नई दिल्ली: दिग्गज राजनेता शरद पवार ने मंगलवार को घोषणा की कि वह राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) के प्रमुख के पद को छोड़ रहे हैं.
पवार ने कहा, “मैं जनता हूं कि मुझे कहां और कब रुकना है इसलिए मैं एनसीपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष पद से इस्तीफा दे रहा हूं.”
उन्होंने कहा कि, “मैंने सिर्फ पार्टी के पद से इस्तीफा दिया है पार्टी के बाकी का काम करता रहूंगा. मैं पार्टी के नेताओं के साथ हमेशा खड़ा हूं.”
शरद पवार के पार्टी पद से इस्तीफा दिए जाने के एलान के बाद से ही अचानक पार्टी के नेता और समर्थक भावुक हो गए और उन्होंने पवार से उनके विचार पर एक बार फिर से सोचने की गुजारिश की.
82 वर्षीय शरद पवार ने 1999 में कांग्रेस से अलग होकर एनसीपी की स्थापना की थी.
पवार ने यशवंतराव चव्हाण प्रतिष्ठान में अपनी आत्मकथा का विमोचन करने के अवसर पर अध्यक्ष पद छोड़ने का ऐलान किया जिस पर राकांपा के नेताओं और कार्यकर्ताओं ने विरोध जताया.
इस दौरान एक ही सुर में पार्टी के नेता छगन भुजबल, जितेंद्र आव्हाड और दिलीप वलसे पाटिल सहित राकांपा के कई नेताओं ने कहा, “हम राकांपा अध्यक्ष पद से इस्तीफा देने के आपके फैसले को स्वीकार करने के लिए तैयार नहीं हैं. हम चाहते हैं कि आप अपने फैसले पर पुनर्विचार करें.”
एनसीपी नेता जयंत पाटिल पार्टी प्रमुख शरद पवार की घोषणा के बाद भावुक हो गए कि वह पार्टी अध्यक्ष के रूप में पद छोड़ देंगे.
पवार ने कहा, ‘‘मैंने राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी का अध्यक्ष पद छोड़ने का फैसला किया है.’’उन्होंने पार्टी की आगे की रणनीति तय करने के लिए वरिष्ठ नेताओं का पैनल बनाने की घोषणा की.
हालांकि, राकांपा नेताओं और कार्यकर्ताओं ने पवार से फैसला वापस लेने की मांग की. उन्होंने कहा कि जब तक पवार फैसला वापस नहीं लेते वे समारोह स्थल से नहीं जाएंगे.
वहीं कांग्रेस पार्टी के अध्यक्ष नाना पटोले ने कहा, ‘हमने सोचा था कि शरद पवार अपनी अंतिम सांस तक सार्वजनिक जीवन में रहेंगे लेकिन हम यह नहीं बता सकते कि उन्होंने आज इस्तीफा क्यों दिया. इसका असर महा विकास अघाड़ी (एमवीए) पर नहीं पड़ेगा. हमें उम्मीद है कि एनसीपी का नया अध्यक्ष एमवीए के साथ रहेगा.”
पूर्व केंद्रीय मंत्री और चार बार महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री रहे पवार की राकांपा, कांग्रेस और शिवसेना का महा विकास आघाड़ी (एमवीए) गठजोड़ बनाने में अहम भूमिका रही है.
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