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Sunday, 22 December, 2024
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J&K विधानसभा में हंगामा, अनुच्छेद 370 पर प्रस्ताव को लेकर BJP विधायकों और AIP MLA खुर्शीद में झड़प

स्पीकर ने मार्शलों को उन सदस्यों को हटाने का आदेश दिया जो अपनी सीमा पार करते देखे गए और विपक्षी नेताओं से उचित व्यवहार करने को कहा.

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श्रीनगर: जम्मू और कश्मीर विधानसभा में गुरुवार को भी व्यवधान जारी रहा, क्योंकि विपक्ष ने अवामी इत्तेहाद पार्टी (एआईपी) के विधायक और इंजीनियर राशिद के भाई खुर्शीद अहमद शेख द्वारा अनुच्छेद 370 पर बैनर दिखाने पर कड़ी आपत्ति जताई.

विधानसभा में विपक्ष के नेता सुनील शर्मा और अन्य भाजपा विधायकों ने खुर्शीद अहमद शेख के द्वारा बैनर दिखाए जाने पर आपत्ति जताई और विपक्षी विधायक सदन के वेल में घुस गए और शेख खुर्शीद और ट्रेजरी बेंच के अन्य विधायकों के साथ हाथापाई करते देखे गए.

स्पीकर ने मार्शलों को उन सदस्यों को हटाने का आदेश दिया जो अपनी सीमा पार करते देखे गए और विपक्षी नेताओं से उचित व्यवहार करने को कहा.

इससे पहले, पीपल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) ने अनुच्छेद 370 और 35ए की बहाली की मांग करते हुए एक नया प्रस्ताव पेश किया.

इस प्रस्ताव में कहा गया है, “सदन भारत सरकार द्वारा अनुच्छेद 370 और अनुच्छेद 35ए के असंवैधानिक और एक तरफा निरस्तीकरण के साथ-साथ जम्मू और कश्मीर पुनर्गठन अधिनियम, 2019 को लागू करने की कड़ी निंदा करता है. इन कार्रवाइयों ने जम्मू-कश्मीर से उसका विशेष दर्जा और राज्य का दर्जा छीन लिया, जिससे भारत के संविधान द्वारा क्षेत्र और उसके लोगों को मूल रूप से दी गई मूलभूत गारंटी और सुरक्षा को कमजोर किया गया.”

इस प्रस्ताव पर पीडीपी नेताओं और शेख खुर्शीद ने भी हस्ताक्षर किए. नवनिर्वाचित विधानसभा का पहला सत्र 4 नवंबर, सोमवार को शुरू हुआ.

पहले दिन भी जम्मू-कश्मीर विधानसभा में उस समय हंगामा हुआ जब पुलवामा निर्वाचन क्षेत्र का प्रतिनिधित्व करने वाले पीडीपी (पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी) के नेता वहीद पारा ने अनुच्छेद 370 को हटाने के खिलाफ और जम्मू-कश्मीर के विशेष दर्जे को बहाल करने के लिए प्रस्ताव पेश किया.

पीडीपी सुप्रीमो महबूबा मुफ्ती ने भी विधानसभा में प्रस्ताव पेश करने के लिए पीडीपी नेता की सराहना की.

उल्लेखनीय है कि अनुच्छेद 370 की बहाली और जम्मू-कश्मीर के राज्य का दर्जा तथा स्वायत्तता प्रस्ताव का क्रियान्वयन नेशनल कॉन्फ्रेंस द्वारा जम्मू-कश्मीर चुनाव के लिए अपने घोषणापत्र में किए गए मुख्य वादों में से एक था.

नई विधानसभा का पहला सत्र 8 नवंबर को समाप्त होगा. उपराज्यपाल के अभिभाषण के अलावा, 5 नवंबर को पूर्ववर्ती जम्मू-कश्मीर विधानसभा के अंतिम सत्र के बाद से दिवंगत हुए पूर्व विधायकों को श्रद्धांजलि दी जाएगी.


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