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Monday, 23 December, 2024
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‘बिटक्वाइन घोटाले’ की जांच के लिए सुप्रीम कोर्ट की निगरानी में SIT बने: कांग्रेस

बिटक्वाइन दुनिया की एक प्रमुख क्रिप्टोकरेंसी (एक तरह की डिजिटल मुद्रा) है. मौजूदा समय में एक बिटक्वाइन की कीमत 50 लाख रुपए से अधिक है.

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नई दिल्ली: कांग्रेस ने कर्नाटक में एक कथित हैकर की गिरफ्तारी से संबंधित मामले को लेकर शनिवार को आरोप लगाया कि यह देश का सबसे बड़ा बिटक्वाइन घोटाला हुआ है और राज्य की बीजेपी सरकार इस पर पर्दा डाल रही है.

विपक्षी पार्टी ने यह भी कहा कि इस मामले की जांच के लिए सुप्रीम कोर्ट के एक न्यायाधीश की निगरानी में विशेष जांच दल (एसआईटी) का गठन किया जाए.

इस आरोप पर फिलहाल बीजेपी या कर्नाटक सरकार की तरफ से कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है.

कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने ट्वीट किया, ‘बिटक्वाइन घोटाला बड़ा है लेकिन बिटक्वाइन घोटाले पर पर्दा डालना इससे भी बड़ा है. क्योंकि इससे किसी के अहंकार पर पर्दा डालना है.’

 

जाहिर है कि करीब एक साल पहले बेंगलुरु में कथित हैकर श्रीकृष्णा उर्फ श्रीकी को गिरफ्तार किया गया था. उसके पास से करोड़ों रुपए के बिटक्वाइन जब्त किए गए हैं. श्रीकृष्णा पर सरकारी पोर्टलों की हैकिंग करने, ‘डार्कनेट’ के जरिए ड्रग्स  मंगाने और क्रिप्टोकरेंसी के माध्यम से उसका भुगतान करने का भी आरोप है.

कांग्रेस महासचिव और कर्नाटक प्रभारी रणदीप सुरजेवाला ने कहा, ‘यह हिंदुस्तान का सबसे बड़ा बिटक्वाइन घोटाला है. इसके तार 14-15 मुल्कों से जुड़े हैं. इस मामले में हर चीज पर पर्दा डालने के षड्यंत्रकारी प्रयास किए गए. एनआईए और दूसरी एजेंसियों को अंधेरे में रखा गया. कर्नाटक की बीजेपी सरकार इस मामले पर पर्दा डालने की कोशिश कर रही है.’

उन्होंने दावा किया, ‘इस कथित हैकर ने मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट के सामने बयान दिया. उसने खुद माना कि उसने आठ बार हैकिंग की है और यह स्वीकार किया है कि उसने 5000 बिटक्वाइन चुराए, बहुत सारी जानकारी उसने नहीं दी है.’

उन्होंने कुछ दस्तावेज जारी करते हुए दावा किया, ‘दो मौकों पर एक दिसंबर, 2020 और 14 अप्रैल, 2021 को बिटक्वाइन ट्रांसफर किए गए. इस अवधि में कथित हैकर श्रीकृष्णा बेंगलुरू पुलिस की हिरासत में था. इस पूरे मामले में कर्नाटक की सत्ता में मौजूद लोगों पर गंभीर सवाल खड़े होते हैं. प्रधानमंत्री और गृह मंत्री की चुप्पी पर सवाल खड़े होते हैं.’

सुरजेवाला के मुताबिक, मुख्यमंत्री बसवराव बोम्मई ने पिछले दिनों प्रधानमंत्री मोदी से मुलाकात की और खुद कहा है कि उन्होंने इस बैठक के दौरान बिटक्वाइन घोटाले पर चर्चा की.

उन्होंने कहा, ‘हम प्रधानमंत्री, गृह मंत्री, मुख्यमंत्री और जेपी नड्डा से पूछना चाहते हैं कि बिटक्वाइन घोटाले के पीछे कौन लोग हैं?’

कांग्रेस नेता ने सवाल किया, ‘इंटरपोल को सूचित क्यों नहीं किया गया? कर्नाटक की बीजेपी सरकार नवंबर, 2020 में कथित हैकर की गिरफ्तारी होने के बाद पांच महीने चुप क्यों रही? मुख्यमंत्री की भूमिका और जिम्मेदारी क्या है क्योंकि इस पूरे घटनाक्रम के समय वह राज्य के गृह मंत्री थे? एनआईए, ईडी समेत दूसरी एजेंसियों और रिजर्व बैंक को सूचित क्यों नहीं किया गया?’

उन्होंने कहा, ‘इसकी जांच बीजेपी सरकार नहीं कर सकती. यह एक अंतरराष्ट्रीय बिटक्वाइन घोटाला है. इसकी जांच के लिए सप्रीम कोर्ट के वर्तमान न्यायाधीश की निगरानी में एसआईटी गठित की जाए. इंटरपोटल, दूसरी संबंधित एजेंसियों और रिजर्व बैंक के प्रतिनिधियों को भी इस जांच में शामिल किया जाए.’

गौरतलब है कि बिटक्वाइन दुनिया की एक प्रमुख क्रिप्टोकरेंसी (एक तरह की डिजिटल मुद्रा) है. मौजूदा समय में एक बिटक्वाइन की कीमत 50 लाख रुपए से अधिक है.


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