मुम्बई : शिवसेना ने सोमवार को कहा कि महाराष्ट्र में सरकार गठन को लेकर जारी खींचतान के बीच बारिश प्रभावित किसानों को दरकिनार नहीं किया जाना चाहिए. साथ ही पार्टी ने किसानों को लगभग 30,000 करोड़ रुपये के राहत पैकेज प्रदान किए जाने की मांग की.
शिवसेना ने अपने मुखपत्र ‘सामना’ के संपादकीय में कहा कि किसानों को किसी भी कीमत पर बचाए जाने की जरूरत है. साथ ही उसने बेमौसम बारिश के कारण नष्ट हुई फसलों के लिए राज्य सरकार द्वारा घोषित 10,000 करोड़ रुपए की सहायता को अपर्याप्त बताया.
उसने कहा कि देश पहले ही आर्थिक नरमी का सामना कर रहा है जिसके परिणामस्वरूप लाखों लोग बेरोजगार हुए हैं और ऐसे समय में जो खेती पर निर्भर हैं वे बेमौसम बारिश की मार झेल रहे हैं.
शिवसेना का यह बयान ऐसे समय में आया है जब राज्य में सरकार गठन को लेकर सहयोगी दल भाजपा के साथ उसकी खींचतान जारी है.
उसने कहा, ‘महाराष्ट्र में बेमौसम बारिश की मार झेल रहे किसानों को उनके हाल पर नहीं छोड़ा जा सकता.’
संपादकीय में कहा गया है कि सरकार की प्राथमिकता किसानों की मदद करना होना चाहिए. ‘किसानों को किसी भी कीमत पर बचाने की जरूरत है.’ उसने कहा, ‘राज्य सरकार द्वारा घोषित 10,000 करोड़ रुपए की सहायता अपर्याप्त है. किसानों को 25,000 करोड़ रुपए से लेकर 30,000 करोड़ रुपए तक की मदद मुहैया कराई जानी चाहिए.’
प्राथमिक आकलन के अनुसार राज्य के 325 तालुकाओं में 54.22 लाख हेक्टेयर फसल नष्ट हुई है. अरब सागर में चक्रवात के कारण राज्य को बेमौसम बारिश का सामना करना पड़ा था.
राज्य में 24 अक्टूबर को विधानसभा चुनाव परिणाम घोषित होने के बाद से दोनों गठबंधन साझीदारों के बीच मुख्यमंत्री पद को लेकर खींचतान जारी है.
शिवसेना अपने लिए मुख्यमंत्री पद की मांग कर रही है और भाजपा इस पर राजी नहीं है.
इस चुनाव में 288 सदस्यीय महाराष्ट्र विधानसभा में शिवसेना ने 56 और भाजपा ने 105 सीटों पर जीत दर्ज की थी.