नई दिल्ली: कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने कृषि कानून विरोधी आंदोलन के दौरान जान गंवाने वाले किसानों का ‘रिकॉर्ड नहीं होने’ को लेकर शुक्रवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर निशाना साधा और कहा कि उन्हें मानवता दिखाते हुए इन किसानों के परिवारों को उचित मुआवजा प्रदान करना चाहिए.
उन्होंने ‘किसान आंदोलन के दौरान मारे गए 500 से अधिक किसानों की एक लिस्ट’ भी सार्वजनिक की और कहा कि वह यह सूची सोमवार को लोकसभा के पटल पर रखेंगे.
राहुल गांधी ने कहा, ‘संसद में सवाल किया गया था कि क्या किसान आंदोलन में 700 किसानों की मौत हुई? सरकार ने जवाब दिया कि उसके पास कोई रिकॉर्ड नहीं है. हम 503 नाम जारी कर रहे हैं. बाकी नामों का सत्यापन करने के बाद हम सूची जारी कर देंगे.’
उन्होंने दावा किया कि सरकार कोरोना महामारी में मारे गए लोगों और किसान आंदोलन के दौरान जान गंवाने वाले किसानों के परिवारों को मुआवजा नहीं देना चाहती है जिस वजह से वह मौत के आंकड़े स्वीकार नहीं कर रही है.
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राहुल ने जोर देकर कहा कि प्रधानमंत्री और सरकार को मानवता दिखाते हुए किसान आंदोलन के दौरान जान गंवाने वाले किसानों के परिवारों को उचित मुआवजा देना चाहिए.
उन्होंने कहा, ‘पंजाब की सरकार ने ऐसे किसानों के परिवारों को पांच-पांच लाख रुपये का मुआवजा दिया है. हमारी कोई गलती नहीं है. प्रधानमंत्री की गलती से लोगों की जान गई है.’
कांग्रेस नेता ने सवाल किया, ‘जब प्रधानमंत्री ने अपनी गलती स्वीकार कर ली, माफी मांग ली तो फिर मुआवजा देने में क्या परेशानी है?’
सरकार ने पिछले 30 नवंबर को बताया था कि दिल्ली के आसपास कृषि कानूनों के खिलाफ प्रदर्शन के दौरान मृत किसानों की संख्या से जुड़ा आंकड़ा कृषि और किसान कल्याण मंत्रालय के पास नहीं है.
लोकसभा में एक प्रश्न के लिखित उत्तर में कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने यह जानकारी दी थी. राजीव रंजन सिंह, टी आर प्रतापन, एन के प्रेमचंद्रन, ए एम आरिफ, डीन कुरियाकोस, प्रो. सौगत राय और अब्दुल खालीक ने पूछा था कि तीन कृषि कानून के खिलाफ दिल्ली के आसपास आंदोलन के दौरान कितने किसानों की मौत हुई.
तोमर ने बताया था, ‘कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय के पास इस संबंध में कोई आंकड़ा नहीं हैं.’
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