नई दिल्ली: महाराष्ट्र की राजनीति के नए नवेले दोस्त जब आपस में भिड़ें तो दूर से देख रहे विरोधी मज़ा लेते नज़र आ रहे हैं. हाल में राहुल गांधी ने बयान दिया कि ‘वे राहुल सावरकर नहीं है कि मांफी मांग ले.’ शिव सेना की राजनीति में वीर सावरकर में भगवान जितनी आस्था है. ऐसे में लाज़िमी है कि राहुल का यूं सावरकर का मज़ाक उड़ाना शिव सेना के लिए ज़हर का घूट पीने जैसा है और विपक्षियों को कटाक्ष करने का ये एक खुला न्यौता भी है. शिव सेना ने कहा है कि वो सावरकर का अपमान नहीं सहन करेगी.
और मौका न चूकते हुए, विश्व हिंदू परिषद ने शिवसेना के इस बयान को सराहयनीय बताया और कहां ‘हमें बहुत आनंद लग रहा है.’
विश्व हिंदू परिषद के महामंत्री मिलिंद परांडे ने कहा,’कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने पहले सुप्रीम कोर्ट, सूरत कोर्ट और भिंवडी कोर्ट में माफी मांगी है उन्होंने जो उपहास वीर सावरकर का किया है वह अक्षम्य है. अब वो माफी भी मांगेंगे तो हिंदू समाज उन्हें कभी माफ नहीं करेगा.’
‘सावरकर न देश के लिए जितना त्याग, बलिदान और कष्ट अपने जीवन में सहा है, उसका रत्ती भर भी राहुल गांधी के जीवन में दिखाई नहीं देता है.
उन्होंने कहा, ‘इस मुद्दे पर शिवसेना ने जो स्टैंड लिया है वो सराहयनीय है. इसमें कोई आश्चर्य भी नहीं है. हमें बहुत आनंद लग रहा है.’
सावरकर के सम्मान से कोई समझौता नहीं
हाल ही में महाराष्ट्र में शिवसेना, एनसीपी और कांग्रेस का हुआ गठबंधन देश के राजनीति में एक अनोखा प्रयोग है. इस प्रयोग में शिवसेना और कांग्रेस दोनों दलों की विचारधारा अलग-अलग है, लेकिन महाराष्ट्र में भाजपा को दूर रखने के लिए दोनों दलों ने आपस में हाथ मिलाए हैं. लेकिन कट्टर हिंदुवादी मामले हों या वीर सावरकर जैसे मुद्दे यहां दोनों ही दलों की राजनीति एक दूसरे के खिलाफ़ हो जाती है. शिवसेना शुरू से ही सावरकर और हिंदुत्व जैसे मुद्दे को उछालती रही है. वहीं कांग्रेस सावरकर के खिलाफ बयानबाजी करती रही है.
हाल ही में जब कांग्रेस की ‘भारत बचाओं रैली’ में माफी मांगे जाने की बात पर राहुल गांधी के ‘मैं सावरकर नहीं’ के बयान के बाद शिवसेना भी भड़क उठी. शिवसेना प्रवक्ता संजय राउत ने कहा, ‘राहुल गांधी का बयान बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है.’
उन्होंने मराठी में ट्वीट किया, ‘नेहरु गांधी की तरह वीर सावरकर ने भी देश के लिए बलिदान दिया था. वीर सावरकर सिर्फ महाराष्ट्र के ही नहीं, देश के देवता है. सावरकर के नाम में राष्ट्र अभिभान और स्वाभिमान है. नेहरु गांधी की तरह सावरकर ने भी देश की आज़ादी के लिए जीवन समर्पित किया. इस देवता का हमें सम्मान करना चाहिए. उसमें कोई भी समझौता नहीं होगा.’
राउत ने यह भी ट्वीट किया,’ हम पंडित नेहरू, महात्मा गांधी का आदर करते हैं. आप भी वीर सावरकर का अपमान मत करो. जो समझदार होता है उसे ज्यादा बताने की जरूरत नहीं होती है.
कांग्रेस का दोहरा चरित्र: बसपा
इस मामले में बसपा प्रमुख मायावती भी कांग्रेस पर जोरदार हमला बोल चुकी है. उन्होंने ट्वीट कर कहा,’शिवसेना अपने मूल एजेंडे पर अभी भी कायम है, इसलिए इन्होंने नागरिकता संशोधन बिल पर केन्द्र सरकार का साथ दिया और अब सावरकर को लेकर इन्हें कांग्रेस का रवैया बर्दाश्त नहीं है. लेकिन फिर भी कांग्रेस पार्टी महाराष्ट्र सरकार में शिवसेना के साथ अभी भी बनी हुई है तो यह सब कांग्रेस का दोहरा चरित्र नहीं है तो और क्या है?’
बसपा सुप्रीमो मायावती ने आगे कहा, ‘कांग्रेस को इस मामले में अपनी स्थिति ज़रूर स्पष्ट करनी चाहिये. वरना यह सब इनकी अपनी पार्टी की कमज़ोरियों पर से जनता का ध्यान बांटने के लिए केवल कोरी नाटकबाज़ी ही मानी जायेगी.’