नई दिल्ली: आम आदमी पार्टी (आप) ने बुधवार को कहा कि केंद्र ने दिल्ली सरकार की प्रस्तावित घर-घर राशन वितरण योजना को ‘खारिज’ कर दिया है और इसके लिए ‘हास्यास्पद बहाने’ दिए हैं. दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने पूछा कि इतने विवादों और राजनीति के बीच देश कैसे तरक्की करेगा.
प्रेस बीफ्रींग में आप के वरिष्ठ नेता और दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने कहा कि दिल्ली सरकार को मंगलवार को केंद्र से एक पत्र मिला जिसमें कहा गया है कि राज्य सरकार की घर-घर राशन वितरण योजना के प्रस्ताव को खारिज कर दिया गया है. उपमुख्यमंत्री ने इसके लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को जिम्मेदार ठहराया.
बाद में केजरीवाल ने सिलसिलेवार ट्वीट करके केंद्र की भाजपा नीत सरकार पर राज्यों के साथ विवादों में शामिल होने का आरोप लगाया.
उन्होंने कहा, ‘केंद्र की चिट्ठी आयी है. बेहद पीड़ा हुई. इस क़िस्म के कारण देकर हर घर राशन योजना ख़ारिज कर दी- राशन गाड़ी ट्रैफ़िक में फंस गयी या ख़राब हो गयी तो, तीसरी मंज़िल तक राशन कैसे जाएगा (21वीं सदी का भारत चांद पर पहुंच गया, आप तीसरी मंज़िल पर अटक गए), संकरी गली में कैसे जाएगा.’
सिसोदिया ने भी यही बिंदु उठाए और योजना को खारिज करने के लिए मोदी को जिम्मेदार ठहराया.
एक अन्य ट्वीट में केजरीवाल ने कहा कि सबके साथ विवाद करना सही नहीं है.
सिसोदिया ने पीएम मोदी पर हमला करते हुए कहा, ‘हर वक्त हर किसी से झगड़ा सही नहीं- ट्विटर, लक्षद्वीप, ममता दीदी, महाराष्ट्र, झारखंड, दिल्ली सरकार, किसानों, व्यापारियों, पश्चिम बंगाल के चीफ़ सेक्रेटेरी (मुख्य सचिव) तक से झगड़ा. इतना झगड़ा, हर वक्त राजनीति से देश आगे कैसे बढ़ेगा? घर घर राशन योजना राष्ट्रहित में है. इस पर झगड़ा मत कीजिए.’
सिसोदिया ने दावा किया कि दिल्ली सरकार ने इस योजना पर कोई प्रस्ताव केंद्र को मंजूरी के लिए नहीं भेजा था.
सिसोदिया ने कहा, ‘सार्वजनिक वितरण प्रणाली (पीडीएस) के तहत राशन वितरण राज्य की जिम्मेदारी है. उन्हें इस योजना के नाम में ‘मुख्यमंत्री’ होने पर आपत्ति थी, जिसे हमने हटा दिया. जब उन्हें कोई प्रस्ताव भेजा ही नहीं गया तो उन्होंने किस प्रस्ताव को खारिज किया है?’
आप नेता ने कहा कि घर-घर राशन योजना को लागू किया जाना चाहिए है और प्रधानमंत्री मोदी पर सभी से लड़ाई करने का आरोप लगाया.
मोदी सरकार के विभिन्न राज्यों के साथ विवाद का जिक्र करते हुए सिसोदिया ने कहा, ‘आप क्यों हमेशा झगड़ने के मूड में रहते हैं? देश ने पिछले 75 साल में ऐसा झगड़ालू प्रधानमंत्री नहीं देखा है.’
उन्होंने पूछा, ‘अगर लोगों के घरों में पिज्जा, कपड़े और अन्य वस्तुएं पहुंचाई जा सकती हैं, तो राशन उनके घर तक क्यों नहीं पहुंचाया जा सकता है?’
सिसोदिया ने उपभोक्ता मामले, खाद्य और सार्वजनिक वितरण मंत्रालय के 22 जून के एक पत्र की प्रति साझा की है जिसमें राशन वितरण योजना के प्रशासनिक और वित्तीय पहलुओं पर विभिन्न आपत्तियां उठाईं गई हैं.
पत्र के मुताबिक, ‘यह स्पष्ट किया जाता है कि राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली सरकार का प्रस्ताव राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम की वैधानिक और कार्यात्मक आवश्यकताओं को पूरा नहीं करता है और इसलिए, जीएनसीटीडी (दिल्ली सरकार) द्वारा किए गए प्रस्ताव को स्वीकार नहीं किया जा सकता है.’
दिल्ली सरकार ने घर-घर राशन पहुंचाने की शुरुआत करने की योजना बनाई थी.
मुख्यमंत्री कार्यालय के अनुसार, उपराज्यपाल ने योजना से संबंधित फाइल को यह कहते हुए वापस कर दिया कि इसे लागू नहीं किया जा सकता.
दिल्ली सरकार के मुताबिक, अगर योजना को लागू किया जाता है तो शहर के 72 लाख राशनकार्ड धारकों को फायदा होगा.
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