना पड़ा था.
सीतारमण ने कहा कि सरकार पर सोनिया गांधी की टिप्पणी गैर-जिम्मेदाराना और प्रेरित है.
वित्त मंत्री ने सवाल किया कि 1984 के सिख विरोधी दंगों के दौरान भीड़ हिंसा के अपराधियों को दंडित करने के लिए कांग्रेस ने क्या किया.
केंद्रीय मंत्री ने कहा, ‘सोनिया गांधी छात्रों के लिए मगरमच्छ के आंसू बहा रही हैं.’
कांग्रेस अध्यक्ष ने एक बयान में आरोप लगाया, ‘मोदी सरकार की मंशा साफ है – देश में अस्थिरता फैलाओ, देश में हिंसा करवाओ, देश के युवाओं के अधिकार छीनते जाओ, देश में धार्मिक उन्माद का वातावरण बनाओ और राजनीतिक रोटियां सेंकते जाओ. इसके सूत्रधार कोई और नहीं, बल्कि स्वयं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और (गृहमंत्री) अमित शाह हैं.’